लखनऊ : जनता दर्शन और जनसुनवाई कार्यक्रम के जरिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भारतीय जनता पार्टी हर रोज जनता की सेवा में जुटी हुई हैं। सरकार और पार्टी की प्रतिबद्धता है आम लोगों की सेवा, ऐसे में जो अफसर सरकार के निर्देशों के बाद भी जनता के काम नहीं करेंगे, सरकार उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। इसी तरह की कार्रवाई में मुख्यमंत्री ने जनता के काम करने में ढिलाई बरतने वाले दस जिलाधिकारियों और दस पुलिस कप्तानों से जवाब तलब किया है।
दस जिलों के डीएम और एसपी से जवाब तलब
गौरतलब है कि ये वो अधिकारी हैं जिनके जिलों में जनसुनवाई का रिकार्ड सबसे खराब रहा है। वाजिब कारण न मिलने पर इन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सरकार बनाने के बाद से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश सरकार दिन रात सूबे की जनता की सेवा में जुटे हुए हैं। खुद मुख्यमंत्री ने लखनऊ में रहते हुए हर रोज फरियादियों से जनता दर्शन में मुलाकात कर उनकी समस्याएँ हल कराई हैं। इसके अलावा प्रदेश सरकार के मंत्रियों को भी हर रोज जनसुनवाई करने को कहा गया है, और ये क्रम लगातार जारी भी है। इतना ही नहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय में भी जनसुनवाई केंद्र बनाकर यहाँ आने वाले लोगों की मदद की जा रही है।
फरियादियों के जरिये निगरानी
प्रदेश कार्यालय में भी हर रोज एक मंत्री और पार्टी के पदाधिकारी इस काम में तत्परता से लगे हुए हैं। जनता की मदद करने के साथ ही यहाँ इस बात की भी गहन समीक्षा की जा रही है. किन जिलों से ज्यादा समस्याएं लेकर लोग लखनऊ पहुँच रहे हैं और किन जिलों में अधिकारी जनसुनवाई के आदेशों निर्देशों को लेकर वैसी तेजी नहीं दिखा रहे हैं जैसी सरकार को अपेक्षा है। इसी समीक्षा के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दस जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस कप्तानों से जवाब तलब कर कड़ी कार्रवाई का संदेश दिया है।
जानिए किन-किन जिलों के अफसरों से हुआ जवाब तलब ?
जिन अफसरो से जवाब तलब हुआ है उनमें लखनऊ, हरदोई, गौतमबुद्धनगर, कानपुर नगर, गोरखपुर, इलाहाबाद, सीतापुर, आगरा, जौनपुर और खीरी के जिलाधिकारी शामिल हैं। इसी तरह लखनऊ, हरदोई, गोरखपुर, खीरी, सीतापुर, बहराइच, जौनपुर, इलाहाबाद, फिरोजाबाद और मैनपुरी के पुलिस कप्तानों से जवाब-तलब किया गया है। ये वो अधिकारी हैं जिनका जनसुनवाई को लेकर रिकार्ड सबसे खराब रहा है। इस कार्रवाई के जरिए सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जनसुनवाई सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है और जनता की सुनवाई न करने वाले अफसरो से सरकार बेहद कड़ाई से निपटेगी।