मुक्तक-संसार के अटूट पथ पर कुर्सी कंचन कामिनी"मुक्तक संग्रह" एक अदना से कंकण के समान पथ समृद्धि में अपना योगदान दे और समस्त मानव इसके आनन्द-सागर से कुछ संग्रहित कर सके इस हेतु एक छोटा सा प्रयास आपकी सेवा में। आपका गिरिजा शंकर तिवारी "शाण्डिल्य"
किस्सा है अमरावती का, वैसे अमरावती अभी तो 72 वर्ष की है पर यह घटना पुरानी है।
आपकी दोस्ती जो मिला प्यार आपसे उसका कर्जदार हू आपकी दोस्ती का शुक्रगुजार हू । अगर आपलोग ना आते जीवन में लिखना, गाना ,रूठना मनाना सब अधूरा रह जाता जिंदगी तो यूंही कट रही थी पर आप सभी के साथ आने से से खिल गया किस्मत का फूल अब महकेंगे
यह कहानी एक गांव की लड़की की है ,जो बहुत ही चंचल स्वभाव की है उसके पैर घर में बिल्कुल भी नहीं टिकते हैं । शहर क्या होता है यह मानवी नहीं जाती है । बच्चों में बच्ची बन जाती है ,तो कभी बड़ों में दादी मां की तरह बात करने लग जाती है । व
Namskar ये रचनायें एक कल्पनिक दृष्टिकोण से लिखी गई। किसी प्रकार से किसी को ठेस नहीं पहुंचना चाहती हैं। बस लोगो के मनोरंजन के लिए लिखी गई। हमे उम्मीद हैं दर्शक इस किताब को पढ़ जरूर लुफ्त उठायेगे।
हास्य-व्यंग्य पर आधारित लिखे मेरे प्रसंग
विभिन्न विषयों पर हंसने हंसाने वाली कविताएं इस किताब में मिलेंगी
राजनैतिक, सामाजिक, पारिवारिक और अन्यविषयों से संबंधित हास्य व्यंग्य की रचनाओं का एक संकलन ।
एक शौचालय राशि कि चाहत रखने वाले आम आदमी कि लघु कथा।
इस आयाम के अंतर्गत आप चुटकुले तथा लघु हास्य-प्रसंग पढ़ सकते हैं ।
देश के सभी ऐसे हुनरमंदो तहे दिल से प्रणाम जो इस गुर में माहिर है.. वे सभी डिग्रीधारी हुनर मंद लोग जो इनके आगे पीछे भी घूमने से कतराते है आदमी जितना हिंसक और जहरीले जानवर से नहीं डरता जितना इन चमचों से डरता है... तो चलिए कुछ गुर आप भी सीख लीजिए शायद क
रोज की समस्यायों से जूझता आम आदमी और खटमल के तरह खून चूसते सरकारी बाबू...
भैंस की दुख भरी कहानी हास्य व्यंग
जिंदगी की आपाधापी से उपजी अकुलाहट, प्रतिस्पर्धा का कहर, अपनों से बढ़ती दूरियां, संवेदनाओं की सिकुड़ती जमीन, काम के बढ़ते घंटे और महत्वाकांक्षाओं की ऊंची उड़ानों ने हमारी जिंदगी को तनाव से भर दिया है। हालांकि, कोमल भावनाओं की टूटती इन कड़ियों के बीच ख
@त्रिɓհմϖαη सुनो डियर #😘 तुम जहां कहीं भी हो चुपचाप रजाई में पड़ी रहो. बाहर बहुत ठंडी है निकलने की कौनो जरूरत ना है और ना ही तोहरे सोने से कौनो काम रुका हुआ है, समझीं..!! दो के बजाय तीन चाय पी लो लेकिन रजाई से निकलना तभी जब मौसम तनिक सा गरम हो. अगर
बड़े बेरहम होते हैं ये दिल आ जाए किसी पर समझाना हो जाए मुश्किल बड़े बेरहम होते हैं ये दिल