ओवेसी को मेरा आशीर्वाद,
सुअर की औलाद सुधर जा
मत कर तेरी कौम को बर्बाद,,
ओवेसी - ओवेसी भेजा खराब हो चुका इ नाम सुनकर ,
जहाँ भी देखें इन सुअरों के जुड़ को मार दो चुनकर,,
कल परसों तो खा रहा था जुता
देखो आज फिर भौंक रहा कुत्ता
छोड़ दिया शेरों ने दहाड़ना
तो शुरु कर दिया कुत्तों ने भौंखना,
कलाम जी और जावद जी
का नाम सुना है,,
उनके सामने तो ओवेसी तु
एक नमूना हैं,,
सच्चे मुसलमानों को अपने
वतन से प्यार हैं,,
तुझ जैसे गद्दारों को मिटाने
के लिए वो भी तैयार हैं,,
बहादुर सिपाहीयों का बलिदान लिखते -लिखते मेरी कलम घिस गईं,
जब नाम आया इस गद्दार का तो
चलती हुई कलम भी रुक गई,,
अगर लिखने के लिए मजबूर कर दिया मुझे बंदा,,
तो एक ही शब्द लिखूँगी इसके लिए फांसी का फंदा,,
हमारी भारत माता तेरे
जयकार की भूखी नहीं हैं,
लेकिन याद रख जिन्होंने
भारत माता की जय नहीं
बोली वो भी सूखी नहीं हैं,,
सीना तानकर चलते हैं भारतीय
तेरी तो गर्दन भी झुकी हैं,,
तेरे नापाक इरादों से तो
समस्त मुसलिम कौम दुखी हैं,,
,जो वतन के रखवाले हैं,हम उनके साथ हैं फिर चाहे उसकी कोई भी जात हैं,
जो करता है गद्दारी वतन से
बित गये दिन उजाले के कायम कि फिर अंधेरी काली रात हैं,,
क्या टोपी पहनकर मजहब सिखाता तु ओवेसी इन्हें मुसलमान का,,
सब शिक्षक हैं,जिनकी नशों मे हर दम रक्त बहता हैं हिन्दुस्तान का,,
तु गद्दार हैं वतन का एक दिन तुझे सबक सिखाना है ,,
दुखी हैं तेरी मां यह सोचकर की मेरी कोख से गद्दार जन्मा हैं,,
मोदीजी को मिटाने के लिये तुझ जैसे करोड़ों गद्दारों को जन्म लेना होगा,,
सोच ले बढ़ गई संख्या मोदीजी की जिस दिन तो तुम्हारा क्या होगा,,
मोदीजी महान थे,महान है और महान हमेशा रहेगे,
तु नहीं बोलेगा तो क्या फर्क पड़ता हम तो आखिर सांस तक
जय भारत माता की,जय भारत माता की बोलेंगे,,
में देवासी और तु ओवेसी
बस इतना ही फर्क हैं,,
में वतन के लिये मरता हूँ,
और तु पतन के लिये,,
तूने राष्ट्र को खंडित करने के लिये ने जाने क्या- क्या किया,
लेकिन मैंने राष्ट्र की एकता के लिये ने जाने कितने जतन किये,,
दोस्तों मेरी एक बात का आप हमेशा ध्यान रखना ,,
मोहब्बत सिर्फ और सिर्फ अपने वतन से ही करना,,
जीना भी वतन के लिये
मरना भी वतन के लिये
यही तुम्हारा धर्म हैं,
मरकर भी अमर होंगे
सबसे सुंदर यहीं कर्म हैं,,,,,,,,,,,,,,
•-----जय हिंद -----•
•-धाकड़ विचारक
भाई मंशीराम देवासी
बोरुंदा जोधपुर राजस्थान
📱 9730788167