लखनऊ: पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को मौत की सजा सुनाई गई है, भारत से किसी राजनैतिक पार्टी ने अबतक उसके बिरुद्ध आवाज नही उठाई है।भारत मे आतंकवादियों की मौत पर रोने वाली सोनिया गांधी और कांग्रेस के गद्दार नेता आज अपने भारतीय को अनावश्य सुनाई गई मौत की सज़ा पर चुप्पी क्यों साधे है। जे एन यू के देश विरोधी ताकतों को समर्थन देने वाले राहुल गांधी और वामपंथी दलों के दलाल इस मौके पर भी क्या पाकिस्तान को मौन समर्थन दे रहे है।
जाधव की गिरफ्तारी 3 मार्च 2016 को पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हुई थी और पाकिस्तान ने उनपर भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ के एजेंट होने का आरोप लगाया था।जाधव नेवी से सेवानिवृत्त हुए अधिकारी है ।
तीन मार्च 2016 को कुलभूषण जाधव को बलोचिस्तान में एक छापे के दौरान गिरफ्तार किया गया था. पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि वो भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ का एजेंट है। पाकिस्तान ने एक 6 मिनट का एक वीडियो जारी किया था. जिसमें जाधव को यह स्वीकार करते हुए दिखाया गया था कि वो रॉ के एजेंट है और वो अभी भी भारतीय नौसेना के साथ है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान भी जारी कर कहा था कि कुलभूषण के खिलाफ पाकिस्तान के पास पर्याप्त सूबत हैं।वीडियो में जाधव ने कहा कि वह मुंबई में रहता है। 'अब भी भारतीय नौसेना का अधिकारी है, जिसकी सेवानिवृत्ति 2022 में होनी है...' उसने कहा कि उसने वर्ष 2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद खुफिया विभाग में काम करने से केरियर शुरू किया था, और बाद में उसने ईरान में छोटे स्तर पर व्यापार शुरू किया, जिसकी वजह से उसे पाकिस्तान आने-जाने में सहूलियत होने लगी, और वर्ष 2013 में उसे रॉ एजेंट बना लिया गया। उसके मुताबिक उसे 3 मार्च को ईरान से पाकिस्तान में घुसने की कोशिश के दौरान ही गिरफ्तार किया गया।जबकि जाधव का ईरान में अपहरण कर लिया गया था। वीडियो की फोरेंसिक जांच में वीडियो की सत्यता की पुष्टि नही होती है ।इससे साफ है कि जानबूझकर पाकिस्तान द्वारा शरारतपूर्ण कार्यवाही की जा रही है।
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर जारी बयान में कहा गया था कि गिरफ्तार व्यक्ति के बयान से साफ संकेत मिलता है कि यह सिखा पढ़ा कर तैयार कराया गया वीडियो है और हमें उसकी सलामती की चिंता है।
पाकिस्तानी सरकार के अधिकारियों ने कुलभूषण जाधव का एक छह मिनट का उक्त बयान जारी किया था, जिसे जियो चैनल पर चलाया गया था। बयान में जाधव को यह कहता दिखाया जा रहा है कि वह भारत की शीर्ष खुफिया एजेंसी रॉ के लिए काम कर रहा है। यह भी दिखाया गया है कि जाधव अभी भी भारतीय नौसेहना का हिस्सा है। उसकी गिरफ्तारी के बाद भारत की और से स्पष्ट कर दिया गया था कि कुलभूषण भारतीय है और नौसेना से सेवानिवृत्त हो चुका है।सेवानिवृत्ति के बाद से जाधव का 'सरकार से कोई संपर्क नहीं रहा है।
भारत ने कुलभूषण जाधव को मौत की सज़ा सुनाई जाने पर आपत्ति की है ।भारत एक वर्ष में 13 पत्र पाकिस्तान की लिख चुका है।