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हलकट सवाल

28 नवम्बर 2021

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पुत्र अर्जुन।
जी गुरू द्रोण...
कलियुग से तुम्हारे लिये एक मेल आई है, हमारे अकाउंट में। आईटी सेल वालों ने भक्तों के लिये तैयार की थी और उन्होंने हमें भेजी है।
जी गुरू द्रोण... अर्ज कीजिये।
वह आ के बैठे पहलू में और हसरतें यूँ मचल गयीं... वह आ के बैठे पहलू में और हसरतें यूँ मचल गयीं... पेट में बनी गैस थी और पूं कर के निकल गयी।
वाह-वाह गुरू द्रोण... पर आप तो मेल सुनाने वाले थे।
ओह हाँ... सारी पुत्र अर्जुन, वह तुमने अर्ज करने को कहा तो थोड़ा बहक गये। क्या है कि आजकल पार्ट टाईम मुशायरे अटैंड कर रहे हैं न। तो मेल में सबसे पहले तो तुम्हें चैंपियन धनुर्धारी बनने पर बधाई दी गयी है।
जी गुरूजी... आभार भक्तों का।
आगे वे लिखते हैं पुत्र अर्जुन तुम्हें बताना पड़ेगा कि तुम तब कहां थे जब मुहम्मद बिन कासिम ने अयोध्या पर हमला किया और राम जी की खड़ाऊ लूट ले गया।
जी
हाँ पुत्र अर्जुन... तुम तब कहां थे जब महमूद गजनवी ने भरी सभा में द्रोपदी की पोस्ट पर अश्लील कमेंट किये थे और सारा पोर्किस्तान उन कमेंट को लाईक कर रहा था।
हे भगवान
और सुनो पुत्र... तुम तब कहां थे जब मुहम्मद गौरी ने रावण के साथ मिल कर सीता मय्या की किडनैपिंग अंजाम दी थी और डायल 100 से भी कोई मदद नहीं मिली थी।
....................
आगे और भी है पुत्र... तुम तब कहां थे जब दुष्ट गद्दार मुगल रावण के साथ मिल के परमाणु परीक्षण करके रामजी को डरा रहे थे और रावण लाफ्टर चैलेंज में पार्टिसिपेट करने दिल्ली आया हुआ था।
..........................
अंत में यह भी पूछा है कि तुम तब कहां होओगे जब दुष्ट दुर्योधन राहुल गांधी और केजरीवाल के साथ मिल कर मोदी जी के खिलाफ वोट डलवा रहा होगा और औरंगजेब, शाहजहाँ, टीपू सुल्तान उनकी मदद कर रहे होंगे।
.......................
अरे पुत्र अर्जुन... यह धनुष पर तीर चढ़ा कर प्रत्युंचा खींचे कहां भागे जा रहे हो?
उन भक्तों और आईटी वालों के घुटने अपने बाणों से छलनी कर दूंगा गुरू द्रोण... मत रोकिये हमें।
अरे वो तो ठीक है, पर एक शेर तो सुनते जाओ... दर्दे हाजमा न दुरुस्त हुआ और कब्जियत शबाब पर पंहुची... बैठे रहे कल बैतुल खला में ये गाते हुए... आती नहीं आती नहीं।
इरशाद इरशाद। 

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रचनाएँ
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किसी फिल्म की कहानी को आगे हास्य के रूप में परोसा जाये तो वों भी कम मनोरंजक नहीं होगी.. प्रस्तुत किताब एक ऐसी ही कल्पना है, जिसमे अलग-अलग कई हास्य-व्यंग्य लिए गये हैं...
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10 नवम्बर 2021
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<p>आइये आइये ठाकुर साहब.. कहिये क्या सेवा कर सकता हूँ?</p> <p>दो लफंगे हैं आपकी जेल में, जय और वीरू.

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सियासी मुशायरा

28 नवम्बर 2021
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<p>(एक बार की बात है— संसद चल नहीं पा रही थी, गतिरोध अपने चरम पर था और ऐसे में कोई और रास्ता न निकलत

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हकले आज़म

28 नवम्बर 2021
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<p><br> हे डूड.. कैसन पधारे?</p> <p>जी ख्वाजा साहब.. आपको तो पता है कि बुढ़ापा कुंडी खटखटा रहा है और

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हलकट सवाल

28 नवम्बर 2021
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<p>पुत्र अर्जुन। <br> जी गुरू द्रोण... <br> कलियुग से तुम्हारे लिये एक मेल आई है, हमारे अकाउंट में।

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चांद के टुकड़े

28 नवम्बर 2021
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<p>अरे बुर्राग... सुनो-सुनो <br> अरे जिबरील मामू आप भोराहरे भोराहरे... खैरियत तो है। <br> खैरियत ही

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अजब रपट

28 नवम्बर 2021
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<p>मोहे पिज्जाहट में चमनलाल छेड़ गयो रे.. मोहे पिज्जाहट में। <br> बेटा यह पुलिस स्टेशन है, तुम यहां क

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पादड़ी बीड़ी

28 नवम्बर 2021
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<p>अरे भाई साहब.. अंदर आ जायें का। <br> अंदर तो आ गये हो गंवार और कितना अंदर आओगे.. दिल में बसा के र

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