
नई दिल्लीः हरियाणा के मोखरा गांव में कुश्ती के दांव-पेंच सीखकर निकली वह 23 साल की लड़की 15 जून को फेसबुक पेज पर ओलंपिक के तीन मेडल की फोटो लगाती है। बीच में गोल्ड और किनारों पर सिल्वर तथा ब्रांज मेडल। फोटो के ऊपर एक लाइन का कैप्शन लिखती है-ड्रीम्स फार एव्री स्पोर्ट्स परसन। यानी हर खिलाड़ी का सपना। उस वक्त इस पोस्ट को करीब एक हजार लाइक्स ही मिलते हैं और मुश्किल से 32 लोग शेयर करते हैं। क्योंकि खेल और खिलाड़ियों से नाता रखने वाले लोग भले ही उस वक्त साक्षी से परिचित थे, मगर आम लोग ज्यादातर नहीं। ठीके 63 वें दिन। रक्षाबंधन के दिन सूरज उगने से पहले इस लड़की का सपना हकीकत में बदल चुका था। विरोधी पहलवान को चित करने पर हाथ में कांस्य चमक रहा था। रियो में पदकों के सूखे से जूझते भारत की झोली में पहला पदक आते ही देश में जश्न में डूब गया। जब इस लड़की ने कांस्य मेडल की फोटो फेसबुक पर पोस्ट की तो रिकार्ड तीन लाख से ज्यादा लाइक्स मिले और तीन हजार के करीब शेयर। इसी के साथ देश साक्षी के रूप में एक स्टार बॉर्न का साक्षी हो गया। यह कहानी मानो एक परीकथा के हकीकत में बदलने जैसी रही।
रक्षाबंधन के दिन साक्षी ने भारत की सूनी कलाई पर बाधा मेडल का धागा
कौन जानता था कि भारत इस बार 119 खिलाड़ियों की भारी-भरकम टीम रियो ओलंपिक में भेज रहा है। हर बार से ज्यादा खिलाड़ी थे और इसमें भी कई स्टार खिलाड़ी शामिल। जिनसे पदक की उम्मीद थी वे एक-एक कर खेल के मैदान में ढेर होते गए। सानिया, अभिनव बिंद्रा, साइना नेहवाल, योगेश्वर, ज्वाला, लिएंडर पेस जैसे स्टार खिलाड़ियों से देश को पदक की उम्मीद थी, मगर सबने निराश किया। दीपा कर्माकर ने जिम्नास्टिक में पहली बार फाइनल में पहुंचकर इतिहास कायम किया तो देश को कुछ सुकून मिला, मगर मामूली अंतर से यह 23 वर्षीय खिलाड़ी पदक से चूक गई। ऐसा लगा कि अब भारत 1992 वाले हाल में पहुंच रहा है। 119 खिलाड़ियों की टीम के खाली हाथ भारत पहुंचने की आशंका दिखने लगी....तभी चमत्कार हुआ। हां भारत के लिहाज से इसे चमत्कार कहना ही कहा जाएगा। जब देश सुबह रक्षाबंधन मनाता....उससे पहले 17-18 अगस्त की रात दो बजे महज 23 साल की साक्षी ने भारत को शर्मिंदा होने से बचाते हुए पहले मेडल का साक्षी बना दिया। इसी के साथ रियो ओलंपिक में भारत की सूनी कलाई पर साक्षी ने कांस्य पदक की राखी बांध दी। साक्षी के इस सिलसिले को 21 साल की सिंधु ने बैडमिंटन में जीतकर और चमकदार बना दिया।
फेसबुक पर फोटो दर फोटो बयां कर रही कामयाबी की सीढ़ियां
अगर आप साक्षी मलिक के फेसबुक पर वेरीफाइड पेज पर नजर डालें तो ओलंपिक से दो महीने पहले की हर तस्वीर की कड़ियां कामयाबी की सीरीज से जुड़ी हैं। मसलन, 15 जून को साक्षी ओलंपिक मेडल की तस्वीरें फेसबुक पर पोस्ट करती हैं।
कामयाबी की ओर बढ़ने का इशारा करतीं तस्वीरें
चार जुलाई को पीएम नरेंद्र मोदी के साथ सेल्फी लेकर साक्षी ने फेसबुक पर लगाया। जिसमें वह बचपन से मोदी से मिलने का सपना पूरा होने की बात कहती हैं। इस पोस्ट को 12 हजार लाइक और 2756 शेयर 27 अगस्त को दिन में 11 हजार मिल चुके थे। आठ जुलाई, 25 जुलाई को साक्षी रियो ओलंपिक तैयारी करती तस्वीर पोस्ट करती हैं तो दो हजार व 18 सौ लाइक व सिर्फ 15 शेयर मिलते हैं। 26 जुलाई को ट्रेनिंग कैंप में पहुंचने की साक्षी साथी रेस्टलर संग फोटो लगाती हैं तो 4.6 हजार लाइक्स और 83 शेयर मिलते हैं। चार अगस्त को साक्षी सुदर्शन पटनायक के ओलंपिक टीम के लिए रेत पर उकेरे गए संदेश रुकना नहीं है की तस्वीर शेयर करती हैं। पांच अगस्त को साक्षी दिल्ली एयरपोर्ट पहुंच चुकी हैं। मां सुदेश के साथ एयरपोर्ट पर बैग लेकर फोटो पेस्ट करती हैं। सात अगस्त का समय है। अब साक्षी रियो में जागिंग करती नजर आ रही हैं। 11 अगस्त को साक्षी ओलंपिक के लोगो के संग फोटो खिंचाकर रियो में शिरकत करने का जश्न मनाती दिख रहीं। अब 19 अगस्त की ऐतिहासिक तस्वीर है। जिसमें साक्षी रियो में अपनी ओर से दिलाए गए पहले ब्रांज मेडल को हाथ में लेकर सपने के सच होने की कहानी बयां कर रहीं हैं। इस फोटो को रिकार्ड 340 k यानी तीन लाख 40 हजार लाइक्स और 2889 शेयर मिले।
सहवाग संग तस्वीर को 14 घंटे में 95 हजार लाइक्स
साक्षी ने 26 अगस्त को सहवाग से मुलाकात की फोटो लगाई तो महज 14 घंटे के भीतर 95 हजार लाइक्स मिल गए।
सिंगल पोस्ट लाइक्स में बिग बी को भी पीछे छोड़ दिया
यूं तो बिग बी के फेसबुक पेज को विजिट करने वालों की तादाद बहुत ज्यादा है। साक्षी के पेज पर अब तक 169927 लोग है, जबकि बिग बी के पेज पर दो करोड़ 41 लाख लोग लाइक किए हैं। बावजूद इसके बिग बी की टॉप पोस्ट पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा दो लाख लोग ही लाइक कर रहे। जबकि साक्षी की रियो में कांस्य पदक के साथ की पोस्ट को रिकॉर्ड तीन लाख 46 हजार लोगों ने लाइक किया।