नोटबंदी गई है छा जी करंसी की लगी बाट जी 8 नवंबर गई है आ जी अफवाहों का गर्म बाजार जी टोलनाके बने गले की फांस जी बैंक एटीएम की बढ़ी कतार जी प्रजा को मिला नया रोजगार जी चाय पराठों में मिलती पगार जी रोटी.दाल.चावल.साँबर की जगह टमाटर.रोटी बनी सर्वोत्तम खुराक जी इसे कहते हैं रामराज जी इसे कहते हैं रामराज जी इसे कहते हैं राम राज जी इंस्पैक्टरों का हो गया राज जी पुलिस का तो मत पूछो हाल जी बैंकों ने संभाला आयकर विभाग जी खातों की कर रहे जाँच.पड़ताल जी जेल खोलो कोई भागने को न तैयार जी तिजोरी खोलो कोई लूटने को न तैयार जी गंगा की धारा बंद नोटो से हुई मालामाल जी देख पुराने नोट भिखारी उठकर जाते भाग जी किसान अपनी फसल अपने हाथों रहे उजाड़ जी व्यापार पर पड़ रही चौतरफा मंदी की मार जी विमुद्रीकरण का पर्याय बनकर नोटबंदी ने लिया शब्दकोश में स्थान जी इसे कहते हैं रामराज जी इसे कहते हैं रामराज जी इसे कहते हैं राम राज जी बैंक कर्मियों का पूछो मत हुआ क्या हाल जी उंगली पर लगा स्याही संपन्न रहे करा चुनाव जी कठपुतली आरबीआई की अधिसूनाएं 70 ़ चार जी 150 से अधिक नागरिकों की बनीं काल जी देशवासियों पर पड़ रही है आतंक की भारी मार जी उग्रवादए कालाधनए जाली नोट का तो केवल नाम जी गरीब चोरए मजदूर चोरए कर्मचारी चोरए व्यापारी चोर नौकरशाह और नेता केवल निकले ईमानदार जी नेताओं का मगर प्रभावित न हो रहा प्रचार जी बैंकों के सामने बाँट रहे चाय.पकौड़ी रोटी.दाल जी कुछ खबरिया चैनलों की टीआरपी ने लिया ऊबाल जी देश के मजदूरए गरीबए गृहणिओं को अर्थशास्त्री रहे बना जी प्रधानमंत्री ने 50 दिन बाद कम कठिनाइयों की बंधाई थी आस जी उनके प्यारे देशवासियो जैसे संबोधन कर रहे जनता को आज भी बेहाल जी इसे कहते हैं रामराज जी इसे कहते हैं रामराज जी इसे कहते हैं राम राज जी