इंदौरः मध्य प्रदेश के जिस गांव के अधिकांश घरों में शौचालय ही नहीं उस गांव को डीएम ने अपनी वाहवाही के लिए जब शौचमुक्त(ओडीएफ) घोषित कर दिया तो गांव वालों को नागवार गुजरा। गांव के दो किसानों ने हिम्मत दिखाते हुए डीएम अशोक वर्मा से इसे फर्जीवाड़ा बताया तो साहब को गुस्सा आ गया। थानेदार को इशारा किया तो पुलिस ने सवाल करने वाले ग्रामीण को पूरी रात थाने में बैठाए रखा।
50 घरों में शौचालय नही नहीं
केंद्र सरकार की योजना के मुताबिक जिस गांव में शतप्रतिशत घरों में शौचालय बनता है तो उसे ओडीएफ(शौचमुक्त) घोषित कर दिया जाता है। गांव के गंभीर सिंह और लखन ने डीएम से कहा कि साहब गांव में कुल 250 घर हैं। इसमें से 50 घरों में तो अब तक शौचालय नहीं बना है। ऐसे में इसे कैसे शौचमुक्त घोषित किया जा सकता है। इस सवाल पर डीएम भड़क गए। डीएम के निर्देश पर पुलिस दोनों ग्रामीणों को थाने लेकर आई और पूरी रात लॉकअप में बैठाए रखा।
डीएम ने कहा-थप्पड़ जड़ देंगे तो ठीक हो जाओगे
बोधगांव में डीएम प्रशासनिक अमले के साथ ओडीएफ योजना की समीक्षा करने पहुंचे थे। जैसे ही किसान गंभीर सिंह ने कहा कि कई घरों में शौचालय बने नहीं तो गांव कैसे ओडीएफ हो गया। इस पर डीएम बिगड़ गए और बोले कि-दो थप्पड़ जड़ देंगे तो ठीक हो जाओगे। इसके बाद पुलिस ने गंभीर सिंह और उसके साथ खड़े लखन को गिरफ्तार कर लिया। दोनों को शांतिभंग की आशंका की धाराओं में रात भर थाने में बैठाकर रखा गया।