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ग़बन

ग़बन

मुंशी प्रेमचंद

5 भाग
35 लोगों ने लाइब्रेरी में जोड़ा
29 पाठक
17 जनवरी 2022 को पूर्ण की गई
निःशुल्क

प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। गबन उपन्यास मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखा गया एक यथार्थवादी उपन्यास है। इस उपन्यास की कथा वस्तु अपने मूल्यों से भटकते मध्य वर्ग के जीवन का वास्तविक चित्रण करने की रही है। जिसमें कहानी की नायिका जलपा का आभूषणों के प्रति अत्याधिक लोभ दर्शाया गया है, जिसके कारण उसका पति संकट में पड़ता है। ग़बन का मूल विषय है - 'महिलाओं का पति के जीवन पर प्रभाव'। ग़बन प्रेमचन्द के एक विशेष चिन्ताकुल विषय से सम्बन्धित उपन्यास है। यह विषय है, गहनों के प्रति पत्नी के लगाव का पति के जीवन पर प्रभाव। गबन में टूटते मूल्यों के अंधेरे में भटकते मध्यवर्ग का वास्तविक चित्रण किया गया। इसका प्रकाशन सन १९२७ में हुआ था। सन १९२६ में दहेज प्रथा और अनमेल विवाह को आधार बना कर इस उपन्यास का लेखन प्रारम्भ हुआ। इलाहाबाद से प्रकाशित होने वाली महिलाओं की पत्रिका 'चाँद' में नवम्बर १९२५ से दिसम्बर १९२६ तक यह उपन्यास विभिन्न किस्तों में प्रकाशित हुआ। 

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मुंशी प्रेमचंद

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35 लोगों ने लाइब्रेरी में जोड़ा
29 पाठक
17 जनवरी 2022 को पूर्ण की गई
निःशुल्क

प्रेमचंद आधुनिक हिन्दी कहानी के पितामह और उपन्यास सम्राट माने जाते हैं। यों तो उनके साहित्यिक जीवन का आरंभ १९०१ से हो चुका था पर बीस वर्षों की इस अवधि में उनकी कहानियों के अनेक रंग देखने को मिलते हैं। गबन उपन्यास मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखा गया एक यथार्थवादी उपन्यास है। इस उपन्यास की कथा वस्तु अपने मूल्यों से भटकते मध्य वर्ग के जीवन का वास्तविक चित्रण करने की रही है। जिसमें कहानी की नायिका जलपा का आभूषणों के प्रति अत्याधिक लोभ दर्शाया गया है, जिसके कारण उसका पति संकट में पड़ता है। ग़बन का मूल विषय है - 'महिलाओं का पति के जीवन पर प्रभाव'। ग़बन प्रेमचन्द के एक विशेष चिन्ताकुल विषय से सम्बन्धित उपन्यास है। यह विषय है, गहनों के प्रति पत्नी के लगाव का पति के जीवन पर प्रभाव। गबन में टूटते मूल्यों के अंधेरे में भटकते मध्यवर्ग का वास्तविक चित्रण किया गया। इसका प्रकाशन सन १९२७ में हुआ था। सन १९२६ में दहेज प्रथा और अनमेल विवाह को आधार बना कर इस उपन्यास का लेखन प्रारम्भ हुआ। इलाहाबाद से प्रकाशित होने वाली महिलाओं की पत्रिका 'चाँद' में नवम्बर १९२५ से दिसम्बर १९२६ तक यह उपन्यास विभिन्न किस्तों में प्रकाशित हुआ।

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मुझे ऐ उपन्यास चाहिए


बहुत खूबसूरत उपन्यास है । ऐसे ही आप इतने महान नहीं बने। शत- शत नमन 🙏🙏🙏🙏🙏

विशेषज्ञ पब्लिशिंग पैकेज
पुस्तक के भाग
1

गबन भाग 01

13 जनवरी 2022

2
0
2

ग़बन भाग 2

17 जनवरी 2022

1
0
3

गबन भाग 3

17 जनवरी 2022

1
0
4

गबन भाग 4

17 जनवरी 2022

1
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5

गबन भाग 5

17 जनवरी 2022

1
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