में लिख रहा हूँ •--- '''क्या आप पढ़ेंगे'''?? हैं प्रभु परमेश्वर, विष्णु,लक्ष्मीनारायण ,कमलनेण, वासुदेव,जगत पालन हार नाथों के नाथ ,अन्तरयामी दयालु,कृपालु थोड़ी हमारे पर भी कृपा करें •--- जिससे में मेरे जीवन का उदार व समस्त संसार का सुधार करने मे सक्षम बनूँ •--------------------||| मेरे सभी आदरणीय कहते है, बेटे कहाँ विलुप्त हो •-- तो कोई लिखने का आशीर्वाद देते हैं, कोई मेरा मार्गदर्शन करते हैं, में उन सभी को ह्दय से प्रणाम करता हूँ •----- कभी सोचा है आपने, मानव किस और जा रहा है ,, समाज किस तरह जा रहा है,, क्या दिन बे दिन बढ़ रही घटनाओं से हमारा दम नहीं घुटता हैं •--- सब खलनायक और खतरनाक बनना चाहते हैं,लेकिन इंसान नहीं बस इसी प्रसन्न ने मुझे दुखी कर रखा हैं •--- •----आखिर क्यों और कब तक,,, इंसान शैतान बनकर घूमता रहेगा? शिकारी नाम सुनकर हत्यारों को खुशी मिलती हैं, लेकिन उसे राक्षस कहें दो तो वो चिड़ जायेगा,दानव कहकर बतला दो तो वो क्रोधित हो जायेगा,और वैसे संस्कारी व संत तो कभी क्रोध करते ही नहीं •-- ,लेकिन जो मानव की हत्या करता है, वो तो परीपूर्ण राक्षस हैं,अरे जीवों की हत्या करना ही पाप हैं ना,फिर कहाँ गईं तुम्हारी बुद्धि क्यों तुले हो मानवता को विलुप्त करने के लिए,, आज चारों ओर से खतरा ही खतरा है,,पशु और पक्षीयों की बात नहीं आज मनुष्य भी संकट मे है, धरती एवं धर्म संकट मे है, हमारी संस्कृति और ज्ञान संकट मे है, हजारों ईसा पूर्व का इतिहास देखेंगे तो पता लगेगा कि पहले राक्षस मानव की तरह ही जन्म लेते थे,उनकी अलग पहचान होती थी,जिससे मनुष्य सावधान रहते थे, लेकिन अब तो राम और रावण दोनों एक ही वैषभूषा मिल जाते है,अमेरिका के राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा राम के रूप मे घुम रहे राक्षसों से परेशान होकर रो पड़े,मानव के प्रति उनकी सच्ची भावनाओं ने उनके ह्दय को पिगाल दिया है,और वैसे ही महान है हमारे मोदीजी भी उनको भी मानव एवं मानवता से बहुत लगाव हैं,वो पूजनीय हैं,मनुष्य की पिड़ा को वो समझते हैं,, भारत ही नहीं सम्पूर्ण राष्ट्र के मानवों की चिंता है उन्हें ,इस सदी मे ऐसे पुरुषों की आवश्यकता है,,आवश्यकता है आतंकवाद को जड़ो से मिटाने की,कोई एक आदमी इस कार्य को नहीं कर सकता इसलिए आवश्यकता है समस्त मनुष्य की शक्ति का •--- आजकल मनुष्य का मुख्य उद्देश्य हो गया है मरना और मारना जो कि अनुचित है,उचित तो यह है कि जिना सीखें स्वयं के लिए और ओरो के लिए तभी मनुष्य की प्रगति होगी,,सबसे बड़ी चिंता यह है कि आज एक देश दूसरे देश के लिए खतरा बनता जा रहा है,,और पाकिस्तान तो स्वयं खुद के लिए खतरा हैं,पाकिस्तान का तो अंग -अंग सड़ चुका है,जिसका कोई उपचार नहीं हैं ,,और अब उतर कोरीया सारी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन गया है,भारत कहता है अमन और शांति के लिए एक और खतरा उत्पन्न हो गया है,,एक भारत भला सोचेगा तो कैसे भला होगा और वैसे भारत भी तो सम्पूर्ण स्वस्थ नहीं है,कश्मीर तो हमेशा ही भारत का सिरदर्द के रूप से पहचाना जाता हैं, में यह कह सकता हूं कि सारी दुनिया अभी कठिन से कठिन परिस्थितियों से गुजर रही हैं, जिससे सम्पूर्ण विश्व के लोग दुखी हैं,,•--------- और में तरस रहा हूँ किसे ये सारा दुख सुनाऊँ •--- •---------विचारक भाई मंशीराम देवासी बोरुन्दा जोधपुर 9730788167