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हास्य व्यंग्य की किताबें

Comedy-satire books in hindi

हास्य व्यंग्य की सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों को पढ़िए Shabd.in पर। हमारे इस संग्रह में पाठकों के लिए हंसी का अनोखा संग्रह है। नए-पुराने मनोरंजक कहानियों के अलावा चुटकुलों का भी ऐसा भंडार है की पाठकों के मन को गुदगुदा दे। यहां विभिन्न विषय, जैसे की__ सामाजिक, राजनीतिक, देश-विदेश जैसे कई मुद्दों पर व्यंग्यात्मक कटाक्ष का भरमार है। तो चलिए सारी परेशानियों को विदा देते हुए मन को हल्का करने के लिए हास्य व्यंग्य के इस बेजोड़ संग्रह पर।
 इंसानियत का परिणाम

आज की दुनिया में इंसान को , कोई कदर नहीं, सैतानो को आज कल वसेरा होता है ! रूप रंग भेष भूसा सब रंग अनेक है , बड़े छोटे को कद्र नहीं सब कुछ फेक है , भगवन के भी घर में सैतानो का रेक है , मत पूछो इंसान को कैसे बसेरा होता है !सैतानो ....... संभल संभल क

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16 फरवरी 2022
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घर बसाने की तमन्ना

हास्य व्यंग्य

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8 जून 2022
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   😝तु मेरी छीपकली💞

🦎🐊🐦🦎🐊🌺 तेरी ओर मेरी हे          जनमो जनम की प्रित तु मेरी छीपकली          और मै तेरी भिंत 😀🤣🦎🐊🐦 भिंत  = दीवार 😀🔮😀😂🤣🌺😁💗            🌹 तेरी और मेरी जनमो जनम की प्रित सदा रही है चाहै तू दूर रहे या पास🌛 तू मेरी छीपकली ओर मै तैरी भिंत हू मतलब जेसै छिपक

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विचार

सटीक शब्दों का समुह

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बकर पुराण

बकर पुराण हर उस बैचलर लड़के की ज़िंदगी की किताब है जो घर छोड़कर दिल्ली जैसे शहरों में पढ़ने आता है और फिर उन शहरों का हिस्सा हो जाता है । इसके पन्नों पर हर उस लड़के की कहानी है जिसने कभी प्रेम किया हो, मूर्खता की हो, चाय की दुकान पर भारत की विदेश नीत

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16 जून 2022
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अमन का व्यंग्य

वर्तमान समाज की स्थिति को देखते हुए समाज का,देश का सबसे बड़ा कोढ़ भ्रष्टाचार पर आधारित यह पुस्तक होगा।

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dil hi to hai

isme ajsi njks nmks nnkks.nnkks nnnn bbnskanris nnksn nenenrn nekns. njsnns nsjsb dnsjdj dnssjjdj dnsnns dd d. d. s snns. nnnmkkkkkks. ddddfnn

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test

tygggg

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19 अगस्त 2022
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कविता

फिर इस शहर में यारों लगने जा रहा है लाक डाउन, फिर खामोश रहेगा यारो अपना बेहद वाचाल टाउन । सबको बस अपने ही घर में यारों बेबस रहना पड़ेगा , लैला के दर्शन के लिए मजनूँ को और तड़पना पड़ेगा। पता नहीं लाक डाउन से शहर को क्या फायदा होगा? क्या व किसे फाय

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8 जनवरी 2022
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राना की बुंदेली चौकड़िया

हिन्दी एवं बुंदेली साहित्य के ख्यातिप्राप्त साहित्यकार राजीव नामदेव "राना लिधौरी" की बुंदेली चौकड़ियां पढ़े-

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डब्बू

दिल्ली के आलीशान इलाके, हेली रोड के एक शानदार बंगले में जस्टिस लक्ष्मी नारायण ठाकुर और उनकी पत्नी ममता अपनी पाचं सुंदर (लेकिन आफतखोर) बेटियों के साथ रहते हैं। पांचों बेटियों का नाम उन्होंने अंग्रेजी वर्णमाला के अनुसार रखा है।अंजनी, बड़ी बेटी लेकिन फ्ल

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4 जुलाई 2022
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 ज़ोया

