दोआब का पागलमै पागल हूँ दोआब का, कभी इधर गिरा, कभी उधर गिरा।एक तरफ भृगु मुनि का घाट, दूसरी तरफ मौरंग के घाट।एक तरफ मानव की भीड़, दूसरी तरफ ट्रको भीड़।मै हूँ पागल दोआब का।एक तरफ पार हुआ सटासट, दूजी तरफ पीपा पुल यमुना में डोल रहा।एक तरफ कर स्नान पुजारी, पूजा मन्दिर में करता है।दूसरी तरफ हो सवार नाव में
क्या आपको पता है कि कानपूर शहर में एक ऐसी लड़की है जिसने बड़ों-बड़ों के छक्के छुड़ा दिए कानपुर। कानपुर के साउथ सिटी स्थित बर्रा की रहने वाली स्नेहा सिंह उर्फ डाली का स्टार गोल्ड प्रो कबड्डी लीग 2017 में चयन होने पर परिवार के लोगों ने जमकर खुशियां मनाईं।ढोल
होली के सुरूर से जब पूरा देश बाहर आ चुका होता है, उसके बाद भी कनपुरियों को जमकर होली खेल ते हुए देखा जा सकता है. ये मौका होता है गंगा मेला का, होली के पांचवें दिन कानपुर में इस दिन जिस तरह से रंग खेला जाता है उस तरह से तो होली पर भी रंग नहीं खेला जाता. कानपुर में ग
कानपुर के किसोरा राज्य की आत्मबलिदानी राजकुमारी ताजकुंवरी भारत पर आक्रमण करने के पीछे मलेच्छ आक्रांताओं का उद्देश्य भारत में लूट, हत्या, बलात्कार, मंदिरों का विध्वंस और दांव लगे तो राजनीतिक सत्ता पर अधिकार स्थापित करना था। अत: भारतीयों ने भी इन चारों मोर्चों पर ही अपन
कानपुर । गणेश शंकर विद्यार्थी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के अनूठे लड़ाके थे। वे न सिर्फ राजनीति के क्षेत्र में बल्कि सामाजिक क्षेत्र में व्याप्त कुरीतियों के विरुद्ध भी संघर्ष करते रहे। वे गांधी जी के अनुयायी थे लेकिन भगत सिंह और चंद्रश
कानपुर का परेड चौराहा अब हजरतंग की तरह हो जाएगा। पहले यहां नवीन मार्केट के सौंदर्यीकरण के साथ ही मल्टीस्टोरी पार्किग का काम शुरू किया गया था, अब बीएम श्रीवास्तव मार्केट की शक्ल भी बदलने वाली है। नवीन मार्केट और पार्किग पर केडीए 50 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है तो नगर निगम भी
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कानपुर और दिल्ली का शहीद भगत सिहं के क्रांतिकारी जीवन से गहरा रिश्ता रहा है। दिल्ली में उनका बार-बार आना-जाना रहता था। उन्होंने इधर 8 अप्रैल, 1929 को केन्द्रीय असेम्बली में बम फेंका। कानपुर से छपने वाले गणेश शंकर विद्यार्थी के क्रांतिकारी अख़बार ‘प्रताप’ में नौकरी करते वक्त वे दिल्ली में साम्प्रदायि
ऐसा माना जाता है कि कनपुरिया बाई डिफ़ाल्ट मस्त होता, खुराफ़ाती है, हाजिर जवाब होता है।(जिन कनपुरियों को इससे एतराज है वे इसका खंडन कर दें , हम उनको अपवाद मान लेंगे।) मस्ती वाले न