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एक प्रेम पहेली (अध्याय - १)

3 अगस्त 2023

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एक कहानी मेरी शुरू करता हूं आज से,

मैं बीटेक की पढ़ाई खत्म करने के बाद खुद को जॉब के लिए तैयारियों में लगा हुआ था ओर साथ ही साथ मैं उसके प्रेम में पड़ चुका था। अब मैं घर से पुनः उसी जगह आ चुका था जहां से मैंने बीटेक की पढ़ाई आरंभ की हुई थीं मैं यहां वापस आया क्यूंकि मुझे नौकरी करने के लिए कुछ मूल्यभूत जानकारियां इकट्ठी करनी थीं और यहां आने के बाद रूम पूरा खाली मैं रूम में अकेला खुद पर लदी नौकरी करने की जिम्मेदारी और अकेलापन मुझे कुछ करने नही देता।

अखीरत मैं कुछ दिनों के बाद पढ़ने का मन बनाकर बैठा पढ़ने को और मैं पढ़ा जो भी मुझे पढ़ना था फिर आया उसका मैसेज व्हाट्सएप पार जिसका मुझे बीते 15 दिनों से इंतेजार था उसकी याद मे मैने बहुत सी वीडियो डाउनलोड कर राखी थीं कि जब ओ आयेगी ऑनलाइन तो उसे भेज उसे भेज उससे सवाल कर बैठूंगा पर उससे बात करते मैं इन बातों को भूल गया फिर उसके बाद उसने मैसेज करना बंद कर दिया मुझे ऑनलाइन देख ओ ऑफलाइन हो जाती, मुझे ये बात खलने लगी आखिर बात क्या है आखिर मैं ही क्यू जिससे ये दूर जाना चाहती है कभी मन को आता कि उसे फोन कर उससे सवाल करू फिर जहन मे आता कि फोन उसका खुद का नही फोन करू तो उसके घर वाले उठा लेंगे इन्ही सवालों को सोच कर मैं अपने सवाल पूछना भूल गया।

और हर बार उसके ऑनलाइन आने का इंतेजार करता की कास ओ आती और मैं उससे बात करता पर ऐसा होता नहीं मेरे आते ही ऑफलाइन और जाते ही ऑनलाइन मानो जैसे किसी को मेरे ऊपर पहरेदार बैठा रखी हो इन्ही यादों मैं उदास पढ़ता भी नही और अपनी कहानी एक महिला मित्र को सुनाता ओ बस दिलासा देती कि सब ठीक हो जायेगा आखिर करने को ओ करती भी क्या दिलासा देने के बजाय फिर एक रात दो रात ऐसे करते हफ्तों गुजर गए मैं उसे देखता और ओ मुझे आते ही ऑफलाइन हो जाती।

फिर मैंने एक रात उसका इंतेजार फिर अगले दिन अपने बातों का इज़हार और उससे सवाल किया उसने हां, हूं में सारे जवाब दे डाले मैं पूछता गया सवाल ओ कहती गई 'आप गलत सोचते है हम तो ऐसा नही चाहते ' इन्ही बातों को सुन मैं स्तब्ध अपने कदम पीछे ले लिए और जाते वक्त उसने कहा था मैं करूंगी मैं मैसेज तुम्हे और तबसे मैं उसका इंतेजार करता रह गया...... और मेरा प्यार मेरा होकर भी क्या अधूरा रह गया !

ये रही मेरी आज की कहानी और बीते कल की कहानी हम आने वाले कल में लिखेंगे और पढ़ेंगे.... धन्यवाद

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रचनाएँ
एक प्रेम पहेली
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एक ऐसा इश्क जो मेरी अपनी कहानी पर आधारित है। एक ऐसा इश्क जो पूरा होकर भी अधूरा रह गया.... ये कहानी मेरी जीवन की सरलतम प्रेम प्रसंग पर आधारित है आप सभी पढ़े और स्नेह दे..... धन्यवाद

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