नई दिल्ली: आज वो बॉलीवुड की बुलंदी पर हैं। देश से लेकर विदेश तक उनके चर्चा हैं लेकिन उन्होंने ये सफलता ऐसे ही हासिल नहीं की है। हम बात कर रहे हैं मल्लिका शेरावत की। जो हरियाणा की बेटी होने के बावजूद भी हरियाणा से दूर रहती हैं। उन्होंने इस एक इंटरव्यू में कहा कि हरियाणा सरकार मुझे हरियाणा के लिए खुलकर काम करने का मौका नहीं दे रही है। उन्होंने इंटरव्यू में बताया कि वे अपनी नानी के गहने बेचकर मुंबई पहुंची थी।
हरियाणा के हिसार से हैं मल्लिका
बहुत कम ही लोग जानते हैं कि मल्लिका मूल रूप से हरियाणा के हिसार जिले की हैं, जहां पर उनके दादा सेठ छाजूराम रहते थे। कुछ समय बाद सेठ छाजूराम ने मल्लिका के दादा चौधरी बलबीर सिंह को मोठ गांव में रहने के लिए भेज दिया और फिर वो इसी गांव में रहने लगे। मल्लिका के जन्म के समय उनके पापा मुकेश लांबा फतेहाबाद में एग्जीक्यूटिव इंजीनियर के पद पर थे। नरवाना में उन्होंने स्कूल में जाना शुरू किया लेकिन इसके बाद की पढ़ाई दिल्ली पब्लिक स्कूल और बाद में मिरिंडा कॉलेज से आगे की पढ़ाई की।
नानी के गहने बेचकर आई मुंबई
मल्लिका के पिता उनके काम करने खिलाफ थे उन्होंने अपनी फिल्मी करियर की शुरुआत में अपनी नानी के गहने बेचकर अपना काम चलाया था। इसी वजह से रीमा लांबा ने अपना फिल्मी करियर रीमा लांबा की बजाय मल्लिका शेहरावत (सहरावत मल्लिका की मां संतोष का गोत्र है) के नाम से शुरू किया।
हरियाणा के लिए धड़कता है दिल
मल्लिका शेरावत ने कहा कि उनका दिल हरियाणा के लिए धड़कता है वो हरियाणा की हैं और हरियाणा के लिए कुछ काम करना चाहती हूं। मल्लिका ने कहा कि वो जहां पर भी जाती हैं हरियाणा की ही बात करती हैं लेकिन हरियाणा सरकार ने गोल्डन जुबली फंक्शन में उन्हें बुलाया तक नहीं, इसका बहुत दुख है।
भ्रूण हत्या के खिलाफ उठा रही हूँ आवाज
मल्लिका शेरावत ने कहा वो हरियाणा के लिए कुछ करना चाहती हैं भ्रूण हत्या के खिलाफ मैंने हर मंच से आवाज उठाई है। मैं पीएम नरेंद्र मोदी जी के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान पर भी मैं काम कर रही हूं और सरकार की हर संभव मदद भी करना चाहती हूं।