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चांद के टुकड़े

28 नवम्बर 2021

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अरे बुर्राग... सुनो-सुनो
अरे जिबरील मामू आप भोराहरे भोराहरे... खैरियत तो है।
खैरियत ही तो टूटी पड़ी है... तुम कहां जा रहे हो?
पंखों में डैंड्रफ आ गया है मामू... रणबीर भैया बोले कि सबकुछ चलेगा मगर डैंड्रफ नहीं चलेगा, तो दो चार किलो हेड एंड शोल्डर लेने जा रहा था।
छोड़ो यार, बाद में हम दिला देंगे... अभी साथ चलो, केविफोल चाहिये थोड़ा... बड़े मियाँ ने चांद तोड़ डाला है, बास ने सुबह ही वाट्सअप किया कि शाम से पहले जोड़ दो। अब हियां तो जो भी केविफोल था सब नेता लोग दबा के बैठ गये हैं कुर्सियों पे।
कहां चलना है मामू?
चलो पहले मार्स पे चलते हैं।
चलो मामू... हइशा...
अबे रुक रुक... क्या यार, तुम ब्रेक ठीक करा लो अपने, साला मंगल पे रुकना था और जूपिटर पे ले आये हो।
ब्रेकशू घिस गये हैं मामू।
अरे प्रभु यीशू... आप यहां...
तो और कहां होंगे मां बदौलत... यहीं तो रहने को बोला गया गैब्रियल, तीसरे आस्मान पे।
अरे-अरे... काहे को लौंडा बना रहे हैं। यह तो प्लेनेट है।
समझे नहीं... देखो, पृथ्वी पहला आस्मान, मंगल दूसरा और जूपिटर तीसरा आस्मान।
अब आप खेल रहे हैं।
अच्छा पृथ्वी पर लनतरानियां तुम छोड़ो और खेलें हम... किसने फेंका कि हम तीसरे आस्मान पे हैं। जब स्पेस में कुछ ऊपर नीचे न होये तो यह दूसरा तीसरा आस्मान कहां से आ गया। मल्लब... स्पेस न हुआ बुर्ज खलीफा हो गया कि तीसरे चौथे आस्मान बता दिये।
हमने न फैलायी अफवाह.. कुमार विश्वास से पता कीजिये। हम वैसे भी परेशान हैं। बड़े मियाँ ने हुवां चाँद तोड़ डाला है, शाम तक जोड़ना है... उधर तो सारा केविफोल कुर्सी प्रेमी नेता हजम कर गये, अब इतना केविफोल कहां ढूंढें?
चौथे माले पर जाओ... मल्लब वही जो चौथा आस्मान है।
चल बेटा बुर्राग... सैटर्न चलते हैं और इस बार पहले से ब्रेक लगा लियो।
जी मामू, चलते हैं... इल्लो, आ गये सैटर्न पे।
अब यह कौन टकला है यार?
अनुपम खेर लगता है।
अबे लप्पड़ मारेंगे जो इंसल्ट की तो। हाँ नहीं तो। हम यक्ष हैं बे... पता है कि केविफोल लेने आये हो हियां।
यक्ष... यह क्या होता है मामू?
घंटा होता है... अबे यक्ष, जो पहले सवाल पूछता है और सही जवाब मिलने पर इनाम देता है। लगता है रामायण महाभारत कुचछौव पढ़े ही न हो का?
मतलब, केबीसी के अमिताभ टाईप कुछ आइटम हो... मगर इस्लामिक कांसेप्ट में यक्ष कहां होता है?
कांसेप्ट वांसेप्ट न पता म्हारे को, यक्ष हैं तो हैं... बिना सवाल पूछे किसी को हम अपना हगा गू न दें और तुम आ गये मुंह उठा के केविफोल लेने। वह भी यह गधे पर पंखे लगा के।
गधा... बुहूहूहू, बड़े जोर से हो रही है।
का हो रही है?
भावना आहत हो रही है।
अमा चुपो यार... संबित पात्रा न बनो। अब तुम्हारी भावना बेन भी आहत होने लगी... देखो भई यक्ष खेर। ढाई सौ सीसी की गाड़ी है और सीधे पांचवे गियर से स्टार्ट होती है। इंसल्टियाओ नहीं और अपने सवाल पूछो।
ठीक है तो लेव पहला सवाल.. किम जोंग ने कहा, मेरे टेबल पर एक बटन है.. ट्रम्प ने कहा मेरे टेबल पर भी एक बटन है.. बताओ, वह बटन किस चीज के हैं?
ओह... ई बेवस्था। बटन तो मारियो खेलने के लिये थे लेकिन भाजपा के इंजीनियरों ने उन्हें ऐसा सेट किया है कि अब दोनों में से कोई भी बटन दबायेगा, वोट भाजपा को ही जायेगा।
