कभी कभी हर इक बातों को
दिल से ना लगाया करो
यह किफायतो का जमाना है
अक्सर कीमती दिल तन्हा रह जातें हैं
यूं तों तोहफों में मिलीं हीं होंगी
बेइंतहा साजों सामान
यह ख़ुद ही अनमोल तोहफा हैं
अक्सर रुठ ही जातें हैं
रूसवाइयां नहीं कोई आजकल गुम रहता है
जों कभी मिले ही नहीं होंगे वहीं
आस लगायें रहतेंहै
सांसो का कोना एक ही रखना चाहिए
हर बार जगहें भी अक्सर कोनों में
बदल जाता रहता है
रचनाकार ------ नीलम द्विवेदी नील
प्रयाग राज़ उत्तर प्रदेश भारत।