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हास्य व्यंग्य की किताबें

Comedy-satire books in hindi

हास्य व्यंग्य की सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों को पढ़िए Shabd.in पर। हमारे इस संग्रह में पाठकों के लिए हंसी का अनोखा संग्रह है। नए-पुराने मनोरंजक कहानियों के अलावा चुटकुलों का भी ऐसा भंडार है की पाठकों के मन को गुदगुदा दे। यहां विभिन्न विषय, जैसे की__ सामाजिक, राजनीतिक, देश-विदेश जैसे कई मुद्दों पर व्यंग्यात्मक कटाक्ष का भरमार है। तो चलिए सारी परेशानियों को विदा देते हुए मन को हल्का करने के लिए हास्य व्यंग्य के इस बेजोड़ संग्रह पर।
बहू पेट से है

एक परिवार और आसपास के मौहल्ले में रोजमर्रा की जिंदगी में होने वाली घटनाओं , बातों और कथाओं से हास्य पनपता है । हास्य कभी भी अकेला नहीं होता है उसके साथ व्यंग्य उसी तरह चिपका होता है जैसे किसी लड़की पर किसी आशिक की दो आंखें चिपकी होती हैं । बात में से

8 पाठक
18 अध्याय
17 मई 2022
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🌼गृहस्थ शास्त्र 🌼

                   😂 गृहस्थ शास्त्र😂                     👉भाग✍️१👈                   💀आवश्यक चेतावनी💀 बताए गए  एक उपाय एक या दो बार ही प्रयोग करें,, इससे ज्यादा बार प्रयोग करने से हो सकता है।। आपके प्रेम, विश्वास ,रिश्ते और यदि पत्नी ज्यादा मजबूत हु

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Bsbshsg

Hehshsgs

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18 नवम्बर 2022
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ग़ज़ल

जीवन की फिलासफी की बातें

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21 नवम्बर 2022
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यक्ष प्रश्न  1

सामाजिक, राजनैतिक , पारिवारिक, वैचारिक, नैतिक, चारित्रिक आदि विभिन्न विषयों पर हास्य व्यंग्य के रूप में 50 कहानियों की यह पुस्तक सतरंगी इंद्रधनुष की तरह है जो आपके अधरों पर मुस्कान लाएगी, दिल को गुदगुदाएगी, कटाक्ष करेगी , कुरीतियों पर चोट करेगी

5 पाठक
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43 अध्याय
13 जुलाई 2022
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बब्बन कार्बोनेट

"विलक्षण हाजिरजवाब एंग्री यंगमैन के साथ" हमारे नौजवानी के दिनों में सुनाई पड़ता था कि हमसे पहले वाली पूरी शहराती पीढ़ी की नाल खेत में गड़ी होती है। मतलब साहित्य के इलाके में किसान पृष्ठभूमि से आए लोगों की बहार हुआ करती थी और उनके लिए कस्बा या शहर बड

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14 जुलाई 2022
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Kaka Ke Thahake (hindi)

काका हाथरसी हास्यरस के सच्चे कवि ही नहीं, काव्य-ऋषि थे। उनकी कविताओं के तीन रंग हैं-सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक। इन तीनों रंगों में काका हाथरसी ने कभी साहित्यिक शालीनता और शिष्टता की मर्यादा का उल्लंघन नहीं किया। उनका हास्य गुदगुदाता है, मन में आ

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16 फरवरी 2023
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300
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अपनी अपनी बीमारी

साहित्य अकादमी पुरस्कार प्राप्त साहित्यकार हरिशंकर परसाई हिंदी के सबसे समर्थ व्यंगकार हैं. पैनी दृष्टि और चुटीली भाषा उनके अचूक औज़ार हैं. जीवन, समाज और राजनीति में व्याप्त सभी बिमारियों और बुराइयों की पहचान वे किसी कुशल 'सर्जन' की तरह हैं. 'अपनी अपनी

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4 जून 2022
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बारामासी

ज्ञान चतुर्वेदी ने परसाई, शरद जोशी, रवीन्द्रनाथ त्यागी और श्रीलाल शुक्ल की व्यंग्य-परम्परा को न केवल आगे बढ़ाया है, वरन् कई अर्थों में उसे और समृद्ध किया है। विषय-वैभिन्नय तथा भाषा और शैलीगत प्रयोगों के लिए वे हिन्दी व्यंग्य में ‘हमेशा ही कुछ नया करन