जब भारतीय क्रिकेट टीम के कुछ युवा खिलाड़ियों को मालूम चला कि मिड-लेवल एडवर्टाइज़िंग एक्जीक्यूटिव ज़ोया सिंह सोलंकी की पैदाइश ठीक उसी समय की है जिस लम्हे भारत ने 1983 में वर्ल्ड कप जीता था, तो वे हैरान हो जाते हैं। ज़ोया के साथ नाश्ता करने का सिलसिला जब उ

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4 जुलाई 2022
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निंदा पेज

हम आलोचना या कटाक्ष के क्षेत्र में नए नहीं हैं , कुछ आलोचनाएं हैं जिन्हें आप जानकर अपनी रुचि को बढ़ा सकते हैं और लोगों की निंदा कर सकते हैं।और एक चरम सुख का आनंद उठा सकते हैं।

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5 अक्टूबर 2022
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chandoolkekisse

इस आयाम में आपको मिलेंगे ढेर सारे चंडूल के किस्से याद रहे चंडूल एक काल्पनिक नाम है और उससे जुड़े किस्से भी काल्पनिक है |

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यक्ष प्रश्न  1

सामाजिक, राजनैतिक , पारिवारिक, वैचारिक, नैतिक, चारित्रिक आदि विभिन्न विषयों पर हास्य व्यंग्य के रूप में 50 कहानियों की यह पुस्तक सतरंगी इंद्रधनुष की तरह है जो आपके अधरों पर मुस्कान लाएगी, दिल को गुदगुदाएगी, कटाक्ष करेगी , कुरीतियों पर चोट करेगी

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13 जुलाई 2022
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बब्बन कार्बोनेट

"विलक्षण हाजिरजवाब एंग्री यंगमैन के साथ" हमारे नौजवानी के दिनों में सुनाई पड़ता था कि हमसे पहले वाली पूरी शहराती पीढ़ी की नाल खेत में गड़ी होती है। मतलब साहित्य के इलाके में किसान पृष्ठभूमि से आए लोगों की बहार हुआ करती थी और उनके लिए कस्बा या शहर बड

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14 जुलाई 2022
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बारामासी

ज्ञान चतुर्वेदी ने परसाई, शरद जोशी, रवीन्द्रनाथ त्यागी और श्रीलाल शुक्ल की व्यंग्य-परम्परा को न केवल आगे बढ़ाया है, वरन् कई अर्थों में उसे और समृद्ध किया है। विषय-वैभिन्नय तथा भाषा और शैलीगत प्रयोगों के लिए वे हिन्दी व्यंग्य में ‘हमेशा ही कुछ नया करन

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20 जुलाई 2022
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वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति

इस प्रहसन में भारतेंदु ने परंपरागत नाट्य शैली में हिंसा पर व्यंग्य किया गया है। नाटक का आरम्भ नांदी के दोहा गायन के साथ होआ है - 'बहु बकरा बलि हित कटैं, जाके बिना प्रमान। ... यज्ञों में पशुओं की हिंसा करते हुए कहा गया कि 'यह हिंसा वेदोक्त है, इसलिए इ

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27 जनवरी 2022
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 हम न मरब

हर बड़ा लेखक, अपने ‘सृजनात्मक जीवन’ में, जिन तीन सच्चाइयों से अनिवार्यतः भिड़न्त लेता है, वे हैं—‘ईश्वर’, ‘काल’ तथा ‘मृत्यु’। अलबत्ता, कहा जाना चाहिए कि इनमें भिड़े बग़ैर कोई लेखक बड़ा भी हो सकता है, इस बात में सन्देह है। कहने की ज़रूरत नहीं कि ज्ञान चत

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21 जुलाई 2022
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 अलग

सामयिक, सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक विसंगतियों और विडम्बनाओं पर तीखा प्रहार करते हुए व्यंग्य परम्परा को एक नई भाषा और शिल्प प्रदान करनेवाला विशिष्ट संकलन। लेखक यहाँ हमारे दैनिक जीवन और रोज़मर्रा की विडम्बनापूर्ण घटनाओं का सूक्ष्म विश्लेषण कर न सिर्फ़ ह

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21 जुलाई 2022
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