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मेरा आत्म ज्ञान

17 मार्च 2016

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घर-घर रो खाणौं पड़े आटो
घाट -घाट रो पिणौं पड़े पाणी
जद कोई भायला
मन मे ऊपजै एक नवी कहानी

कोई मानें कोई मनावैं
कोई मारे भायला लात
जद मन मे टस लेती
ऊपजै एक नवी बात

कोई हंसावै कोई रुलावै
कोई भायला गणौ करे अत्याचार
जद मन मे ऊपजै एक नयो भिचार

 भाईजी म्हारी कविता
आपरे मन मे छायगी
इण वास्ते मने आ एक
कविता और याद आयगी

मने हंसी  जद आई
कोई मने कईयो ईता प्रसिद्ध कोनी थे भाई
में कईयो हालताईं किताबों में कोनी छपाई

म्हारा प्रणाम थे करज्यौं स्वीकार
म्हारा टुटीयोड़ा-फुटीयोड़ा शब्दों
रो करज्यौ थे  पुरो उपचार

म्हारी आ है फरियाद
म्हारो संदेशों पढ़ आप
म्हानै देजौ आशीर्वाद

आपणौ छोटो राजस्थानी
----लेखक-----

भाई मंशीराम देवासी
   बोरुन्दा जोधपुर
   •--राजस्थान --•
    📱 9730788167

मंशी की अन्य किताबें

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मेरी पहचान

13 मार्च 2016
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कवण सारु न्यारी बात रो कांई हैं।म्हारे कने ----------कारण अेकई हो के अैड़ो कांई हुई सकै ।म्हारै कनै------जकौ म्हें लिख सकूँ अर वो बीजा रे बांचणजोग हुए सकै ।-----------तो म्हारै हिये मे। हिलौरा लेती एक बात उपजीकी  म्हारी पिछाण बताये दूँ  । म्हारा भिड़ुओ ने।~~~ तो बात सरु करा~~~~~में

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होली री माथाफोड़ी

13 मार्च 2016
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गुजरी होली री आप बीती बात है,एक बार फिर आपके समक्ष प्रस्तुत करता हूँ •---||||मेरा अनुभव है, ऐसी परिस्थिति हजारों लोगों के साथ हर होली को बनती हैं •---जिससे होली मे रंगों से खेलने की इच्छा लोगों मे मरती हैं,,ऐसे लोगों की पैदाइश बढ़ जाएगी,तो एक दिन भारतीय संस्कृति मिट जायेगी •---||

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लिखने में मेरा सहयोग

13 मार्च 2016
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मेरे लिखने की एक खास वजह है,की बहुत सारे मित्रों ने मेरे लिखने की कला को जाना है,समझा है,और कहते हैं कि आपको तो कविता लिखनी चाहिए,हालांकि में कविता एवं लेख आदि लिखता हूँ,लेकिन उनके कहने का मतलब है कि अधिकतर अपना समय लिखने मे गुजारें ताकि आपके लेखों से संसार और समाज के लोगों मे सु

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मेरे विचार

15 मार्च 2016
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यह बात नहीं है किसी लेख, कहानी अर कविता की,यह तो बात है मेरे मन मे बहे रही सरिता की •---||माथों नहीं ओ मटकों हैं,जो भरीजै अर पाछो खाली हो ज्यावै ,अर पाछो भरीज जावै ।अर मटको माथे पर तो चाहे खाली हो चाहे भरीयौ उण रो बोझ तो लागे ही हैं मटका रो भार तो निचो उतारीया ही कम होसी ,उण भांत

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गौ माता की रक्षा करों

15 मार्च 2016
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भारत का यह अंधा कानून अंधा तो है ही पर साथ -साथ ये नजरबंद का खेल भी भोली जनता के साथ खेल रहा है और अपनी आवाज को बदल-बदल कर बोल रहा है -------------मे कबूतर का सांप बनादू ओर उसे आकाश मे उड़ादू  ओर सभी से 10,10रुपया अपनी जोली मे  ले लेता है ___चौराहे पर वा वाही लूट लेता  ••••उसी प्र

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हर-हर महादेव

15 मार्च 2016
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ॐ नम: शिवाय .........शिवरात्रि को सुखासन मे बैठकर सम्पूर्ण ध्यान को केंद्रित कर कम से कम आधा घंटा शिव मंत्र का उच्चारण करेंगे •--आधा घंटा इसलिए क्योंकि हमारे भोले जी बहुत भोले हैं जो आपकी उपासना से जल्दी प्रसन्न हो कर आपकी झोली मे जीवन भर की खुशियाँ भरेंगे •---शिव तेरे जटा मे बह

