विचार कर लिखणौ
अर विचार कर बोलणौ
दोनू ही न्यारी -न्यारी
बांता हैं दोना मे ही
जमीन असमान रो फर्क हैं
विचार कर लिखणौ तो ईतौ
आसान है ज्यूं जमीन माथे हाळणौ
विचार कर बोलणौ ईतौ
मुश्किल है ज्यूं असमान मे उड़णौ
हाल मे कोई स्टेज प्रोग्राम
मे दाखिल हुयौ कोनी
पण म्हारा विचार पूजनीय हैं
या राय म्हनैं कई जणा सूँ मिली हैं
और कई जणा म्हारो हौसलों
बढ़ायौ और कईयौ मंशीराम थे
लिखता रेवौ थाणी
लिखावट गणी गहरी हैं •----
और विचार भी गणा गहरा हैं ''
पण एक समस्या है म्हारो कम शिक्षण म्हारे विचारों मे कई परेशानियां पैदा करें •----
पण सफलता प्राप्त करणे वास्ते
हर वक़्त सफर में ही रहूँ •--
•----धन्यवाद सा ----•
तो सुणौ म्हारी एक और रचना
•---प्रस्तुत हैं ----•
चोखौ ळागै मैनें हंसणौ
ळागै चोखौ मैनें बोलणौ
चोखौ ळागे मैनें विचार करणौ
ळागै चोखौ मैनें मन रौ सोचणौ
गणौ दुखी रहूँ में जद
चोखौ ळागे मैनें एकलौ रेवणौ
क्यूं के चोखौ कोनी लागे
मैनें किनौ मन दुखावणौ
में भळे ही दुखी हूँ
पण चोखौ ळागें मैनें जग हंसावणौ
भली बात कोनी भाईड़ा
दुजानै किण प्रकार रुळावणौ
अपणौ हो भले परायो भली बात
तो आ हैं सब रौ करौ भलापणौ
म्हारो तो सभाव न्यारौ हैं
चोखौ ळागे मैनें सगळा रे
संग मिलजुल ने रेवणौ
अहंकार कोनी मैनें इण वास्ते
चोखौ ळागे टाबरियां रे साथे खेलणौ
चोखौ ळागे मैनें
भिड़ुओ रे साथे घुमणौ,,फिरणौ
मन रो भोळौ हूँ इण वास्ते
चोखौ ळागै मैनें म्हारो भोलापणौ
गेलौ आदमी गेली हताई करें
चोखौ कोनी ऐड़ी हताई मे बैठणौ
मंशीराम बतावै मैनें कोई
शौक कोनी कविता लिखणौ
जग मे जागृति बढ़े इण सारु
चोखौ ळागै मैनें कविता लिखणौ
•--राम -राम सा --•
•-----------लिखारा
भाई मंशीराम देवासी
बोरुन्दा जोधपुर
९७३०७८८१६७