नई दिल्ली : स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से एक घंटे और 35 मिनट का लंबा भाषण दिया। उम्मीद की जा रही थी कि एक महीने से ज्यादा वक़्त से तनावग्रस्त जम्मू-कश्मीर के लोगों को देश के प्रधानमंत्री स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कुछ सन्देश देंगे लेकिन उनके पूरे भाषण में कहीं भी कश्मीर का जिक्र नहीं था। कश्मीर के लोग भी इस आस में जरूर होंगे कि प्रधानमंत्री लाल किले से कश्मीर को लेकर कोई सन्देश देंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शायद यही कारण था कि प्रधानमंत्री के भाषण के बाद जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती सामने आयी और कहा, जम्मू कश्मीर के ताज़ा हालात के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है।
साल 2002 में स्वतंत्रता दिवस पर अटल ने खूब किया कश्मीर का जिक्र
''जम्मू--कश्मीर के ताजा हालात के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार'' है महबूबा को यह कहने की जरूरत शायद इसलिए भी पड़ी क्योंकि कश्मीर की सबसे बड़ी समस्या अलगाववाद रहा है और वहां के लोगों में दिल्ली का अपनापन जगाना बेहद जरूरी है। बीजेपी के ही पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इस काम को कश्मीर में बखूबी किया। गौर करें तो कश्मीर का हर वाशिंदा आज भी अटल बिहारी वाजपेयी इसीलिए याद करता है। साल 2002 में 15 अगस्त के मौके पर प्रधानमंत्री के रूप में जब अटल बिहारी वाजपेयी ने लाल किले की प्राचीर से देश के नाम सन्देश दिया तो उन्होंने अपने पूरे भाषण में कश्मीर और कश्मीरियों का खूब जिक्त किया। (वीडियो में देखिये अटल बिहारी वाजपेयी का साल 2002 में दिया पूरा भाषण)
जम्मू कश्मीर में पीडीपी खुद बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चला रही है इसलिए सीएम मुफ़्ती के इस बयान से कई संकेत मिलते हैं। पहला यह जम्मू कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार के रुख से महबूबा खुश नहीं हैं। दूसरा यह जम्मू-कश्मीर में जिस तरह एक महीने से ज्यादा समय से स्कूल से लेकर कई कारोबार बंद हैं उससे लोगों का गुस्सा खुद महबूबा मुफ़्ती पर बढ़ता जा रहा है। यह बात तो स्पष्ठ है कि जिस अलगाववादियों ने पीडीपी का साथ दिया वह भी अब महबूबा के कट्टर विरोधी हो चुके हैं।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि पेशावर में हुए आतंकी हमले से उनकी आँखें नम हुई लेकिन कश्मीर में भी 55 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है और उस पर पीएम का कुछ न कहना भी कश्मीरियों को चुभा होगा। हालाँकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाक अधिकृत कश्मीर के लोगों का जिक्र जरूर किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में कहा कि वह बलोचिस्तान के लोगों का शुक्रिया अदा करते हैं। यानि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पहली बार जम्मू-कश्मीर का जिक्र न करके अगर पाक अधिकृत कश्मीर की आज़ादी की बात करते हैं तो सन्देश यही जायेगा कि प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान के बात का मुंहतोड़ जवाब दिया है जिसका जिक्र उसने अपनी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जम्मू कश्मीर को लेकर दिया।