देहरादून : किसी भी राज्य में जब नया मुख्यमंत्री बनता है तो उसकी पहली नजर अपने सरकारी आवास पर होती है। बंगलों का यह मोह उत्तराखंड के सत्ताधारियों पर भी खूब चढ़ा। उत्तराखंड के मुख्यमंत्रियों के लिए देहरादून में न्यू केंट रोड पर एक आवास 27 कऱोड खर्च कर बनाया गया लेकिन यह बंगला पिछले पांच सालों से खाली पड़ा है।
दरअसल साल 2007 में बने इस बंगले से मुख्यमंत्रियों के डरने का प्रमुख कारण एक मिथक है, जिसको लेकर यहाँ कहा जाता है कि इस बंगले पर रहने के लिए जो भी मुख्यमंत्री आया वह अपना कार्यकाल पूरा नही कर पाया। उत्तराखंड के नए सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएम बनते ही साफ़ किया था कि वह इस मिथक को नही मानते हैं लेकिन अब लकिन डर उन्हें भी है, और इसे तोड़ने के लिए वह वास्तुशात्र का सहारा ले रहे हैं।
इस बंगले पर रहने वाले मुख्यमंत्रियों के साथ क्या हुआ
उत्तराखंड के पहले सीएम नित्यानंद स्वामी ने इस आवास को केम्प कार्यालय के रूप में इस्तेमाल किया हालाँकि तब यह बंगला नया नही बना था। दूसरे सीएम भगत सिंह कोश्यारी ने भी इसे केम्प कार्यालय के रूप में ही इस्तेमाल किया। यह नया आवास 2007 में भुवनचन्द्र के कार्यकाल में बनाया गया। खडूरी इस बंगले पर सपरिवार रहे लेकिन उन्हें बीच में ही सत्ता गंवानी पड़ी।
इसके बाद रमेश पोखरियाल निशंक राज्य के सीएम बने और उन्होंने इसे और भव्य बनाया लेकिन उनकी सत्ता भी ज्यादा दिन तक नही टिक पायी। इसके बाद जब भुवनचन्द्र खंडूरी सीएम बने तो उन्होंने इस बंगले से दूरी बनाये रखी।
साल 2012 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी को सत्ता गंवानी पड़ी और उसके बाद कांग्रेस की सरकार बनी और विजय बहुगुणा इस बंगले पर रहने आये लेकिन सत्ता दो साल में उन्हें भी गंवानी पड़ी। हरीश रावत ने भी इस बंगले से दूरी बनाये रखी लेकिन अब उत्तराखंड के नए सीमा त्रिवेंद्र सिंह रावत क्या करेंगे यह देखना दिलचस्प होगा।