पिछले एपिसोड में आपने पढ़ा वीणा के घर के आसपास किसी व्यक्ति की परछाई उसे दिखाई देती है वीणा और राजन्शी डर जाते हैं राज श्री चोरी का इल्जाम लगाने वाले इस युवक को सुधरने का एक मौका देने के लिए अपना कार्ड देकर दूसरे दिन अपने घर आने के लिए कहती है और जिस लड़की का साथ लेकर वह उसकी मदद करती है वह अपने रास्ते जाने लगती है राज श्री उसे रोकने के लिए कहती है और वह लड़की घबरा जाती है अब आगे
"तुम कहाँ चली?"
"चलो मेरे साथ"
आशा के विपरीत शब्द सुन आश्चर्यचकित हो वह बिना कुछ कहे राजश्री के पीछे बोले बिना कुछ कहे वह राजश्री जी के पीछे हो ली।
साइड में खड़ी कार तक आकर राजश्री जी ने दरवाज़ा खोल उसे बैठने के लिए कहा।
"मैं कैसे... मतलब आपकी गाड़ी खराब हो जाएगी।"संकोच से महिला बमुश्किल अपना वाक्य पूरा कर पाई
"बैठो। "
इस बार राजश्री सख्त आवाज़ और आदेशात्मक लहज़े में बोलीं।
गाड़ी में पूरे रास्ते वह खामोश ही रही। राजश्री ने भी उस वक़्त उसे कुछ भी पूछना या कहना मुनासिब ना समझा। सिर्फ एक नज़र डाली, उस पर। उसके कपड़ों में जगह जगह छोटे बड़े छेद थे।
डरी सहमी सी वह चुपचाप गाड़ी में बैठी रही बीस बाइस साल के बीच की उम्र होगी। पर दुःख दर्द तकलीफों ने चेहरे पर उस उम्र की स्निग्धता, चंचलता और तेज को जैसे ख़त्म कर दिया था रह गई थी तो बस मासूमियत। उसकी आँखों में आंसू और मन में छुपे दर्द को राजश्री जैसी संवेदनशील महिला बखूबी महसूस कर सकती थी।
आज राजश्री की हालत वैसी थी जैसी कुछ साल पहले स्कूल में वीणा की आपबीती सुनकर हुई थी। उस दिन भी उसके दिल दिमाग में तूफ़ान मचा हुआ था सिर दर्द से फट रहा था। वीणा के लिए चिंता उसे मानसिक शांति नहीं लेने दे रही थी। घर पहुँच कर उस पूरी रात वह सो ही नहीं पाई थी। सिर्फ वीणा के पति को समझाने के रास्ते ही सोचती रही। कैसे कोई किसी के साथ इतना बुरा बर्ताव कर सकता है ?
बस रह रह कर यही प्रश्न उसके दिमाग में आता और आज तक उसे जवाब नहीं मिल पाया।
वही स्थिति आज भी थी उसकी। कहने को राजश्री अब वकील थी जिसे हर रोज ऐसे और इस से भी भयावह मंज़र देखने को मिलते थे। रोज ये सब देखने के बाद शायद उसके मन को ऐसी तकलीफों से जूझते लोगों को देखने का आदी हो जाना चाहिए था। परंतु अति संवेदनशील, भावुक राजश्री मानसिक रूप से किसी को तनाव में, दर्द में देखती तो न जाने क्यों उसका दर्द अपने अंदर महसूस करती। इतना कि वह जब तक उसे इस दर्द से निकाल न दे, राजश्री को चैन नहीं आता था। आज भी वह बहुत परेशान थी। उसके मस्तिष्क में रह रह कर उमड़ घुमड़ कर आ रहे विचारों के बादल मानों अश्रु वर्षा करने को बेताब थे। पर राजश्री जैसे तैसे हिम्मत बाँध बैठी हुई थी। बस अब घर पहुँच के जल्दी से चाय पीना चाहती थी। ये चाय उसके लिए सब दर्दों की दवा थी। पन्द्रह मिनिट में वे घर पहुँच गए।
राजश्री ने पहले उसे कपड़े दिए और नहाकर कपड़े बदल आने को कहा। खुद भी दूसरे बाथरूम में फ्रेश होकर आई और चाय बनाने लगी। चाय बनाते हुए उसे फ़ोन देख लेने का ख्याल आया। चेक किया तो उसमें वीणा के तीन चार मिस्ड कॉल थे। घड़ी देखी तो उस वक्त साढ़े 9 बज रहे थे। उसने वीणा को तुरंत कॉल किया। उधर से फ़ोन उठाते ही उसकी चिड़िया चहक उठी।
"क्या मौसी आपने फोन क्यों नहीं उठाया!?
"अरे! सॉरी! मेरी चिड़िया ये बताओ आप कैसे हो!? मम्मा कैसी हैं!?
"हम दोनों ठीक हैं। और आपको पता है इस साल आपसे मैं ही जीतूंगी पक्का!! मेरे अभी तक तीन हैप्पीनेस मोमेंट हो गए हैं और आज का सुनकर तो आपको बहुत मज़ा आएगा!?"
"अच्छा!? अरे! यार!
फिर तो मुझे बहुत रोना आएगा मेरा तो सच में एक भी नहीं हुआ अभी तक।"
"अरे! आप रोना मत, खेल में तो हार जीत होती ही है। इसमें रोना क्यों? मैं तो अपने स्कूल की रेस में हार जाती हूँ, तब भी कभी नहीं रोती!!
"अच्छा दादी अम्मा! आपको ये इतनी सी उम्र में ऐसी बड़ी बड़ी बातें कौन सिखाता है!?"
"मम्मा बताती है और में सीख जाती हूँ क्यूंकि मैं बहुत स्मार्ट हूँ !"
हाँ भाई! ये बात तो है!! आप जैसा तो कोई नहीं।
अच्छा मम्मी को दो फोन। आपका हैप्पीनेस मोमेंट आज मम्मी से सुनते हैं।
"हाँ! पहले आप प्रॉमिस करो कि आप मेरे बर्थडे पर आओगे! अभी मैं प्रॉमिस नहीं कर सकती गुड़िया! पर मैं कोशिश करके आऊँगी ओके!?"
"पक्का" कोशिश करोगे न!?
" हाँ पक्का" राजश्री ने हँसकर कहा।
राजन्शी ने फोन माँ को दिया
हाँ दीदी!
"कैसे हो आप"!?
"मैं अच्छी हूँ वीणा!
"कहीं बिजी थे क्या!?"
अरे! नहीं! बस थोड़ा रास्ते में अटक गई थी। राजश्री बात कर रही थी, उसी बीच वह लड़की नहाकर साफ कपड़े पहन बाहर आई।
राजश्री ने बात करते हुए ही उसे सोफे पर बैठने का इशारा किया और वीणा से कहा तुम ठीक हो न कोई परेशानी तो नहीं!?
वीणा कुछ देर कोई जवाब नहीं दे पाती वह राजश्री को आज की घटना बताने के बारे में सोच विचार में पड़ जाती है! कौन था वह व्यक्ति! क्या वीणा राजश्री को इस बारे में कुछ बताएगी जानने के लिए पढ़ें अगला एपिसोड।
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