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म्हारो राजस्थान

15 मार्च 2016
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आओ थाने में मिश्री सूँ मीठी म्हारी मायड़ भाषा सूँ ओतप्रोत कराऊँ।।देवासी समाज रो कोई भी व्यक्ति हालताई विशेष कर कवि रे रुप मे उभर कर नी आयौ हैं,इण स्थान री हमेशा ही कमी री हैं ,इण रिक्त स्थान री पूर्ति करणे वास्ते ही में यो सफर चुणीयौ हूँ,,इण सफर मे सफल होणे रे वास्ते आप म्हारी अच्

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मेरे आदर्श मोदीजी

15 मार्च 2016
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में लिख रहा हूँ •--- '''क्या आप पढ़ेंगे'''?? हैं प्रभु परमेश्वर, विष्णु,लक्ष्मीनारायण ,कमलनेण, वासुदेव,जगत पालन हार नाथों के नाथ ,अन्तरयामी दयालु,कृपालु थोड़ी हमारे पर भी कृपा करें •--- जिससे में मेरे जीवन का उदार व समस्त संसार का सुधार करने मे सक्षम बनूँ •--------------------|||

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लिखने में मेरा सहयोग

13 मार्च 2016
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मेरे लिखने की एक खास वजह है,की बहुत सारे मित्रों ने मेरे लिखने की कला को जाना है,समझा है,और कहते हैं कि आपको तो कविता लिखनी चाहिए,हालांकि में कविता एवं लेख आदि लिखता हूँ,लेकिन उनके कहने का मतलब है कि अधिकतर अपना समय लिखने मे गुजारें ताकि आपके लेखों से संसार और समाज के लोगों मे सु

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किसी के विचारों मे कांट छांट ने करें

15 मार्च 2016
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म्हारे विचारों मे थे भी सहभागी भणौ ,म्हारा हरेक भिचार समझो अर सुणौ,, म्हारो कोई भी भिचार ,लेख,कविता अर कहानी मे प्रस्तुत करुं •---जद सगळा ही जणा कैवण लागै .ओ आयगौ नारद रो नानौबीरबल रो बाबौ ऐ आईगी गपळा री गप्पापण ध्यान रहे म्हारी हरेक गप्पा मे आपने ज्ञान मिलेला •---||अर जीवन मे प्

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भगत भारत को देना होगा

16 मार्च 2016
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प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्रीय भक्ति कर राष्ट्र की शक्ति मे योगदान देना चाहिए •--|क्योंकि देख लो वो रावण राज तो आज भी पाकिस्तान के रुप मे जिन्दा हैं,लेकिन वहां सदियों से कोई विभीषण नहीं जन्मा हैं और कोई आशा भी नहीं की जा सकती,जिससे उसका नामों निशान मिटाना आसान नहीं है,और भारत मे व

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माफ करना

16 मार्च 2016
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माफ करनामेरा मकसद सिर्फ हिन्दुओं को जगाना हैं,हिन्दुस्तान को मिटाना नहींक्योंकि मेरे भगवान मेरे मां बाप भी इसी हिन्दुस्तान मे बसते हैं कहीं•-----जै जै भारत -----•अब बस ऐसा संकल्प लेलोविश्व मे पूजनीय हो धरती माँ हमारीबढ़ रही  देश मे अब  एक ही बीमारी 'देश दवालीया नहीं दवालीयाबना रहे  भ्

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क्या होगा मेरे भारत का भगवान

16 मार्च 2016
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क्या होगा मेरे भारत का भगवान क्या होगा मेरे भारत का भगवानकर रहे नेतृत्व मोदीजीभारत को बनना चाहते महानकन्हैया की करतूतों सेहो रहा भारत का अपमान क्या होगा मेरे भारत का भगवान भारत मे पल रहे पाकिस्तान के कुत्ते गा रहे पाकिस्तान के गुणगानकितना भी भौंख लो कुत्तेतुम्हारा बचना नहीं हैं आ

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मेरी राजस्थानी भाषा

16 मार्च 2016
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में मंशीराम देवासी लिखणों तो चाहूँम्हारी मायड़ भाषा मेपण म्हारी मायड़ भौमरा सपूतों ने तो बाचणौंई कोनी आवैंजद 'वे म्हारी मायड़ भाषा राशबद बांचे  तो व्हाने युं लागे ऐ शबद तो कोई अंतरिक्ष सुं आयोड़ा लागेजद में भी सोचूटेम घणो बदळगो लागेमायड़ भौम रा सपूतमायड़ भाषा ने भुलअंग्रेजी रे लारे भाग

