
खुब दिनों बाद बे धड़क एक बार फिर में आ रहा हूँ अपणी कुछ खास नवीनतम रचनाओं के साथ
पढ़णे सारु हाजिर होज्यौ सा
गऊं माँ रे तहत आपरा विचार
भी शामिल करज्यौ सा•--
में देवासी हूँ देशवासियों ने सही दिशा ले जाऊंला•--
पशु नहीं माँ हैं गऊ हमारी ये सब ने बतलाऊंला•--
गऊमुत्र भी एक औषधि है ये अलख जगाऊँला •--
गऊ हत्या घोर अपराध है ये सब को समझाऊंला•--
गऊ माँ की पिड़ा री करुणा अपणे स्वरों में गाऊँला •--
म्हारे समस्त देशवासियों ने या वाणी सुणाऊंला•--
में देवासी हूँ देशवासियों ने सही दिशा ले जाऊंला•--
माँ रे प्रति सब ने सतर्क कर एक ही भाव जगाऊँला•-
राष्ट्रीय प्राणी बणाणा हैं गऊ माँ को या विणती करुंला•--
सौ रहे गऊ माँ के भक्तों को फिर सूँ जगाऊंला•--
मिया मौलवी तो कांई म्हारे शब्दों ने समर्थन मिल ग्यौं तो सरकार ने भी झुकाऊंला•--
में हिन्दू हूँ कैसे गऊं हत्याचार सहूंला•--
कुण रोकें म्हनै में तो गऊं माँ रो प्रचार करुंला•--
गऊं माँ रे खातिर अपणो जीवन भी बलिदान दे जाऊला•--
में देवासी हूँ देशवासियों ने सही दिशा ले जाऊंला•--
•---विचारक---•
भाई मंशीराम देवासी