नई दिल्ली : राज्यसभा और लोकसभा के सदस्यों पर चल रहे एलटीसी घोटाले में राज्यसभा के पूर्व सांसद महमूद मदनी को एक समन जारी किया गया है। ये समन एक विशेष अदालत ने जारी किया है। इसमें कहा गया है कि फर्जी एलटीसी दावे के कारण राजकोष को 5 75 लाख रूपये का नुकसान हुआ। इस मामले में न्यायाधीश ने कहा, आरोपियों के खिलाफ आपराधिक षड्यंत्र, ठगी, फर्जीवाड़ा, ठगी के उद्देश्य से फर्जीवाड़ा, फर्जी दस्तावेजों को वास्तविक के तौर पर उपयोग करने के मामले में मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं।
विशेष न्यायाधीश अंजू बजाज चंद्रा ने उत्तरप्रदेश से राष्ट्रीय लोकदल के नेता मदनी और उनके पूर्व निजी सहायक मुबशीर के खिलाफ सीबीआई के आरोपपत्र का संग्यान लिया और उनसे 21 फरवरी को अदालत के समक्ष पेश होने को कहा। न्यायधीश ने कहा कि इस मामले में आरोपी व्यक्तियों को गिरफ्तार नहीं किया जाए। आरोपियों को इस अदालत के समक्ष 21 फरवरी को पेश होने के लिए समन जारी किया जाए। अदालत ने यह भी कहा कि मदनी और मुबशीर के खिलाफ अभियोजन के लिए अनुमति की जरूरत नहीं है क्योंकि वर्तमान में वे लोक सेवक नहीं हैं।
इससे पहले पूर्व जेडीयू सांसद अनिल कुमार साहनी और एयर इंडिया की अधिकारी रुबीना अख्तर के खिलाफ सीबीआई ने एलटीसी घोटाले में शामिल होने और धोखाधड़ी के आरोप में आरोप पत्र दर्ज किया था। सीबीआई ने कहा कहा कि जेडीयू सांसद ने रुबीना अख्तर की मदद से 9.50 लाख रूपये के नकली एयर टिकट जमा करवाये।
अनिल कुमार से पूछताछ के बाद सीबीआई को पता चला कि राज्यसभा और लोकसभा के सांसद इस धोखाधड़ी में शामिल है। जिसके बाद सीबीआई ने राज्यसभा सचिवालय से दस्तावेज मंगवाकर 6 राज्यसभा सांसदों पर एफआईआर दर्ज की है लेकिन लोकसभा सचिवालय द्वारा सांसदों से सम्बंधित दस्तावेज उपलब्ध न करने के कारण सीबीआई लोकसभा सांसदों के खिलाफ कोई कार्रवाई नही कर पायी।