नई दिल्ली : पुरानी कहावत है 'नेकी कर दरिया में डाल' सही मायने इस कहावत के अब भारतीय लोगों की समझ में आ गया हैं. मतलब ये है की जरूरतमंदों की मदद करें और उसे भूल जाएं. जिसके चलते दुनिया के कई देशों के लोग जरूरतमंदों की मदद अपने-अपने तरीकों से करते है. लेकिन ईरान के 'Wall Of Kindness' से प्रेरित होकर भारतीय लोगों ने उनकी इस तरकीब को अपना कर देश के जरूरतमंदों की मदद करने का ये नायब तरीका जरूर ढूंढ निकाला है.
शर्म महसूस करने वाले भी लेते है जरुरत का सामान
गौरतलब है कि इंडिया में 'Wall Of Kindness' यानि नेकी की दीवार बनाये जाने की पहल राजस्थान के भीलवाड़ा की जनता ने कर दी है.
नेकी की दीवार ज़रुरतमंदों की मदद करने के लिए बनाई गयी एक दीवार है. ये बाक़ी दीवारों की तरह आम होती है. पर इस दीवार पर लोग ऐसी चीज़ें रख कर जाते हैं, जिनकी उन्हें ज़रूरत नहीं होती. ठीक उसी तरह ज़रूरतमंद लोग इस दीवार से अपने काम की चीज़ें ले जा सकते हैं. कई लोग ऐसे स्वाभिमानी होते हैं, जो ठंड में ठिठुरते रहेंगे और भूखे रह जाएंगे, पर किसी के आगे हाथ नहीं फैलाएंगे. ऐसे लोग भी इस दीवार से ज़रूरत का सामान लेते हैं.
ईरान में हुई थी पहल इस दिवार की
बताया जाता है कि इसकी शुरुआत ईरान के लोगों ने की थी, वो ठंड से बचने के लिए लोगों की मदद करना चाहते थे. मदद के तौर पर एक व्यक्ति ने एक दीवार पर हुक लगाकर गर्म कपड़े टांग दिए और दीवार पर लिख दिया, अगर आपको इन कपड़ों की ज़रूरत नहीं है तो छोड़ दें और ज़रूरत है तो इन्हें ले जाएं.
इंडिया के कई राज्यों में बन रही है नेकी की दीवार
इसके बाद ईरान के कई कस्बों और शहरों में इसकी शुरुआत हो गयी. कुछ ही समय के बाद इन दीवारों पर कपड़ों के साथ-साथ कई और सामान भी रखे जाने लगे. अब इन दीवारों को बहुत सलीके से रंग दिया जाता है और सजाया भी जाता है. इस दीवार की ख़बर पूरे विश्व में फैलने लगी है. और अब भारत में भी ऐसी दीवारें बनाई जाने लगी हैं. इसकी शुरुआत राजस्थान के भीलवाड़ा से हुई है, जहां जिलाधिकारी आवास के सामने ही नेकी की दीवार बनाई गयी है. ऐसी ही दीवार हरियाणा के कैथल में भी बनाई गयी है. मध्यप्रदेश के झाबुआ में भी इस दीवार का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है. धीरे-धीरे पूरे देश में ऐसी दीवारें बननी शुरू हो गई हैं.
लोगों की मदद की अनूठी पहल
फिलहाल ये एक बहुत सराहनीय प्रयास है. सीधे किसी को कुछ देने से उसे दान का एहसास होता है. ऐसे में लोग बिना किसी शर्मिंदगी के यहां से सामान ले सकते हैं. ऐसी दीवार हमारे देश के हर शहर में होनी चाहिए, ताकि ठंड में गर्म कपड़ों की कमी से किसी की जान न जा सकें. सबसे बड़ी बात ये है कि अगर आपके आस-पास ऐसी दीवार बनती है तो वही सामान दें, जो उपयोग में लाया जा सके. ध्यान रहे कि जो आप देंगे, आपको कभी न कभी वो वापस ज़रूर मिलेगा.