कोई फरियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे कोई फरियाद तेरे दिल में दबी हो जैसे तूने आँखों से कोई बात कही हो जैसे जागते-जागते एक उम्र कटी हो जैसे जागते-जागते एक उम्र कटी हो जैसे जान बाकी है मगर साँस रुकी हो जैसे Read More Full Lyrics
जहन में वो तो ख़ाब जैसा है,वो बदन भी गुलाब जैसा है,, बंद आँखों से पढ़ भी सकता हूँ,,तेरा चेहरा किताब जैसा है,, मेरी पलके झुकी है सजदे में,दिल भी गंगा के आब जैसा है,, हर घड़ी ज़िक्र तेरा करता हूँ,ये नशा भी शराब जैसा है,,अर्पित शर्मा "अर्पित"