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विश्वासघात--भाग(२४)

13 नवम्बर 2021

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साधना डाइनिंग टेबल पर नाश्ता लगा चुकी थी,नटराज तैयार होकर आया और नाश्ता करने बैठ गया,उसने आधा नाश्ता खतम ही किया था कि टेलीफोन की घंटी बज पड़ी___
    साधना जैसे ही टेलीफोन का रिसीवर उठाने को हुई तो नटराज बोला___
ठहरो! मैं उठाता हूँ।।
  नटराज की जैसे ही टेलीफोन पर बात खतम हुई,उसने पानी पिया और वाँश बेसिन में हाथ धोकर साधना से बिना कुछ कहें नीचे गया,गैराज से मोटर निकाली और फिर से कहीं चला गया,नटराज का ऐसा रवैया देखकर साधना हैरत में पड़ गई और उसने शक्तिसिंह के घर पर टेलीफोन करके सबकुछ बता दिया।।
   अब उधर शक्तिसिंह भी चिन्ता में पड़ गए कि शायद नटराज को कुछ मालूम चल गया है,उन्होंने फौ़रन इस बात की ख़बर संदीप तक पहुँचाई।।
     संदीप और प्रदीप अब सावधान हो गए,उन्हें पता था कि कोई ना कोई खतरा जरूर सामने आने वाला है क्योंकि नटराज जिस तरह से खोजबीन करवा रहा था वो जल्द ही सबके राज जानने में कामयाब हो सकता है,इधर संदीप ने सोचा कि इसकी सूचना वो गाँव जाकर अपने पिता को दे दे कि अब सावधान रहने की जुरूरत है और वो गाँव पहुँचा लेकिन उसके पीछे पीछे नटराज के ख़बरी गाँव तक पहुँच गए,एक दो दिन के बाद संदीप गाँव से लौट तो आया लेकिन उसकी असलियत नटराज के गुण्डो को पता हो गई।।

       उधर नटराज के अड्डे पर____
बाँस! मैनें नाहर सिंह के बारें में सब पता कर लिया है,वो कोई जमींदार नहीं है,एक मामूली सा वकील है और अभी हाल ही में उसने अपने वकालत की पढ़ाई पूरी की है और वो कोई शक्तिसिंह के दोस्त का बेटा नहीं है,उसके माँ बाप तो गाँव रहते हैं,उसकी बहन गाँव में डाक्टरी करती है और जिसे शक्तिसिंह अपना बेटा प्रदीप कहता है वो तो संदीप का सगा भाई है और इन सबके बीच कुछ खिचड़ी पक रही है,ये सब लोंग इन्सपेक्टर अरूण से मिले हुए हैं,मुझे तो जूली पर भी शक़ है,नटराज के गुण्डे शाका ने ये खबर नटराज को बताई।।
      अब तो नटराज का पारा चढ़ गया और वो चिल्लाकर बोला____
इतना बड़ा धोखा!अब तो मैं किसी को भी नहीं छोड़ूगा,आज से तैयारी शुरु कर दो,एक एक करके सबको मौत के घाट उतार दो और मुन्ना तुम जल्द ही संदीप के माँ बाप और बहन को अगवा करने की तैयारी करो और याद रखों किसी को कानोंकान ख़बर नहीं होनी चाहिए।।
ठीक है बाँस!मुन्ना बोला।।
लेकिन बाँस ! जूली का क्या करें? उसको भी अगवा करके कैद कर लें,शाका ने नटराज से पूछा।।
नहीं,अभी रहने दो ,अभी उस पर नज़र रखों,देखते हैं कि ऊँट किस करवट बैठता है,पहले उसके खिलाफ़ सुब़ूत इकट्ठा करो,इसके बाद सबसे इन्तकाम लिया जाएगा ,नटराज बोला।।
ठीक है बाँस! शाका बोला।।

