😂 गृहस्थ शास्त्र😂 👉भाग✍️१👈 💀आवश्यक चेतावनी💀 बताए गए एक उपाय एक या दो बार ही प्रयोग करें,, इससे ज्यादा बार प्रयोग करने से हो सकता है।। आपके प्रेम, विश्वास ,रिश्ते और यदि पत्नी ज्यादा मजबूत हु
पुस्तक की मुख्य उद्देश्य व्यंग्य के माध्यम से तत्कालिक सामाजिक व राजनीतिक नीति पर तंज कसना है।
मेरा बेटा पराक्रम रोज ही ऐसी बात कह देता है कि सुनकर हँसी आती है उन्हीं बातों को संकलित कर रही हूँ
Akbar beerbal ki kahani
हम आलोचना या कटाक्ष के क्षेत्र में नए नहीं हैं , कुछ आलोचनाएं हैं जिन्हें आप जानकर अपनी रुचि को बढ़ा सकते हैं और लोगों की निंदा कर सकते हैं।और एक चरम सुख का आनंद उठा सकते हैं।
सड़क सुरक्षा पर लिखी गई हास्य व्यंग्य कविता।
फिर इस शहर में यारों लगने जा रहा है लाक डाउन, फिर खामोश रहेगा यारो अपना बेहद वाचाल टाउन । सबको बस अपने ही घर में यारों बेबस रहना पड़ेगा , लैला के दर्शन के लिए मजनूँ को और तड़पना पड़ेगा। पता नहीं लाक डाउन से शहर को क्या फायदा होगा? क्या व किसे फाय
कई शहरों के बीच सालों से ब्रिज बन रहे हैं और आवागमन पर वे एक तरह से बाधा डाल रहे हैं।
वर्तमान समाज की स्थिति को देखते हुए समाज का,देश का सबसे बड़ा कोढ़ भ्रष्टाचार पर आधारित यह पुस्तक होगा।
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी' टीकमगढ़ (मप्र) भारत के ख्यातिप्राप्त साहित्यकार की तीसरा हाइकु संग्रह में पढ़िए हिन्दी के नवरचित हिन्दी हाइकु। इसके पूर्व राना लिधौरी के 1-रजनीगंधा ( हिंदी हाइकु संग्रह) सन्-2008 एवं 2 - 'नोनी लगे बुंदेली'(बुंदेली हाइकु सं
राज्योत्सव में कुछ सालों से क्या हो रहा है उसकी एक बानगी।
राज्योत्सव में किएजा रहे फिजूल खर्ची को बयां करती कविता।
विषय _ कविता चौसर का दांव """""""""""""""""" मोहब्बत थी या यूं ही एक पल का झुकाव था ! कुछ उम्र ही ऐसी थी कुछ उस वक्त का ताव था !! दरिया तो पार करने की तमन्ना थी बहुत _ हम क्या करे जब न कोई पतवार न नाव था ! उधेड़बुन में जिंदगी कुछ यूं गुजर र
आज की दुनिया में इंसान को , कोई कदर नहीं, सैतानो को आज कल वसेरा होता है ! रूप रंग भेष भूसा सब रंग अनेक है , बड़े छोटे को कद्र नहीं सब कुछ फेक है , भगवन के भी घर में सैतानो का रेक है , मत पूछो इंसान को कैसे बसेरा होता है !सैतानो ....... संभल संभल क
दरअसल लौकी, लौकी नही होती, वो आपकी बीबी की इज्जत का सवाल होती है ! आप पूरी हिम्मत करके लौकी का एक एक निवाला गले से नीचे उतारते है ! बीबी सामने बैठी होती है ! जानना चाहती है लौकी कैसी बनी ! आप बीबी का मन रखने के लिये झूठ बोलना चाहते हैं पर लौकी झूठ बो
देश के खेवनहार तुम्हारी ऐसी - तैसी करेंगे नैया पार तुम्हारी ऐसी- तैसी !! डाकू , चोर, लुटेरे , गद्दारों के वंशज बनते इज्जतदार तुम्हारी ऐसी- तैसी !! प्रजातंत्र के मखमल में पैबंद टाट के कैसे हो सरकार तुम्हारी ऐसी- तैसी !! खून पसीने से सिंचित भारत क