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जरा सोचो

16 मार्च 2016
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•----जय हिंद जय भारत -----•||------जरा सोचों ------||यह शरीर तब तक सुरक्षित हैजब तक इसके सभी अंग सही हैतुम्हारे मस्तिष्क पर अगर कोईवार करेंगेतोक्या तुम्हारे हाथ -पांव गतिमान नहीं होगेंअपनी रक्षा के लिएशस्त्र नहीं उठायेंगेअरे उठायेंगे ना यह भारत राष्ट्र हमारा हैजम्मू कश्मीर हमारे

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एक घटना

17 मार्च 2016
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•-----एक घटना ------•में भी गुलाब का फूल खरीद कर लाऊँगा •--और एक लड़की को देकर उसे पटाऊँगा •--थोड़ा पैसा वैसा खर्च कर के में भी वेलेनटन डे मनाऊँगा •--गुलाब का फूल लायामैने लड़की को पटाया वेलेनटन डे मनायाउसके बाप को पता चलामंशीराम मेरी लड़की से मिलाउनके बेटों ने मिलकर मुझे धो डालामे

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मेरा आत्म ज्ञान

17 मार्च 2016
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घर-घर रो खाणौं पड़े आटोघाट -घाट रो पिणौं पड़े पाणी जद कोई भायला मन मे ऊपजै एक नवी कहानीकोई मानें कोई मनावैंकोई मारे भायला लातजद मन मे टस लेतीऊपजै एक नवी बातकोई हंसावै कोई रुलावैकोई भायला गणौ करे अत्याचार जद मन मे ऊपजै एक नयो भिचार भाईजी म्हारी कविता आपरे मन मे छायगीइण वास्ते मने आ

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मौत का कुआँ

17 मार्च 2016
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•---मौत का कुआँ  ---• वास्तव मे एक ऐसा खेल है,,जो खेलते हैं ऐसा लगता है जैसे उन्हें जिन्दगी की कोई प्रवाह ही नहीं  ,,समय जोग हुआ हम भी कुछ आशाओं के साथ गांव छोड़कर शहर चले आये वैसे हमारा जोधपुर भी कोई गांव नहीं है परन्तु वहाँ रहना शायद हमारे भाग्य मे नही था,इसलिए हम उसे छोड़कर कि

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जय श्रीकृष्णा

17 मार्च 2016
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हैं •--राम

17 मार्च 2016
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मेरा आशीर्वाद

18 मार्च 2016
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ओवेसी को मेरा आशीर्वाद,सुअर की औलाद सुधर जामत कर तेरी कौम को बर्बाद,,ओवेसी - ओवेसी भेजा खराब हो चुका इ नाम सुनकर ,जहाँ भी देखें इन सुअरों के जुड़ को मार दो चुनकर,,कल परसों तो खा रहा था जुतादेखो आज फिर भौंक रहा कुत्ताछोड़ दिया शेरों ने  दहाड़ना तो शुरु कर दिया कुत्तों ने भौंखना,कला

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में लिख रहा हूँ,,

18 मार्च 2016
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में लिख रहा हूँ •--- '''क्या आप पढ़ेंगे'''?? हैं प्रभु परमेश्वर, विष्णु,लक्ष्मीनारायण ,कमलनेण, वासुदेव,जगत पालन हार नाथों के नाथ ,अन्तरयामी दयालु,कृपालु थोड़ी हमारे पर भी कृपा करें •--- जिससे में मेरे जीवन का उदार व समस्त संसार का सुधार करने मे सक्षम बनूँ •--------------------|||

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गौ हत्या का विरोध

18 मार्च 2016
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खुब दिनों बाद  बे धड़क एक बार फिर में आ रहा हूँ अपणी कुछ खास नवीनतम रचनाओं के साथ पढ़णे सारु हाजिर होज्यौ सागऊं माँ रे तहत आपरा विचार भी शामिल करज्यौ सा•--में देवासी हूँ देशवासियों ने  सही दिशा ले जाऊंला•--पशु नहीं माँ हैं गऊ हमारी ये सब ने बतलाऊंला•--गऊमुत्र भी एक औषधि है ये अलख ज

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सिख मानवता री

18 मार्च 2016
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बे धड़क एक बार फिर में आ रहा हूँ •--अपनी खास नवीनतम रचनाओं के साथ •--कुछ बनना चाहते हो तो रास्ते पर कदम बढ़ाते रहेनाजितना हो सके प्राप्त उतना करते रहेनामेरी खूब रचनाएँ प्रस्तुत हैंदेश भक्ति पर,बदलती हुई संस्कृती पर,मायड़ भाषा वे भौम पर,किसानों वे मजदूरों पर,मानवता और जीवन शैली पर,न