       इधर इन्सपेक्टर अरूण को भी नटराज के इरादों की भनक लग चुकी थी,उसने साधना ,मंजरी और संदीप को हिदायतें दी कि वे सब सावधान हो जाएं,नटराज किसी भी वक्त कुछ भी कर सकता है,उसे शायद हमारे नाटक के बारें में सब पता चल गया है और इसलिए आज रात जमींदार शक्तिसिंह जी  के संग नाहर सिंह को क्लब जाना चाहिए,वहाँ नटराज के गुण्डों का रूख देखकर पता चल जाएगा कि आखिर वहाँ क्या चल रहा है,वहाँ संदीप को बहुत सावधानी के साथ जाना होगा क्योंकि जान का भी खतरा बढ़ सकता है।।
      इधर शाम को शक्तिसिंह और नाहरसिंह क्लब पहुँचे और नटराज के गुण्डों ने नटराज को ख़बर कर दी कि वो लोंग आ चुके हैं और जूली के संग मेकअप रूम में कुछ  बातें कर रहे हैं,ये सुनकर नटराज बोला___
  जरा ध्यान रखना वो लोंग मेरे आने तक जाने ना पाएं,मुझे भी उन लोंगो से कुछ जुरूरी बातें करनी है,मैं बस कुछ देर में वहाँ पहुँचता हूँ।।
   अच्छा बाँस! राका बोला॥
और कुछ देर में नटराज भी क्लब में आ पहुँचा और शक्तिसिंह जी से आकर मिला___
   अरे,जमींदार साहब! बहुत दिनों बाद इस ओर रूख़ किया,कहिए मिज़ाज़ तो अच्छे हैं ना! और नाहर सिंह जी  कहाँ हैं?कहीं नज़र नहीं आ रहे ?नटराज ने पूछा।।
जी वो रहें,नाहर सिंह,शक्तिसिंह जी बोलें।।
मैने सुना है कि आजकल नाहर सिंह ,जूली के संग कुछ ज्यादा ही गुफ्तगू करने लगें हैं,कहीं उनका इरादा कुछ और तो नहीं,नटराज बोला।।
अरे सिघांनिया साहब! आप भी कैसीं बातें कर रहें हैं,नया खून है तो अपने हमउम्रों के साथ ही बात करेगा ना !हम जैसे बुढ्ढों से भला उसे क्या काम? आप तो बेवज़ह शक़ कर रहे हैं,शक्तिसिंह जी बोलें।।
जी,मुझे लगा कि शायद वो मधु से शादी करने को तो मना नहीं कर देगें इसलिए आपसे पूछा,आखिर बेटी का बाप जो ठहरा,आप तो अच्छी तरह समझ सकते हैं,आपकी भी तो एक बेटी है ना!,नटराज ने बड़े अन्द़ाज के साथ शक्तिसिंह से कहा।।
हाँ,समझ सकता हूँ बिल्कुल समझ सकता हूँ,शक्तिसिंह जी ने कुछ घबराते हुए जवाब दिया।।
तो फिर कल आप मेरे फार्म हाउस क्यों नहीं आ जाते? नाहर सिंह और उनकी बुआ कुमुदिनी के संग वहीं पर सगाई कर देते हैं दोनों की,मैं भी साधना और मधु के संग आ जाता हूँ,नटराज बोला।।
जी,सगाई भी हो जाएगी,ऐसी भी क्या जल्दी हैं?शक्तिसिंह जी बोले।।
लेकिन मुझे जल्दी है ना!क्योंकि मैं देख रहा हूँ कि नाहरसिंह की नजदीकियाँ जूली के संग दिनबदिन बढ़ती ही जा रहीं हैं,नटराज बोला।।
ऐसी तो कोई बात नहीं है,मुझे तो ऐसा कुछ भी महसूस नहीं हुआ,शक्तिसिंह जी बोले।।
मेरी नज़रो से देखिए तो महसूस होगा आपको,नटराज बोला।।
जी,मैं नाहर से कहूँगा कि वो जूली से ज्यादा मिलना मिलाना छोड़ दे,सिघांनिया साहब को ये बात पसंद नहीं है,शक्तिसिंह जी बोले।।
आपको इतना कुछ भी करने की जुरूरत नहीं हैं,अब करूँगा तो मैं क्योकिं मैं जान चुका हूँ कि ये नाहर सिंह नहीं है,ये संदीप है और ये पेशे से वकील है,तुम लोंग मेरी आँखों में धूल झोंक रहे थे,लेकिन तुम लोंग ये कैसे भूल गए कि मैनें अपनी सारी उम्र यही सब करके गुजारी है,मैं उड़ती हुई चिड़िया के पर गिन लेता हूँ तो तुम लोंग कौन से खेत की मूली हो।।