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20 जुलाई 2022
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वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति

इस प्रहसन में भारतेंदु ने परंपरागत नाट्य शैली में हिंसा पर व्यंग्य किया गया है। नाटक का आरम्भ नांदी के दोहा गायन के साथ होआ है - 'बहु बकरा बलि हित कटैं, जाके बिना प्रमान। ... यज्ञों में पशुओं की हिंसा करते हुए कहा गया कि 'यह हिंसा वेदोक्त है, इसलिए इ

3 पाठक
1 अध्याय
27 जनवरी 2022
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 हम न मरब

हर बड़ा लेखक, अपने ‘सृजनात्मक जीवन’ में, जिन तीन सच्चाइयों से अनिवार्यतः भिड़न्त लेता है, वे हैं—‘ईश्वर’, ‘काल’ तथा ‘मृत्यु’। अलबत्ता, कहा जाना चाहिए कि इनमें भिड़े बग़ैर कोई लेखक बड़ा भी हो सकता है, इस बात में सन्देह है। कहने की ज़रूरत नहीं कि ज्ञान चत

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21 जुलाई 2022
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विचार

सटीक शब्दों का समुह

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हाईटेंशन

विद्युत विभाग में कार्य करते हुए अनुभवों का संग्रह।

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1 अध्याय
4 जुलाई 2023
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अमन का व्यंग्य

वर्तमान समाज की स्थिति को देखते हुए समाज का,देश का सबसे बड़ा कोढ़ भ्रष्टाचार पर आधारित यह पुस्तक होगा।

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 अलग

सामयिक, सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक विसंगतियों और विडम्बनाओं पर तीखा प्रहार करते हुए व्यंग्य परम्परा को एक नई भाषा और शिल्प प्रदान करनेवाला विशिष्ट संकलन। लेखक यहाँ हमारे दैनिक जीवन और रोज़मर्रा की विडम्बनापूर्ण घटनाओं का सूक्ष्म विश्लेषण कर न सिर्फ़ ह

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21 जुलाई 2022
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विषस्यविषमौषधम्

वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति ' मांस भक्षण पर व्यंग्यात्मक शैली में लिखा गया नाटक है । ' प्रेमयोगिनी ' में काशी के धर्मआडंबर का वही की बोली और परिवेश में व्यंग्यात्मक चित्रण किया गया है। ' विषस्य विषमौषधम् ' मैं अंग्रेजों की शोषण नीति और भारतीयों की महा

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1 अध्याय
7 मई 2022
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स्वाँग

स्वाँग कभी एक बेहद लोकप्रिय लोकनाट्य विधा रही है बुंदेलखंड की। नाटक, नौटंकी, रामलीला से थोड़ी इतर। न मंच, न परदा, न ही कोई विशेष वेशभूषा। बस अभिनय। स्वाँग का मज़ा इसके असल जैसा लगने में है। एकदम असली, गोकि वहाँ सब नकली होता है : नकली राजा, नकली सि

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21 जुलाई 2022
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नेपथ्य लीला

पेशे से चिकित्सक और स्वभाव से व्यंग्यकार ज्ञान चतुर्वेदी अनेक उपन्यासों के रचनाकार हैं। उन्हें हमारे दौर में हिन्दी के सबसे प्रतिभाशाली व्यंग्य लेखक के रूप में आदर प्राप्त है। उनके व्यंग्य स्थितियों की जड़ता की विडम्बना दर्शा कर ही अपना दायित्व पूरा न

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21 जुलाई 2022
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मरीचिका

विख्यात व्यंग्यकार तथा उपन्यासकार ज्ञान चतुर्वेदी का यह तीसरा उपन्यास है। उनके पिछले दो उपन्यासों—‘नरक यात्रा’ और ‘बारामासी’—का हिन्दी पाठक जगत् ने तो अप्रतिम स्वागत किया ही, साथ ही विभिन्न आलोचकों तथा समीक्षकों ने इन्हें हिन्दी व्यंग्य तथा उपन्यास क

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21 जुलाई 2022
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Kyunki Main Murga Hoon

NA

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21 फरवरी 2023
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