"तेरे प्रभु जानते है बात बन ठन की बजाए जा तू प्यारे हनुमान चुटकी।"
हनुमान जन्मोत्सव एक हिन्दू पर्व है। यह चैत्र माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन हनुमानजी का जन्म हुआ था और वे चिरंजीवी है मतलब त्रेता युग से अभी तक जीवित है और श्री राम जी का नाम जाप कर रहे हैं। हनुमान जी के जन्मदिन को हनुमान जयंती कहा जाता है।
शिव की तरह, हनुमान को व्यापक रूप से एक सिद्ध योगी माना जाता है, जिसमें आठ सिद्धियाँ ("रहस्यमय पूर्णता") होती हैं, जिसमें एनिमा (सबसे छोटे से छोटा बनने की क्षमता), महिमा ( असीम रूप से बड़ा बनने की क्षमता), लघिमा (वायु से भी हल्का बनने की क्षमता), प्राप्ति (इच्छाशक्ति से कहीं भी तुरंत यात्रा करने की क्षमता), प्राकाम्य (जो कुछ भी चाहता है उसे प्राप्त करने की क्षमता), इसित्वा (बनाने या नष्ट करने की क्षमता) इच्छा पर कुछ भी),वशित्व (भौतिक प्रकृति के तत्वों को नियंत्रित करने की क्षमता), और कामवासित (किसी भी रूप या आकार को ग्रहण करने की क्षमता)। इस प्रकार आठ शक्तियो से लेस से हनुमान।
श्री श्री रविशंकर के अनुसार"ऐसा कहा जाता है कि रामायण आपके शरीर में घटित हो रही है।आपकी आत्मा राम है,आपका मन सीता है,आपकी सांस या जीवन शक्ति हनुमान है,आपकी जागरुकता लक्ष्मण है और आपका अहंकार रावण है।जब मन को रावण (अहंकार) ने चुरा लिया तो आत्मा बेचैन हो उठी अब आत्मा अपने आप मन तक नही पहुँच सकती, उसे श्वास प्राण तक सहारा लेना पड़ता है।प्राण की सहायता से मन का आत्मा से मिलन हो गया और अहंकार मिट गया।यही कहानी का अध्यात्मिक महत्व है।"
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