18 अक्टूबर 2022
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जो मन में आता है , लिखता हूं । साफ कहना, साफ दिल , साफ लिखना मुझे पसंद है । D
सिंहनी : भाग 1 राधा सिया की पहली पोस्टिंग थी । उसे प्रथम नियुक्ति महिला जेल में मिली थी । सिया का सपना था जेलर बनना । वह चाहती थी कि वह अपराधियों के बीच रहकर अपने आचरण, बुद्धि, विवेक, योग, व्याख्
राधा की कहानी सुनकर सब स्त्रियों में जोश आ गया था । अनुसूइया जी ने राधा की वीरता और उसके कृत्य की भूरि भूरि प्रशंसा की । कहा "जब कानून अपना काम नहीं करता है और सिस्टम की पेचीदगियों का फायदा अपराधी उठा
मंदोदरी की कहानी बहुत अलग थी । जिससे प्रेम किया , उसी के साथ विवाह किया मगर जब वही आदमी एक अन्य औरत की अस्मिता के साथ खिलवाड़ करने लगा तो यह कैसे सहन कर सकती है वह । अपराधी चाहे कोई भी हो , यहां तक कि
द्रोपदी की कहानी सुनकर सब महिलाएं जोश में आ गईं और कहने लगीं कि इन कामांधों का यही इलाज है । और द्रोपदी के सुकृत्य की सबने भूरि भूरि प्रशंसा की । इसके बाद नंबर आया सुमित्रा का । सुमित्रा अपनी कहानी सु
सुमित्रा के पश्चात अनुसूइया जी ने दुर्गा का नाम पुकारा । दुर्गा शान से उठकर आई और अपनी कहानी सुनाने लगी । वह पुलिस इंस्पेक्टर थी । शहर के कई थानों में उसकी पोस्टिंग हो चुकी थी । अपराधियों के प्रत
अगला नंबर सावित्री का था । सावित्री ने बिना किसी भूमिका के कहना शुरु किया बात उन दिनों की है जब मेरी शादी की तैयारियां चल रही थी । मुझे देखने एक लड़का सत्या आया हुआ था । सत्या अच्छे परिवार का ऊंच
<div><span style="font-size: 16px;">अनुसूइया जी ने जब "अनन्या" को पुकारा तो उनका स्वर भीग गया था । अनन्या के चेहरे पर वीरांगना के भाव थे । अनन्या ने अपनी कहानी शुरू की । </span></div><div><span s