shabd-logo

डायरी संदीप की।

14 जून 2022

14 बार देखा गया 14

14/06/22
ज्येष्ठ मास,
रात्रिकाल,
सखी आनंद हो।
जय श्रीकृष्ण।
सगी सखी कौन अपना है कितना अपना है यह दुख मे पता चलता है।कितना मन दुखी होता है जब हमसफर इस पर न खरा उतरता है।
खैर कौन किस किस के किस्से  बयान करे ,,रख तलवार  अंदर भी ,म्यान  बाहर सब  बखान करे,।
बस यही हाल है।
कहते है बिमारी विपदा मे भी पत्थर  का दिल भी पिघल  जाता है।
पर जिस पर स्वार्थ  व अहम का पर्दा हावी हो ,उसका तो सब ठहर जाता है।
खैर जाने दो यह सब,, सुकून  यह है की बेटे को आराम है।
पर अपनी हालत वैसी ही है।चलो जो हरि इच्छा। जय श्रीकृष्ण।
कुछ  कहना जरूरी नही  आपके जीवन  मे कितने दुख  आपको कैसे कैसे झेलने है।यह आपका आज व कल के लिए  निर्णय  पर आधारित है।खैर कभी कभी हमारे लिए  फैसले गलत हो भी जाते है इसमे क्या यह तो अनुभव  भी तय नही कर पाया।कि आपका अगला निर्णय  कितना  सटीक होगा।खैर यह हम आज लेकर क्या बैठ गए। बे सिर पैर की बाते।
नही यह बिन सिर पैर की बाते नही एक कहानी है।जो छिपी है इन अल्फाज़ो मे कही न कही इक जिंदगानी है।
वो कहते है न,,
इक प्यार का नगमा है,
मौजों की रवानी है,,
जिंदगी, और कुछ  भी नही ,
तेरी मेरी कहानी है।
तो यह सब है।
अब चले ,,देखते है कल मिले न मिले।
वैसे इरादा तो मिलने का है जिन्दगी  और तुझसे मिलते भी रोज ही है, पर तेरी बहन मौत का क्या ,,
उसने तो मिलना भी एक ही दिन है,,
पर वो तेरी तरह बेवफा नही ,,
बडी वफादार है वो ,,जब एक बार जिससे मिलती है फिर उसे कभी छोडती नही ।।तेरी तो अजीब  कहानी है ,,जगह जगह  छल,बल,उसकी आगोश  मे सुकून है।
तो चलो सखी अब आज की राम,राम आप सब को,,
कल का कृष्ण  देखेगे।
जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण।
तुम्हारा दोस्त,
संदीप शर्मा। देहरादून से।


4
रचनाएँ
संदीप की डायरी।
0.0
मन की बाते करती प्यारी, लो जी आई संदीप की डायरी। जयश्रीकृष्ण
1

डायरी संदीप की।

27 मई 2022
3
2
4

27/05/22,,ज्येष्ठ मास, दिन शुक्रवार,संध्याकाल सखी मेरी को राम राम। जय श्रीकृष्ण जयश्रीकृष्ण। सखी तुम बताओ इतना पढती हो मेरे शब्दो का वजन भी ढोती हो तुम्हारा पसंदीदा डायलॉग&nb

2

डायरी संदीप की।

31 मई 2022
3
2
3

31/ मई/2022, मास,ज्येष्ठ,, दिन मंगलवार , समय अपराह्न, 12:15, सखी राधे, राधे राधे बोल मना, राधे राधे राधे बोल जरा। जय श्रीकृष्ण। सखी आज तो देखो कितना भेदभाव हो रहा है ।लिपी पर ही देख लो जो है सब

3

डायरी संदीप की।

5 जून 2022
0
1
0

05/06/22,ज्येष्ठ मास, दिन रविवार, संध्याकाल, विश्व पर्यावरण दिवस, सखी राम राम, जयश्रीकृष्ण, आदरणीय आज विश्व पर्यावरण दिवस है और हम इस पर भाषण देकर कविता लिख ओ

4

डायरी संदीप की।

14 जून 2022
0
0
0

14/06/22 ज्येष्ठ मास, रात्रिकाल, सखी आनंद हो। जय श्रीकृष्ण। सगी सखी कौन अपना है कितना अपना है यह दुख मे पता चलता है।कितना मन दुखी होता है जब हमसफर इस पर न खरा उतरता है। खैर कौन किस किस के किस्से&nb

---

किताब पढ़िए