    राका और मुन्ना अपने आदमियों से कहो कि दोनों को अगवा करके फार्म हाउस ले चलें,मैं थोड़ी देर में वहाँ पहुँचता हूँ,ध्यान रखना की छूटकर जाने पाएं और नटराज के इतना कहते ही गुण्डो ने दोनों को पकड़कर रस्सी से बाँध कर उनके मुँह  पर पट्टियाँ बाँध दी,ये सब जूली देख रही थी लेकिन बोली कुछ नहीं,नाटक करते हुए नटराज के पास आई और बोली____
ये क्या? बाँस ! ये दोनों ही ख़बरी हैं,अच्छा हुआ आपको पता चल गया।।
हाँ,जूली! अच्छा हुआ तुम इसके जाल में नहीं फँसी,नटराज बोला।।
हाँ बाँस! बहुत बची,जूली बोली।।
     और फिर नटराज के गुण्डे शक्तिसिंह और संदीप को फार्महाउस ले गए और नटराज भी ना जाने कहाँ चला गया,इसी बीच जूली को मौका मिल गया और वो ये ख़बर इन्सपेक्टर अरूण को बताने के लिए चली और नटराज तो इसी मौके की तलाश में था कि आखिर जूली कहाँ जा रही है? वो  कहीं नहीं गया था उसने तो वहाँ से जाने का नाटक किया था कि वो जूली का पीछा कर सकें,नटराज अपने इस नाटक में कामयाब हो गया।।
       इधर जूली रात के अँधेरे में अपनी मोटर पर सवार धूल उड़ाते हुए कच्चे रास्तें में कहीं बढ़ी चली जा रही थी और उधर नटराज भी किसी दूसरे की मोटर से उसका पीछा कर रहा था कि जूली उसकी मोटर को पहचान ना पाएं,काफ़ी देर के बाद जूली की मोटर एक घर के पास रूकी और नटराज ने दूर से ही जूली  को किसी के साथ बात करते हुए देखा,कुछ देर बात करने के बाद जूली अपनी मोटर में बैठकर लौटने लगी तो नटराज कच्ची सड़क पर मोटर को उतारकर जंगल की ओर अपनी मोटर सहित झाड़ियों में छुप गया और जूली के जाने के बाद अपनी मोटर से बाहर उतरा और  उस घर की ओर पैदल ही बढ़ गया,चलते चलते वो उस घर के करीब पहुँचा और उस घर की खिड़कियों से उसने देखा ,वहाँ उसे इन्सपेक्टर अरूण नज़र आया,नटराज को अब पता चल चुका था कि वो घर इन्स्पेक्टर अरूण का था जो कि उसका जानी दुश्मन था,अब तो उसे बड़े खतरे की आशंका हो गई थी,उसने अपने अड्डे पर आकर अपने गुण्डो से कहा कि कल ही गाँव से संदीप के माँ बाप और बहन को उठवा लो और उन्हें मेरे काली पहाड़ी वाले अड्डे पर हाजिर करो।।
    मुन्ना बोला,यस बाँस,आपका काम हो जाएगा।।
इधर रातोंरात नटराज के गुण्डे शक्तिसिंह और संदीप को ट्रक में डालकर फार्महाउस ले गए और फार्म हाउस में जाकर बाँध दिया, दोनों को फार्महाउस में बाँधकर वे सब बाहर निकल गए,बस एक दो गुण्डे वहाँ पहरा देने के लिए ठहर गए,अब संदीप और शक्तिसिंह की जान मुसीबत में थीं और ये बात मंजरी बनी जूली ने अरूण को बता ही दी थी,कुछ ही देर में अरूण अपनी मोटरसाइकिल पर बैठकर थाने पहुँचा और हवलदारों से कहा ___
     आप में से कुछ लोंग नटराज के फार्महाउस जाकर शक्तिसिंह और संदीप को छुड़ाने की कोशिश करो,याद रखों कुछ भी करके दोनों को बचाकर लाना हैं और मैं नटराज पर नज़र रखता हूँ कि अब उसकी अगली चाल क्या है? मैं आसानी से उसे अपने चंगुल से जाने नहीं दूँगा,इन्सपेक्टर अरूण ने कहा।।
    जी,सर! लेकिन आपकी मदद के लिए भी तो कुछ लोगों को यहाँ रूकना पड़ेगा,हवलदार सुपारी लाल बोला।।
हाँ,अभी मैने टेलीफोन करके डी एस पी साहब से और मदद माँगी है,,वो दूसरे थाने के हवलदारों को अभी यहाँ भेजते ही होगें,आप लोंग शक्तिसिंह जी और संदीप को बचाइए,मैं और भी लोगों की मदद के लिए जाता हूँ,क्योंकि अब नटराज किसी भी हद तक जा सकता है,वो तिलमिलाया हुआ है,इन्सपेक्टर अरूण बोला।।

