नीरज का अपना अलग अंदाज़े बयां है, उनकी शायरी का अपना एक मिज़ाज है। ऐसे कवि-गीतकार, शायर से हम यही उम्मीद करेंगे कि उनके द्वारा अगर कोई संकलन तैयार किया जाए, तो निश्चय ही उसकी बुलंदी भी काफ़ी होगी। एक - एक शे’र पर मर मिटने को जी चाहता है। जि़ंदगी और आज के हालात पर ग़ज़ल ने अपना ‘फ़ोकस’ डाल रखा है.
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