
लखनऊ: EVM की सत्यनिष्ठा पर प्रश्नचिन्ह लगाने वाले पराजित पार्टियो के हताश और निराश नेताओ मायावती,अखिलेश यादव और केजरीवाल के आरोपो पर चुनाव आयोग द्वारा स्थिति स्पष्ट की जा चुकी है।आयोग द्वारा स्पस्टीकरण दिए जाने के बाद देश से विमुक्त हो रही कांग्रेस पार्टी के नेता गुलाम नबी आजाद ने विपक्षी दलों के साथ मिलकर एक और हास्यास्पद निर्णय लिया है। गुलाम नवी आज़ाद ने कांग्रेस की बची खुची स्थिति को भी शर्मसार कर दिया।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनावों का प्रभारी बनाकर कांग्रेस उत्तर प्रदेश से पहले ही अपना सफाया करा चुकी है।अब ऐसे में गुलाम नबी आजाद का विरोधी दलों के साथ लिया गया निर्णय पूरे देश से ही कांग्रेस का सफाया करने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा। भारतीय जनता पार्टी की कांग्रेस मुक्त भारत बनाने की मुहिम में भी गुलाम नबी आजाद का यह काम किसी उत्प्रेरक से कम नही साबित होगा।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी की सोची समझी रणनीति के तहत नई दिल्ली में विपक्षी दलों ने ईवीएम में कथित गड़बड़ी का आधार लेते हुये आधा चुनाव ईवीएम से और आधा मतपत्र से कराने का निर्णय लिया है।लिए गए निर्णय को गुलाम नबी आजाद के नेतृत्व में चुनाव आयोग को देने का भी निर्णय लिया गया है।
गुलाम नबी आजाद की अध्यक्षता में उन्ही के कार्यालय कक्ष में कल यह बैठक हुई थी जिसमे जनता दल यू, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल के नेताओं ने भाग लिया था। बैठक में ईवीएम की गड़बड़ी के मुद्दे को एकजुट होकर चुनाव आयोग के समक्ष उठाने का निर्णय किया गया। बैठक में लिए गये निर्णय के अनुसार विपक्षी दल इस साल के अंत तक गुजरात और हिमाचल प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव की आधी सीटों पर ईवीएम से और आधी सीटों पर मतपत्र से मतदान कराने की आयोग से अपील करेगा। इस प्रस्ताव पर बैठक में आम सहमति बनी है।
बैठक में विचार किया गया कि ईवीएम में छेड़छाड़ की लगातार बढ़ रही शिकायतों से समूची निर्वाचन प्रणाली पर उठ रही शंकाओं का भी निराकरण हो सकेगा और मशीनों में छेड़छाड़ नहीं हो सकने के चुनाव आयोग के दावे की पुष्टि भी हो जायेगी। विपक्षी दल एकजुट होकर भविष्य में होने वाले सभी चुनावों में पेपर ट्रेल मशीन (वीवीपीएटी) से चुनाव कराने की मांग भी कर रहे हैं।जबकि कांग्रेस ईवीएम में कथित छेड़छाड़ के मद्देजनर मशीन के बजाय मतपत्र के इस्तेमाल पर जोर दे रही है.
आधे आधे तरीके से होने वाले चुनाव का भारत में ही नही बल्कि अन्य देशो में भी हास्यास्पद तरीके से लिया जाएगा इएह सोच यह साबित करती है कि चुनाव आयोग की आधी कार्य प्रदाली पर विरोधी दलो को विश्वास है और आधी मैनुअल प्रणाली विरोधी दलो के हिसाब से चुनाव कराती हैi
बैठक में यह भी विचार किया गया कि, ‘इस व्यवस्था को बनाए रखने के लिए आवश्यक किसी भी बुनियादी सिद्धांत के उल्लंघन पर तत्काल एवं गंभीरता के साथ कार्रवाई किए जाने की आवश्यकता है.’ संसद भवन परिसर स्थित आजाद के कार्यालय में हुई बैठक में कांग्रेस नेता अहमद पटेल, आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल और विवेक तनखा के अलावा जदयू नेता अली अनवर अंसारी, तृणमूल नेता सुखेंदु शेखर रॉय, बसपा नेता सतीश मिश्रा और सपा नेता नीरज शेखर मौजूद थे। इसके अतिरिक्त राकांपा नेता मजीद मेमन, माकपा नेता डी राजा और राजद नेता जे पी नारायण यादव भी बैठक में मौजूद थे। सभी नेताओं ने इस मुद्दे को मजबूती से चुनाव आयोग के समक्ष उठाने का निर्णय लिया है।