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समाज की पिड़ा

18 मार्च 2016
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राम राम सा •--में मंशीराम देवासी ( बोरुन्दा  )एक बार फिर में आपके सामने प्रस्तुत करता हूँ मेरे मन की बहुतगहरी पिड़ा जो ने जाने कितने परिवारों को पिड़ीत कर चुकी हैं,जिण री जिम्मेदार आज री युवा पीढ़ी हैं •---जितनी बड़ी यह समस्या है उतनी बड़ी पिड़ा हैं,,हर समाज मे बहुत तेजी से बढ़ रही इ

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ये तो मेरे विष्णु जी की लिला हैं

18 मार्च 2016
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आ तो म्हारे सावंरिया री लिला हैंआ तो म्हारे विष्णु री लिला हैंबुद्धिजीवी बनने का अवसर मिला हैमनुष्य जन्म का मौका मिला हैने करो हत्या मानव तुम जानवरों को भी जीवन जिने के लिये मिला है •--उन्हें भी लाल हमें भी लालएक समान खून मिला है आ तो म्हारे सावंरिया री लिला हैंसात रंगों रो मेल अ

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विचार ही मस्तिष्क की खुराक हैं,,इसलिए विचार करते रहो ।

18 मार्च 2016
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अपने अपने विचारों का ढ़ग !!!

19 मार्च 2016
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विचार कर लिखणौअर विचार कर बोलणौदोनू ही न्यारी -न्यारीबांता हैं दोना मे हीजमीन असमान रो फर्क हैं विचार कर लिखणौ तो  ईतौआसान है ज्यूं जमीन माथे हाळणौविचार कर बोलणौ ईतौ मुश्किल है ज्यूं असमान मे उड़णौहाल मे कोई स्टेज प्रोग्राममे दाखिल हुयौ कोनीपण म्हारा विचार पूजनीय हैंया राय म्हनैं

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आरक्षण को खत्म करों

19 मार्च 2016
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हा हा कार मचा हैं चारों ओर आरक्षण की आग लगी हैअपनी आँखों से देख लों अब तो  सुरत भी जलने लगीं हैं गुर्जर ,, पटेलो की बात नहीं यह  बीमारी सभी को लगने लगी हैं उठ गया भरोसा  ज्ञान से अब मेहनत भी फीकी लगने लगी हैंहा हा कार मचा हैं चारों ओर आरक्षण की आग लगी हैआतंकवाद को तो  देखा हमनेअब

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जन - जीवन

19 मार्च 2016
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जन -जीवन सुना है पण सुन्दर है,म्हारे गांव रा कांकड़मोकळा जिनावर रैवे,डाल-डाल फांके मांकड़मोटिहारा रो कांई कैवणौ,नेन्हा-नेन्हा टाबर हैं धाकड़सुबह -शाम रे कलेवा मे,जिमे अठे बाजरा रो खिचड़प्याला भर-भर पिवै अठे,घणौ सवाध्दिष्ठ लागै राबड़राजस्थान रे राज्य पशु,ऊंट री गणी लम्बी गाबड़धीरज सूँ स

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नशा नाश कि जड़ हैं!!

19 मार्च 2016
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धरती माँ रे गोद में ना जाने  किता जीवों ने जन्म लियो पण अपनी बुद्धि रे कारण मानव जीव ने सर्वश्रेष्ठ स्थान पायो -•-माँ धरती ने भी मानव को अपना प्रथम और अतिउत्तम पुत्र के रुप मे स्वीकारा ईतना ही नहीं माँ ने मानव को पुत्र के रूप में पाकर अपने आप को धन्य व भाग्यशाली  माना -•-इसलिए अप

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नमस्कार 🙏🙏

21 मार्च 2016
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मिठा शब्द में बोलु ज्यौं बोलें हैं मोरसुण म्हारा शब्द लोग कहे शब्द थाणा हैं जोरगांव मे रेवै सब भला लोगसिटी मे सब जणा लागे चोरडोकरा तो अबे मौन धारलियोटाबरिया मचावै अबै शौरभलाई रो कोनी समयबुराई छाई चारो औरसागर गणौ गहरौ निलो हैं गगनसुण मंशीराम देवासी राशब्द सब जणा हो ज्यांवै  मगनशहर

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नमस्कार 🙏🙏

21 मार्च 2016
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मिठा शब्द में बोलु ज्यौं बोलें हैं मोरसुण म्हारा शब्द लोग कहे शब्द थाणा हैं जोरगांव मे रेवै सब भला लोगसिटी मे सब जणा लागे चोरडोकरा तो अबे मौन धारलियोटाबरिया मचावै अबै शौरभलाई रो कोनी समयबुराई छाई चारो औरसागर गणौ गहरौ निलो हैं गगनसुण मंशीराम देवासी राशब्द सब जणा हो ज्यांवै  मगनशहर

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