नई दिल्ली : दुनिया भर के देशों में अपने अलग-अलग रीतिरिवाज हैं. लेकिन आज हम आपको ऐसे देश के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पुरुषों की नहीं महिलाओं का बोलबाला है. यहां तक कि मर्द पर्दे में रहते हैं और महिलाएं खुलेआम अय्याशी करती हैं. जी हाँ हम बात कर रहे हैं अफ्रीका के नाइजर के पास बसी तुआरेग जनजाति की.
महिलाओं को पराये मर्दों से संबंध बनाने की छूट
हालाँकि वैसे तो यह जनजाति एक मुस्लिम जनजाति मानी जाती है, लेकिन इसके नियम आम इस्लामिक धारणाओं के एकदम उलट हैं. जहां इस्लाम में महिलाओं का शर्म-लिहाज और पर्दा ही उनका गहना माना जाता है. वहीं यहां पर महिलाओं को शादी से पहले कई मर्दों से संबंध बनाने की इजाजत होती है.
पुरुषों को देना पड़ता है महिलाओं का सम्मान
तुआरेग महिलाओं को यह भी आजादी है कि, वो अपने मन से ही शादी करती हैं. उनकी आजादी में ये भी शामिल है कि वो शादीशुदा जिंदगी के बावजूद भी किसी और पुरुष से संबंध रख सकती हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां का यह नियम है कि यहाँ पुरुषों को महिलाओं का काफी सम्मान करना होता है. जवान होते लड़कों को अपना चेहरा समाज से छिपाकर रखना होता है. यहां महिलाओं की शादियां और तलाक काफी आम है.
तलाकशुदा पुरुषों को भाव नहीं दिया जाता
तुआरेग महिलाएं जब भी चाहें तो पति को सदा के लिए छोड़ सकती हैं. यहां तलाक मिलने पर पत्नी के घरवालों का जश्न मनाना भी आम है. यही नहीं बल्कि तलाकशुदा पुरुषों को यहां महिलाएं कम ही भाव देती हैं. तुआरेग जनजाति में तलाक होने पर भी महिलाओं का ही फायदा देखा जाता है, जिनको जो मांगना होता है वो मांगती हैं. यहां पर मर्दों को अपनी मर्जी से कुछ भी करने की आजादी नहीं है. यहां हर छोटे-बड़े फैसलों को लेने के लिए मर्दों को स्त्रियों की इजाजत लेनी होती है.
यहां महिलाएं छेड़छाड़ करती है पुरुषों से
हम अकसर सुनते हैं कि लड़कियों के साथ आए दिन छेडछाड होती रहती है लेकिन यहाँ मामला अलग है. तुआरेग जनजाति में स्त्रियाँ लड़कों को छेडती हैं और जो पसंद आता है उससे जबरन संबंध भी बनाती हैं. तुआरेग औरतें इलाके में बेखौफ घूमती हैं और लड़के पर्दे में रहते हैं. यहां की लडकियां शादी से पहले या शादी के बाद किसी भी पुरुष से अपनी मर्जी से संबंध बना सकती हैं .
महिलाएं नहीं मर्द करते हैं पर्दा
इस जनजाति की महिलाएं घूंघट भी नही पहनती जबकि पुरुषो को घूंघट के जैसा कपडा पहनते हैं . जिसमे आंख और नाक को छोड़ के बाकि का चेहरा ढका होता है. लड़के के थोडा सा बड़ा होने पर उसे इस तरह के कपड़े पहनने पडते हैं. इस जाति में यह परंपरा सदियों से चली आ रही है.