ठीक है... दूसरा सवाल, मोदी जी की बनाई चाय किसने पी?
वह चाय नहीं थी, अमृत था बे, जो ट्रेन से जाते हुए एमडीएच वाला बुड्ढा पी गया था और आज भी जिंदा है... आपकी मेहरबानी से।
तीसरा सवाल... ऊ जो गोलू अमरीका का परधान बना है, ऊकी मेहरारू मेलानी की फिगर बताओ।
अबे बड़े अश्लील हो, पब्लिक प्लेस पर फिगर पूछ रहे हो।
हमरी यक्षिणी को जान्नी है... अश्लील लग रही तो वाट्सअप पर सेंड कर दो।
अच्छा तो लो, कर दिया।
हाँ हाँ ठीक है, हम संतुष्ट हैं... जाओ, ले लेव केविफोल।
चल बेटा बुर्राग... इससे पहले पेट्रोल खत्म हो जाये तेरा... चांद पर पंहुच।
ठीक है मामू... लेव आ गये चांद पे।
अबे अब यह दोनों कौन हैं?
हम हैं क्वालिफाईड इंजीनियर विशकर्मा और मयदानव, सीधे द्वापर से आ रहे हैं। मोदी जी ने इधर भेजा है। क्या है कि जब से चांद टूटा है, नीता अंबानी जी बौरा गयी हैं... डिमांड किये हैं कि चांद का छोटा टुकड़ा बाल्कनी में बंधवा दो... ड्राईंग रूम से देख कर ही करवाचौथ का वरत तोड़ लिया करेंगी। अब मोदी जी नरभसा गये हैं कि शाम तक चांद न जुड़ा तो पता चला, सभी मित्रों की लुगाइयां अपना-अपना प्राइवेट चांद ही न मांगने लगें।
अरे छोड़ो यार... यह पकड़ो केविफोल और जोड़ों।
ठीक है... अरे यह तो कम पड़ गया, तुरपाई कर दें का।
जिपय न लगा दें... पूरे में।
अमे दर्जी हो का, जिप लगाओगे। तुरपाई करके खतम करो।
साली कुछ औरय गड़बड़ है... उधर से बराबर करते हैं तो इधर तीन बिलांग बाहर आ जाता है, इधर चूल मिलाते हैं तो उधर छ: बिलांग बाहर हो जाता है।
अब का करें?
एकय रास्ता है... यह छुटका टुकड़ा आगे सरकाय देते हैं, मंगल पे दुई चांद भी होय जायेंगे तो कौन ससुरी करवाचौथ का वरत खोलने जा रही। बड़े वाले टुकड़े को लतिया के फुटबाल बना देते हैं। यही रह जायेगा ससुरा अकेल्लय... नीता भौजी भी बोल नहीं पायेंगी कुछ।
चलो ठीक है। मारो लात।
लो... हो गया एक चौकस गोल चांद, सबूत भी मिटाय दिये।
अब सब लोग निकल लो अपने अपने रस्ते। चल बेटा बुर्राग... शैम्पू लेने चलते हैं।
जी मामू। 

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रचनाएँ
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किसी फिल्म की कहानी को आगे हास्य के रूप में परोसा जाये तो वों भी कम मनोरंजक नहीं होगी.. प्रस्तुत किताब एक ऐसी ही कल्पना है, जिसमे अलग-अलग कई हास्य-व्यंग्य लिए गये हैं...
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छोले

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सियासी मुशायरा

28 नवम्बर 2021
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<p>(एक बार की बात है— संसद चल नहीं पा रही थी, गतिरोध अपने चरम पर था और ऐसे में कोई और रास्ता न निकलत

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हकले आज़म

28 नवम्बर 2021
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28 नवम्बर 2021
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चांद के टुकड़े

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<p>अरे बुर्राग... सुनो-सुनो <br> अरे जिबरील मामू आप भोराहरे भोराहरे... खैरियत तो है। <br> खैरियत ही

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अजब रपट

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पादड़ी बीड़ी

28 नवम्बर 2021
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