        अब अरूण ने सोचा कि लीला आण्टी और प्रदीप को ये बताना जरूरी है कि नटराज के गुण्डे शक्तिसिंह और संदीप को अगवा करके फार्महाउस ले गए है और वो अपनी मोटरसाइकिल पर ये खबर देने शक्तिसिंह के बँगले की ओर चल पड़ा,गेट के पास पहुँचकर उसने दरबान से दरवाजा खोलने को कहा फिर गेट से अन्दर आकर उसने दरवाज़े की घण्टी बजाई ,लीला ने सोचा शक्तिसिंह और संदीप आ गए लेकिन उसे एक बात की शंका हुई____
  लीला ने प्रदीप से कहा___
मोटर के आने की तो कोई आवाज़ नहीं सुनाई दी,फिर ये लोंग क्लब से पैदल चलकर आएं हैं क्या?
  मैं दरवाज़ा खोलता हूँ,आप रहने दीजिए ,देखूँ तो क्या माजरा है,प्रदीप बोला।।
और प्रदीप ने दरवाजे खोले तो सामने इन्सपेक्टर अरूण को देखकर थोड़ा परेशान हो उठा और उसने अरूण से पूछा____
अरूण भइया! आप ! इतनी रात गए,कुछ हुआ है क्या?
पहले मुझे अन्दर आने दो,मैं सब बताता हूँ,अरूण बोला।।
तो जल्दी कहो बेटा! क्या बात है? मेरा मन किसी अनहोनी के होने से बहुत डर रहा है,लीला ने घबराकर अरूण से पूछा।।
हाँ,आण्टी! आज तो अनहोनीही हो गई है,करूण बोला।।
क्या हुआ? अरूण भइया! जल्दी कहिए,संदीप भइया और शक्ति अंकल तो ठीक हैं ना! प्रदीप ने घबराते हुए अरूण से पूछा।।
यही बताने तो मैं आया था कि वो दोनों ठीक नहीं हैं,मेरे बाबूजी के गुण्डे उन दोनों को उठाकर उनके फार्महाउस ले गए हैं,मैनें कुछ हवलदारों को उन लोगों की खोज में तो भेजा है लेकिन उन लोगों को समय लग जाएगा ये ढूंढ़ने में की फार्महाउस कहाँ हैं? मैं भी उनलोगों को ढूढ़ने चला जाता लेकिन आप लोगों ये खबर भी देनी थी इसलिए ना जा सका,इन्सपेक्टर अरूण बोला।।
ये ख़बर सुनकर  कुसुम के तो जैसे होश ही उड़ गए।।
अच्छा,फार्महाउस वो तो मुझे पता है कि कहाँ है?मधु ने भी मुझे वहीं कैद किया था,प्रदीप बोला।।
तो फिर देर किस बात की है,चलो मेरे साथ मोटरसाइकिल में दोनों को छुड़ाकर लाते हैं,अरूण बोला।।
हाँ,चलिए,प्रदीप बोला।।
ठहरो! लीला ने प्रदीप से कहा।।
क्या बात है ? बुआ जी! प्रदीप ने पूछा।।
साथ में एक हथियार भी लेकर जाओं,ये रही छड़ी,बहुत मजबूत है,तुम लोंग जाओं,मैं तब तक साधना बहन को टेलीफोन करके सब बता देती हूँ,लीला बोली।।
ठीक है ,आण्टी! और मेरे पास मेरा सरकारी रिवाल्वर भी है,अरूण बोला।।
अच्छा तो तुम लोंग निकलों,ज्यादा देर मत करो,लीला बोली।।
इधर अरूण और प्रदीप दोनों मोटरसाइकिल पर फार्महाउस के लिए निकल गए और लीला ने उधर साधना और मधु  को टेलीफोन करके सब बता दिया.......

