मन खग को उड़ना था
इच्छा अम्बर छूना था
तेरी नजरो के तीर लगे
तो तय था कि गिरना था
तेरी शुधियो का सहारा है
मन तेरी अदा पे हारा है
कहा ढूंढोगी आशिक़ तुम
ये दिल भी तेरा दीवाना है
- रोहित कुमार " मधु "
29 नवम्बर 2022
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मेरा नाम रोहित कुमार 'मधु' (कुमार आदिब 'फिज़ा') है मैं एक विधार्थी हूं जिंदगी का, प्रेम का, मानो तो हम सभी विद्यार्थी है। लिखना कुछ नही दर्द को शब्दो में पिरोना है और अभी मैं कर रहा हूं, सिखा जिंदगी और इश्क रहा है।अंधकार ही प्रकाश की तलाश है ,अंधकार ही सृजन का आधार बस इसी अंधकार में उजाले की तलाश है जो मुझे नई दिशा दे रहा है भाव को प्रकट करने की, नाम को नया नाम देने की। बस परिचय इतना है मेरा जो मेरा है वो सब कुछ तेरा।D