नई दिल्लीः पाकिस्तान से सटा है राजस्थान का श्रीगंगानगर इलाका। इस इलाके के कोठा, खखा और हिंदुमलकोट गांव के किसानों से जब सेना सुरक्षा के मद्देनजर गांव खाली करने को कहा तो उन्होंने इन्कार कर दिया। बहादुरी से लबरेज गांववालों ने कहा-साहब हम भी आपके साथ कंधे से कंधा मिलाकर पाकिस्तानी दुश्मनों से लड़ेंगे।
श्रीगंगानगर इलाके के 65 वर्षीय किसान नक्षत्र सिंह जंग होने की बात छिड़ते ही दो बार सीना ठोंकते हैं। फिर कहते हैं कि हम किसानों के पास भले ही एके-47 नहीं हैं मगर हमारे खेती के औजार दुश्मनों का सीना चीरने का दमखम रखते हैं। 1971 की जंग हो या फिर कारगिल युद्ध। हमेशा जवानों और किसानों ने मिलकर दुश्मन देश से लड़ाई लड़ी है। कमोबेश ऐसी तस्वीर सीमा से सटे कई गांवों की है। जहां के किसान गांव छोड़ने की बजाए खुद पाकिस्तानी सेना का मुकाबला करने जैसी बहादुरी भरी बातें कर रहे हैं।
गांव वालों ने मनाई दीवाली
भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब ढाई सौ मीटर दूर राजस्थान का हिंदुमलकोट, कोठा और खखां गांव पड़ता है। जैसे ही भारतीय सेना के सफल सर्जिकल स्ट्राइक की बात सामने आई तो तीनों गांवों के किसानों ने पटाखे फोड़कर जश्न मनाया। खखा गांव के मंगत सिंह की खुशी छिपाए नहीं छिपती। कहते हैं कि रोज-रोज के आतंकी हमले झेलने से बेहतर है कि एक दिन में ही पाक में घुसकर सफाया कर दिया जाए। भारत को अब खुली लड़ाई का एलान करना चाहिए। बता दें कि इन तीन गांव के लोगोंके हथियार संग मुस्तैद रहने की बात पर फिलहाल इन गांवों को सेना ने नहीं खाली कराया है। मगर उन्हें हमेशा मुस्तैद रहने की हिदायत जरूर दी गई है।
चार राज्यों में अलर्ट
भारत की पाकिस्तान से चार राज्यों में सीमा लगती है। यह चार राज्य हैं जम्मू-कश्मीर, राजस्थान और गुजरात। करीब तीन हजार किमी सरहद की निगरानी करना हमेशा भारतीय सेना के लिए चुनौती रहती है। बुधवार की रात हुए सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दस किमी गांवों को खाली कराने के आदेश दिए गए थे तो किसानों ने मानने से इन्कार कर दिया।