क्रमशः____
सरोज वर्मा____

  

Anita Singh

Anita Singh

बढ़िया👌

26 दिसम्बर 2021

Jyoti

Jyoti

बहुत अच्छा लिखा

11 दिसम्बर 2021

25
रचनाएँ
विश्वासघात
5.0
ऐसे शख्स की कहानी जिस पर विश्वासघात का झूठा इल्जाम लगता है और उसकी जिन्दगी कौन कौन से मोड़ लेती है?
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विश्वासघात--भाग(१)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr"></p> <p dir="ltr">नन्दपुर गाँव___<br> ओ..बेला की माँ !जरा सम्भालों तो अपने लाल को देखो

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विश्वासघात--भाग(२)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr"></p> <p dir="ltr">दयाशंकर ने डरते हुए पूछा___<br> कौन है भाई?<br> तभी दरवाज़े के पीछे से

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विश्वासघात--भाग(३)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr"></p> <p dir="ltr">उधर कृष्णनगर गाँव में___<br> आइए मालिक! इस बार बहुत दिनों के ब

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विश्वासघात--भाग(४)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr"></p> <p dir="ltr">वो कहते हैं कि ना,समय किसी के लिए नहीं रूकता,वो तो निरन्तर अपनी चाल स

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विश्वासघात--भाग(५)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr"></p> <p dir="ltr">पन्द्रह अगस्त का जलसा खत्म होनें के बाद डाँक्टर महेश्वरी, मास्टर साहब

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विश्वासघात--भाग(६)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr"></p> <p dir="ltr">शाम का समय था___<br> क्यों रे प्रदीप ! मंदिर चलेगा,संदीप ने पू

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विश्वासघात--भाग(७)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr"></p> <p dir="ltr">शाम का वक्त था.....<br> डाक्टर महेश्वरी अपने दवाखाने में कुछ उदास सी

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विश्वासघात--भाग(८)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr"></p> <p dir="ltr">और उधर संदीप और प्रदीप के कमरे पर___<br> क्या हुआ भइया! आप अभी

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विश्वासघात--भाग(९)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr"></p> <p dir="ltr">दयाशंकर की बात सुनकर जमींदार शक्तिसिंह कुछ सोच समझकर बोले____<br> &nb

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विश्वासघात--भाग(१०)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr"></p> <p dir="ltr">साधना ने अपनी बेटी मधु से कहा कि पढ़ाई में ध्यान लगाएंगी तो काम आएगा,य

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विश्वासघात--भाग(११)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr"></p> <p dir="ltr">शाम हुई ,मधु के जन्मदिन के लिए प्रदीप फूलों का गुलदस्ता लेकर सु

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विश्वासघात--भाग(१२)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr"></p> <p dir="ltr">लीला और विजय की खबर सुनकर शक्तिसिंह जी की आँखों से आँसू बह निकलें, उन

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विश्वासघात--भाग(१३)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr">प्रदीप का मधु पर हाथ उठाना देख,साधना चुप ना रह सकी और उसने प्रदीप के पास आकर कहा___<br>

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विश्वासघात--भाग(१४)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr">शक्तिसिंह जी को लीला का शुष्क व्यवहार पसंद नहीं आया,एक तो इतनो सालों बाद मिलती है और जब

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विश्वासघात--भाग(१५)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr">दूसरे दिन प्रदीप को मधु फिर से काँलेज में दिखीं और प्रदीप से उससे फिर से बात करने की को

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विश्वासघात--भाग(१६)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr"></p> <p dir="ltr">शक्तिसिंह और संदीप जैसे ही घर पहुँचे, उन्होंने सारा वाक्या लीला और कु

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विश्वासघात--भाग(१७)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr">जब सबने सुना कि साधना बुझी बुझी सी रहती है तो ये सुनकर किसी को अच्छा नहीं लगा,रात को जब

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विश्वासघात--भाग(१८)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr">साधना और मधु की मोटर शक्तिसिंह जी के बँगलें के सामने रूकी,दोनों माँ बेटी ने ड्राइवर से

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विश्वासघात--भाग(१९)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr">दूसरे दिन प्रदीप को कालेज मे मधु दिखी,मधु का रूपरंग पूरी तरह से बदला हुआ था,उसने आज साद

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विश्वासघात--भाग(२०)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr">दूसरे दिन कुसुम की रिहर्सल शुरु हुई,बुआ बनने के लिए,नकली विग मँगाई गई,एक चश्मा मँगाया ग

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विश्वासघात--भाग(२१)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr">लीला बुआ आज ही कह रहीं थीं कि अब समय आ गया है कि साधना आण्टी और मधु को सब सच..सच बता दे

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विश्वासघात--भाग(२२)

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<p dir="ltr">लीला बुआ आज ही कह रहीं थीं कि अब समय आ गया है कि साधना आण्टी और मधु को सब सच..सच बता दे

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विश्वासघात--भाग(२३)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr">लीला बुआ आज ही कह रहीं थीं कि अब समय आ गया है कि साधना आण्टी और मधु को सब सच..सच बता दे

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विश्वासघात--भाग(२४)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr">साधना डाइनिंग टेबल पर नाश्ता लगा चुकी थी,नटराज तैयार होकर आया और नाश्ता करने बैठ गया,उस

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विश्वासघात--(अन्तिम भाग)

13 नवम्बर 2021
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<p dir="ltr">इधर इन्सपेक्टर अरूण और प्रदीप कुछ देर में नटराज के फार्महाउस जा पहुँचे,उन्होंने मोटरसाइ

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