नई दिल्ली : हाथ की रेखाओं में अगर राजयोग लिखा हो तो फिर भाग्य आपको सात समुन्दर पार जाते जाते से वापस बुला लेता है. यकीन करिये योगी आदित्यनाथ अमेरिका जाने के तैयारी कर रहे थे कि इसी बीच प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी विदेश यात्रा रद्द करके उन्हें यूपी की गद्दी सौंपने का फैसला कर लिया था. ये अलग बात है कि मोदी ने उन्हें मुख्यमंत्री की गद्दी दिए जाने की ब्रेकिंग न्यूज़ कई दिनो बाद दी.
वाशिंगटन यात्रा की तैयारी में थे योगी
योगी के करीबी पत्रकार ने इंडिया संवाद को बताया कि यूपी में चुनाव समाप्त होने के बाद योगी का स्टाफ वाशिंगटन से लेकर त्रिनिडाड टोबैगो(वेस्ट इंडीज) में बसे पूर्वांचल के मूल निवासियों की सूची तैयार कर रहे थे. योगी भारत सरकार के एक प्रतिनिधि मंडल के साथ इस भव्य विदेश यात्रा पर निकलने वाले थे. लेकिन 10 मार्च को विदेश मंत्रालय की ये फाइल जब प्रधानमंत्री की मेज़ पर स्वीकृति के लिए रखी गयी तो कुछ ऐसा हुआ कि पीएमओ में सबकी आँखें खुली की खुली रह गयी. प्रधानमंत्री ने खुद अपनी कलम से योगी का नाम काट दिया. ये खबर बाद में योगी को बताएगी तो वो भी समझ नहीं पाए कि माजरा क्या है ? योगी इसलिए भ्रम में थे क्यूंकि उन्हें विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने खुद फोन करके बताया था कि उन्हें कुछ चुनिंदा सांसदों के साथ अमेरिका और पोर्ट ऑफ़ स्पेन जाना है.
मोदी के हाथों सूची से नाम काटे जाने पर चुप रहे योगी
बहरहाल योगी तब और भी ज्यादा भ्रमित हुए जब 11 मार्च को यूपी विधानसभा का नतीजा आया और प्रचंड बहुमत के उत्साह के बीच पार्टी के कुछ बड़े नेताओं ने दबी जुबान में मनोज सिन्हा के मुख्यमंत्री बनाए जाने की बात कही. सूत्रों के मुताबिक योगी को जब ये पता चला तो उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. वो कुछ दिन तक चुप रहे और मंदिर में नित्य होने वाली आरती अर्चना में समय बिताते रहे.
योगी ने यूं तो पूरी बात किसी को नहीं बताई लेकिन टाइम्स ऑफ़ इंडिया के राष्ट्रीय ब्यूरो चीफ दिवाकर को एक मुलाकात में ये ज़रूर बताया कि उन्हें विदेश जाना था . योगी ने बताया कि विदेश जाने वाले संसदीय दल से उनके नाम हटाए जाने की खबर भी उन्हें मिली थी. लेकिन यूपी के चुनावी नतीजे आने के कई दिन बाद भी उन्हें सीएम बनने की बात किसी ने नहीं बताई थी.
अमित शाह ने फोन पर दी सीएम बनने की पहली सूचना
सूत्रों के मुताबिक मनोज सिन्हा का नाम मीडिया में जब पूरे भरोसे के साथ सीएम के लिए कन्फर्म किया जाने लगा तो योगी के समर्थक काफी मायूस हुए.इस बीच 17 मार्च की रात दिल्ली से बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का फोन पहुंचा और उन्होंने योगी से कहा कि वो तुरंत दिल्ली रवाना हो. क्यूंकि देर रात हो चुकी थी इसलिए योगी ने अमित शाह को बताया कि गोरखपुर से रात में जितनी ट्रेन जाती है सब निकल चुकी हैं, अब वो कल ही आ पाएंगे. तब अमित शाह ने उन्हें खुश खबरी दी कि प्रधनमंत्री और पार्टी ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया हैं लेकिन ये बात वो आधिकारिक एलान होने तक किसी को नहीं बताएंगे. अगले दिन पार्टी ने योगी के लिए एक चार्टर्ड प्लेन गोरखपुर रवाना किया. दोपहर तक योगी दिल्ली में मोदी से मिल चुके थे और उन्हें सीएम बनने की बधाई मिल चुकी थी. मोदी के आवास से निकलते समय योगी को समझ आ चुका था कि उनका नाम अमेरिकी यात्रा से प्रधानमंत्री ने क्यों हटाया था. सूत्रों के मुताबिक योगी ने सीएम बनने की बात गोरखपुर के एक पत्रकार को छोड़कर किसी दूसरे को नहीं बतायी थी लेकिन चार्टर्ड प्लेन से लखनऊ रवाना होते हुए पार्टी के कुछ बड़े नेताओं को योगी के सीएम बनाए जाने की भनक मिल चुकी थी. योगी के एक निकटस्थ सूत्र ने बताया कि मनोज सिन्हा सीएम बनने की रेस में कहीं नहीं थे और चुनावी रैलियों में योगी की लोकप्रियता देखकर मोदी ने तब ही तय कर लिया था कि अगर सरकार बीजेपी की बनी तो योगी ही सीएम होंगे. और इसलिए मोदी ने विदेश जाने वाले संसदीय दल से योगी का नाम कई दिन पहले ही हटा दिया था.