लखनऊ:होली के अवसर पर भाईचारे का संदेश देने पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गए हैं।
नवाज़ शरीफ़ पर ईशनिंदा का आरोप लगाकर कुफ्र का फतवा जारी किया गया है.। पाकिस्तान अहले सुन्नत वा जामा के नेता एवं इत्तेहाद काउंसिल के सेक्रेटरी अल्लामा अशरफ जलाली ने तकरीर देते हुए कहा कि नवाज शरीफ ने न सिर्फ इस्लाम की निंदा की है, बल्कि पाकिस्तान की सैद्धांतिक विचारधारा की तौहीन भी की है।
14 मार्च 2017 को पाकिस्तान के प्रधान मंत्री नवाज़ शरीफ ने देश के अल्पसंख्यकों को होली पर भाईचारे का संदेश दिया था। कराची में होली के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम में शरीफ ने अपने संबोधन की शुरुआत 'हैप्पी होली' कहकर की थी। नवाज़ शरीफ़ ने कहा था कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा किसी से छिपी नहीं है। खासकर उन्हें जबर्दस्ती इस्लाम में शामिल करने को लेकर पूरी दुनिया में आवाज उठती रही है। नवाज शरीफ का कहना था कि पाकिस्तान इसलिए नहीं बनाया गया था कि एक धर्म बाकी दूसरे धर्मों पर हावी हो।
उन्होंने कहा था कि धर्म किसी से भी जबर्दस्ती नहीं करता और इस्लाम में जबरन धर्मांतरण अपराध माना गया है।
शरीफ ने सहिष्णुता, धार्मिक सद्भाव और शांति से मिलजुलकर रहने की वकालत की थी। इस समारोह की शुरुवात गायत्री महामंत्र से की गई थी। जिसका ताली बजाकर शरीफ ने सराहना भी की थी। इस दौरान पाक के प्रधान मंत्री ने वहां मौजूद हिंदुओं को होली की शुभकामनाएं दी थी।
नवाज शरीफ पहले राजनेता नहीं हैं, जिनके खिलाफ कुफ्र का फतवा जारी किया है। इससे पहले भी पाकिस्तान में कई राजनेताओं के खिलाफ ऐसे फतवे जारी हो चुके हैं. मामले में नवाज़ शरीफ़ से माफी मांगने की मांग करते हुए मौलवी जलाली ने कहा कि नवाज शरीफ ने प्रधान मंत्री पद की शपथ का भी उल्लंघन किया है।
इससे पहले पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के चेयरमैन इमरान खान के खिलाफ भी ईशनिंदा के आरोप में फतवा जारी किया जा चुका है। हालांकि बाद में इमरान खान ने माफी मांग ली थी। ईशनिंदा के मुद्दे पर पाकिस्तान में हमेशा से विवाद रहा है.