प्रिय दर्शकों/पाठकों,आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी ,अनियमित जीवनशैली, अनियमित खानपान कई रोगो और समस्याओ को जन्म दे रहे हैं।किसी भी जातक की जन्म कुण्डली से इस बात को जानने में बहुत सहायता मिलती है कि व्यक्ति को कब , क्यों और किस प्रकार के रोगो की सम्भावना है. इसी प्रकार नक्षत्रों का भी रोग विच
हमारी परामर्श/सलाह/एडवाइज सेवाएं आज 19,20 एवम 21 जुलाई 2019 (शुक्रवार से रविवार) तक मेरी परामर्श सेवाएं ...स्टाल नम्बर #AH,Astro World 2019 Exhibition,कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया,कनॉट प्लेस, नई दिल्ली में उपलब्ध रहेंगी।संपर्क करें--आचार्य अमित तिवारी - 09893016120...ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास
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नक्षत्रों के गुण हमने अपने पिछले अध्यायों में नक्षत्रों की नाड़ी, योनि, गण, वश्य औरतत्वों के विषय में बात की | नक्षत्रों का विभाजन तीन गुणों – सत्व, रजस और तमस – केआधार पर भी किया जाता है | इन तीनों ही गुणों की आध्यात्मिक तथा दार्शनिक दृष्टिसे चर्चा तो इतनी विषद हो जाती है कि जिसका कभी अन्त ही सम्भव
मंगल का कर्क में गोचरआज आषाढ़ कृष्ण षष्ठीको रात्रि ग्यारह बजकर बाईस मिनट के लगभग मंगल अपने शत्रु गृह बुध की मिथुन राशिसे निकल कर राशि कर्क में प्रस्थान कर जाएगा – जहाँ कल ही बुध का भी गोचर हुआ है | इसप्रस्थान के समय गर करण और प्रीति योग होगा तथा मंगल इस समय पुनर्वसु नक्षत्र परहोगा | बुध वहाँ पहले ही
सूर्य का मिथुन में गोचर आज सायं पाँच बजकर उन्तालीस मिनट केलगभग भगवान भास्कर अपने शत्रु गृह शुक्र की वृषभ राशि से निकल कर बुध की मिथुनराशि में प्रविष्ट हो जाएँगे, जहाँ उनके लिए विचित्र परिस्थिति बनी हुई है | एक ओरउनका मित्र ग्रह मंगल वहाँ गोचर कर रहा है तो वहीं दूसरी ओर एक शत्रु ग्रह राहु कागोचर भी व
नक्षत्रों की नाड़ियाँपिछले लेख में हमने बात कीप्रत्येक नक्षत्र की संज्ञाओं और उनके आधार पर जातक के अनुमानित कर्तव्य कर्मों की| नक्षत्रों का विभाजन नाड़ी, योनि और तत्वों के आधार पर किया गया है | तो आज“नाड़ियों” पर संक्षिप्त चर्चा…प्रत्येक नक्षत्र की अपनी एकनाड़ी होती है – या यों कह सकते हैं कि प्रत्येक न
नक्षत्रोंकी संज्ञा के अनुसार कर्तव्य कर्म पिछले लेखों में बात कर रहे थे कि 27 नक्षत्रों में प्रत्येकनक्षत्र में कितने तारे (Stars) होते हैं, प्रत्येक नक्षत्र के देवता (Deity) तथा स्वामी अथवा अधिपति ग्रह (Lordship)कौन हैं, प्रत्येक नक्षत्र को क्या संज्ञा दी गई है| नक्षत्रों की संज्ञा से उनकी प्रकृति
शुक्र का मकर राशि में गोचर कल फाल्गुनकृष्ण षष्ठी को वणिज करण और ध्रुव योग में रात्रि 22:46 के लगभग समस्त सांसारिक सुख,समृद्धि, विवाह, परिवारसुख, कला, शिल्प, सौन्दर्य, बौद्धिकता, राजनीतितथा समाज में मान प्रतिष्ठा में वृद्धि आदि का कारक शुक्र धनु राशि से निकल कर अपने परममित्र ग्रह शनि की मकरराशि में प
