नई दिल्लीः नई सरकार में इसे अपनी गिरेबान बचाने की मजबूरी कहें या फिर शिष्टाचार मुलाकात, आजकल मुलायम घराने के मेंबर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की परिक्रमा करना शुरू कर दिए हैं। पहले बहू अपर्णा ने दो दफा योगी से मुलाकात की, अब अखिलेश के चाचा शिवपाल यादव भी लाइन में लग गए। शिवपाल ने समय मांगा तो बुधवार को दिन में सवा 11 बजे योगी ने मुलाकात का वक्त दिया है। योगी और शिवपाल के बीच मीटिंग फिक्स होने के बाद सियासी गलियारे में तरह-तरह की चर्चाएं हो रहीं हैं।
कहीं फाइलें खुलने से परेशान तो नहीं शिवपाल
बीते दिनों जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में गोमती रिवर फ्रंट का निरीक्षण किया तो जमीनों व निर्माण कार्य में बड़ा घपला सामने आाय। पता चला कि 15 सौ करोड़ खर्च होने के बाद भी निर्माण पूरा नहीं हुआ, बल्कि एक हजार करोड़ रुपये की और डिमांड कर दी गई। सपा सरकार में जब अखिलेश यादव का यह ड्रीम प्रोजेक्ट शुरू हुआ, उस वक्त शिवपाल यादव ही सिंचाई मंत्री थे। नियम विपरीत ढंग से ठेके देने के साथ मुआवजा वितरण में भी घपला सामने आया है। इसके अलावा पीडब्ल्यूडी में घोटालों की कई फाइलें भी सीएम ने तलब की है। कहा जा रहा है कि जिस तरह से योगी आदित्यनाथ एक्शन मोड में है, उससे शिवपाल यादव भी घबरा गए हैं। यही वजह है कि शिष्टाचार मीटिंग के बहाने सेटिंग की कोशिश करने में सपा सरकार के मंत्री जुट गए हैं। हालांकि योगी का जिस ढंग से व्यक्तित्व है, उससे सेटिंग की कोशिशें सफल नहीं होंगी। ऐसा सियासी गलियारे में माना जा रहा है।