म्हारे विचारों मे थे भी सहभागी भणौ ,
म्हारा हरेक भिचार समझो अर सुणौ,,
म्हारो कोई भी भिचार ,लेख,कविता अर कहानी मे प्रस्तुत करुं •---
जद सगळा ही जणा कैवण लागै .
ओ आयगौ
नारद रो नानौ
बीरबल रो बाबौ
ऐ आईगी गपळा री गप्पा
पण ध्यान रहे म्हारी हरेक गप्पा
मे आपने ज्ञान मिलेला •---||
अर जीवन मे प्रकाश री ज्योति जलेळा •----
जिणसूँ जीवन रो अंधकार मिटेळा,,
तनों जद नवी कुंपळ रो स्वागत नहीं करेळा ,
तो वो ठूंठ ही बणीयोड़ौ रैवेळा •--||
पण आपने म्हारे इण शब्दों सूँ अपणे जीवन रूपी तना ने सिंचित कर हरौ -भरौ कर इण री जड़ ने जाडी कर पियाळा मे पहुँचाएँ अर मजबूत रुंख बणाई ने इण री टिकटोई तक सुगंधित पुष्प अर स्वादिष्ट फल लगाणा हैं •---
जीवन मे जिता भी बुरा भिचार हैं बानै भगाणा हैं •----
म्हारी हरेक लेखनी म्हारी आत्मा हैं
म्हारा शब्द -शब्द म्हारा हाड-मांस हैं ,कई साथीड़ा म्हारे लेख सूँ शब्दों री कांट छांट करें अर उणमे आपरो नाव भरे,क्यूँ भाई कांई मिले ,,
ओ कोई कानूनी जुर्म कोनी हैं पण भाई क्यूँ कोई रे लेख री हत्या करों,
कोई रे लेख ने फलणे दो फुलणे दो,
कन्या भ्रूण हत्या रे ज्यूं किण रे भिचारों री हत्या करणी भी एक पाप हैं,,मेहरबानी कर मैंने अर म्हारे विचारों ने सांस लेवण दो,
म्हाणौ गळौ मत दबाओ •----||
सुणो रे साथिड़ा में सुणाऊं
थाने म्हारे मन रो दुखड़ौ ,,
म्हारे विचारों ने प्रकाशित होण दो
मत दबाओ उण रो मुखड़ौ ,,
रोंपण दो मैंने बंजर भूमि मे
म्हारे भिचार रो रुंखड़ौ ,,
जिण री छाया मे बैठ
लोग मेटेळा मन रो दुखड़ौ ,,
•--------विचारक
भाई मंशीराम देवासी
बोरुंदा ---- जोधपुर
•----राजस्थान ----•
📱 9730788167