हे राष्ट्र विरोधी कंस , बहुत पछताएगा
तेरा कृष्ण करेगा विध्वंश न तू बच पाएगा
जब देश हमारा एक सूत्र में बांधने लगा
क्यों कट्टर पंथी देख देख के जलाने लगा
नफ़रत का जहर गर मुल्क में तू फैलाएगा
तू उसी जहर से अपनी जान गवाएगा
हे राष्ट्र विरोधी कंस , बहुत पछताएगा
तेरा कृष्ण करेगा विध्वंश न तू बच पाएगा
है तुलसी सूर रहीम यहां रसखान है
ह एकबरबर सबका यहां सम्मान है
तू इनके बीच दीवार खड़ी करवाएगा
फिर खुद खुदा ना तेरा साथ निभाएगा
हे राष्ट्र विरोधी कंस , बहुत पछताएगा
तेरा कृष्ण करेगा विध्वंश न तू बच पाएगा