नई दिल्ली : संसद पेश पेश कंट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (सीएजी) की रिपोर्ट लगातार नए खुलासे कर रही है। अब सीएजी ने सरकारी बैंकों के मुनाफे पर सवाल उठाएं हैं। संसद में पेश की अपनी रिपोर्ट में सीएजी ने कहा है कि सरकारी बैंकों ने अपने मुनाफे ज्यादा दिखाएं हैँ। सीएजी ने बैंको के नेट प्रॉफिट के आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं। संसद में पेश सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक कुल 12 सरकारी बैंकों में नेट प्रॉफिट जितना था उससे ज्यादा दिखाया गया।
बैंक ऑफ महाराष्ट्रा इस मामले में सबसे ऊपर रहा। इसके अलावा ओरिएंटल बैंक, ऑफ कॉमर्स, इलाहाबाद बैंक और सिंडीकेट बैंक भी शामिल हैं। इन 12 सरकारी बैंकों में जितना एनपीए था उसके मुकाबले प्रोविजनिंग नहीं की गई। प्रोविजनिंग कम करने की वजह से नेट प्रॉफिट ज्यादा दिखी।
वित्त वर्ष 2018 की पहली तिमाही में आईडीएफसी बैंक का मुनाफा 65.3 फीसदी बढ़कर 437.6 करोड़ रुपये हो गया है। वित्त वर्ष 2017 की पहली तिमाही में आईडीएफसी बैंक का मुनाफा 264.7 करोड़ रुपये रहा था।
तिमाही दर तिमाही आधार पर अप्रैल-जून तिमाही में आईडीएफसी बैंक का ग्रॉस एनपीए 2.99 फीसदी से बढ़कर 4.13 फीसदी रहा है। तिमाही आधार पर अप्रैल-जून तिमाही में आईडीएफसी बैंक का नेट एनपीए 1.14 फीसदी से बढ़कर 1.70 फीसदी रहा है।