जाने तुम घर कब आओगे मेरी दिल की प्यास बुझाओगे बाहों में लेकर के मुझको कब अपना प्यार जताओगे जाने तुम घर कब आओगे आँखों मे नीद न आती है जब याद तेरी आ जाती यूं दूर दूर रह करके तुम जाने कब तक तड़पाओगे जाने तुम घर कब आओगे अब दूरी सही न जाये पिया रह रह के मेरा धड़के जिया कब छोड़ छाड़ सब काम तेरे नयनो से बाण चलाओगे जाने तुम घर कब आओगे मैं राधा सी दीवानी हूँ कृष्णा की प्रेम कहानी हूँ कब तक तरसूँ मैं बिरहन सी दर्शन कब तक दे जाओगे जाने तुम घर कब आओगे. ...
0 फ़ॉलोअर्स
5 किताबें