हिन्दू धर्म में धार्मिक दृष्टि से माघ मास को विशेष स्थान प्राप्त है। भारतीय संवत्सर का ग्यारहवां चंद्रमास और दसवां सौरमास माघ कहलाता है।मघा नक्षत्र से युक्त होने के कारण इस महीने का नाम का माघ नाम पडा। ऐसी मान्यता है कि इस मास में शीतल जल में डुबकी लगाने वाले पापमुक्त होकर स्वर्ग लोक जाते हैं। ज्योत
यह सच है कि ईश्वर सर्वव्यापी हैं और वे हमेशा सबका कल्याण ही करेंगे, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि दिशाओं के स्वामी भी देवता ही हैं। अत: आवश्यक है कि पूजा स्थल बनवाते समय भी वास्तु के कुछ नियमों का ध्यान रखा जाए।वास्तु विज्ञान के अनुसार देवी-देवताओं की कृपा घर पर बनी रहे, इसके लिए पूजाघर वास्तुदोष से
बुधका कुम्भ में गोचरकल यानी गुरूवार सात फरवरी को प्रातःदस बजकर ग्यारह मिनट के लगभग माघ शुक्ल द्वितीया को तैतिल करण और परिघ योग में बुधका गोचर कुम्भ राशि में होने जा रहा है | बुध इस समय धनिष्ठा नक्षत्र पर है तथाअस्त है | कुम्भ राशि में निवास करते हुए बुध 11 फरवरी को शतभिषज नक्षत्र पर और 18फरवरी को पू
नक्षत्रों के तारकसमूह, देवता, स्वामी ग्रह, संज्ञा तथा विभिन्न राशियों में उनकाप्रस्तार नक्षत्रोंका विश्लेषण करते हुए अभी तक हमने सभी 27 नक्षत्रों के आरम्भिक रूप और गुण पर बातकी | इस विषय पर बात की कि सभी बारह हिन्दी महीनों में 27 नक्षत्रों का विभाजन किसप्रकार हुआ तथा हिन्दी महीनों के वैदिक ना
ऐसा कहा जाता है कि व्यक्ति अपनी किस्मत खुद बनाता है क्योंकि व्यक्ति द्वारा किए गए कर्म के अनुसार वह अपनी किस्मत बदल सकता है लेकिन इस दुनिया में बहुत से व्यक्ति ऐसे हैं जो कड़ी मेहनत करते हैं और अच्छे कर्म भी करते हैं इसके बावजूद भी उनकी किस्मत नहीं बदल पाती है। आम भाषा में ये भी कहा जाता हैं कि हर
ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है गौरी पुत्र गणेश की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेष व
हर कोई व्यक्ति चाहता है कि वह अपने माता-पिता का नाम रौशन करें जिसके बारे में वह काफी सोचता है उसका ऐसा मानना होता है कि हमारे माता-पिता ने बहुत ही दुख और कष्ट झेल कर हमको इतना बड़ा किया है उसके बदले में हमारा भी यह कर्तव्य होता है कि हम अपने माता-पिता के लिए कुछ करें
ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है भगवान विष्णु की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । वो 7 भा
प्रिय मित्रों/पाठकों, आज के प्रतिस्पर्धा के इस दौर में हर कोई सफलता पाना चाहता है, लेकिन मेहनत के बाद भी सफल नहीं हो पाता है। इसका ये अर्थ नहीं होता है कि उस व्यक्ति की मेहनत में किसी तरह की कमी है।जीवन में सफलता हासिल करने के लिए सबसे जरूरी होता है इंसान को ऊर्जावान होना. स्वस्थ होना।अगर आप ऊर्जा स
ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है माँ लक्ष्मी की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेष (चू,
ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है भगवान विष्णु की असीम कृपा और साथ ही कैसा