भारत का यह अंधा कानून अंधा तो है ही पर साथ -साथ ये नजरबंद का खेल भी भोली जनता के साथ खेल रहा है और अपनी आवाज को बदल-बदल कर बोल रहा है -------------
मे कबूतर का सांप बनादू ओर उसे आकाश मे उड़ादू ओर सभी से 10,10रुपया अपनी जोली मे ले लेता है ___चौराहे पर वा वाही लूट लेता ••••
उसी प्रकार खेल, खेल रही है सरकार -------
बोल रही है अपनी आवाज को बदल बदल कर
गायों की में कटनी बंद करादू, मुफ्त में घास दिलाादू ये सूण के जनता सोच रही है,,,
कुछ भी है पर गऊ माँ को तो सुरक्षा मिल रही है
ओर कीमती वोट दे देती है ------------
आज अगर हम अपनी रक्षा के लिये भी कोई हिसक जानवर को मार दे तो ओ हो हो हो
बिना पूछे ही सात साल की सज़ा
किया करगें प्रभु इस कानून का शेर को मार दिया तो सजा ओर गाय को मार दिया तो कोई सजा नहीं ---------
अरे गाय को मारने की सजा होनी चाहिये --
लाईसेंस पर लाईसेंस दे रही है ____
काटो गाय काटो गाय------
अरे जो बिना काका,मामा,नाना,मोसा , मौसी लागे काट जाए उसे मार दिया तो सजा अब आप ही बताओ की हमारे गांव में अगर कोई शेर आजाऐ तो कितना फायदा होगा और अगर गाय आ जाए तो किया हमारा नुकसान होगा नहीं ना
में तो कहूं की भगवान करे सब को सदबुद्धी आ जावे ---
और सब से पहले चुनकर जो भी ससंद मे जावे सबसे पहले यह कानून बनावे की हमारी गऊमाता को तलवार से काटने की भी सजा होनी चाहिये --------------
आप को पता नहीं हमारी गऊमाता को कितनी यातनाएं दी जाती है ।
कितनी पिड़ाा वो सेहती है ------
में तो कहता हूँ सजा देनी है तो सभी जानवरों को समान दो ,,,,,,,,,,,,
जानवरों की हत्या करना ही पाप है ना
लेकिन यह कब बदलेगा ---------
अरे हम सब बदलेगें तभी तो यह सारा सिस्टम बदलेगा ना------
सरकार के आगे हाथ जोड़ने रो नहीं हाथ उठाने रो बखत है ___
तन,मन,धन सब अर्पित करदू----
जिव हत्या बच जाए ऐसा कोई काम करदू-----
सोते शेरों को फिर जगादू----
दहाड़ सु नहीं समझे तो
तलवार बनादू----------
जिव हत्या बच जाए ऐसा कोई काम करदू-----
शब्दों से नहीं तो संस्कारों से बतादू-----
आतंकवाद को बताये हम है हिन्दू ---
जिव हत्या बच जाए ऐसा कोई काम करदू---
गौ माता की रक्षा करना है अधिकार ----
ये मेरे हिन्दू भाईयों को बतादू-----
हम सब एक है भेदभाव मिटादू--------
तन,मन,धन सब अर्पित करदू -----
जिव हत्या बच जाए ऐसा कोई काम करदू----
मंशीराम देवासी
बोरुन्दा
जोधाणो
राजस्थान