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कौतूहल भाग 1

17 दिसम्बर 2023

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उसने जैसे ही घर का दरवाजा खोला,  सामने उसके भाई की लाश जो कि सोफ़े पर थी l
कौतूहल (एक मुश्किल तलाश), दास्तान है दिल्ली के करोलबाग की, जहां दो भाई रहा करते थे उनमे से बड़े भाई करण का दिल्ली मे ही ऑटो पार्ट्स का बिजनेस था, तो वही छोटा भाई हिमांशु दिल्ली के कौटिल्य अकादमी में यूपीएससी की तैयारी कर रहा था, दोनों भाई बड़े इत्मीनान और सुकून के साथ करोलबाग में खुद के बंगले पर रहते थे। करण का बिजनेस अच्छा चल रहा था और वो एक नेक इंसान भी था शायद इसी लिए मात्र तीस साल की उम्र मे वो एक सक्सेसफूल बिजनेसमैन बन चुका थाl
करण परिवार से भी समृद्ध था। करण का पूरा परिवार फिरोजाबाद मे रहता था जिसमें उसके मां बाप और दादाजी थे l करण के पिता फिरोजाबाद के रिटायर्ड एसपी थे और अपनी ईमानदारी के कारण प्रसिद्ध थेl
इनके कार्यकाल मे फिरोजाबाद मे हर जगह शांति थी गुंडागर्दी और चोरी डकैती सब खत्म हो चुकी थी l
करण ने अपनी एमबीए की पढ़ाई के बाद से ही दिल्ली मे ऑटो पार्ट्स का एक छोटा सा स्टार्ट अप किया जो देखते ही देखते भारत के बारह राज्यों मे ऑटो पार्ट्स सप्लायर के रूप मे उभरा, और फिर अपने सभी मज़दूरों से उसका बर्ताव भी अच्छा था, वो उनकी हर छोटी मोटी तकलीफ में उनका साथ दिया करता था, इसलिये मजदूर भी उसे अपना भगवान मानते थे l
तो वही दूसरी ओर हिमांशु थोड़ा लापरवाह और आलसी किस्म का व्यक्ति था पर अपने भाई को पिता के समान इज़्ज़त देता था, और करण भी उस पर अपनी जान छिड़कता था और इसलिए उसे भी अपने साथ दिल्ली ले जाकर यूपीएससी की तैयारी करवा रहा था l
सब कुछ बढ़िया चल रहा था पर दिल्ली में अपने घर से दूर रहकर हिमांशु बुरी संगत में आ गया और दारू सिगरेट और गांजे का नशा करने लगा, जिसकी करण को भनक तक न लगी क्योंकि वो ज्यादातर बिजनेस के सिलसिले मे दिल्ली के बाहर ही रहा करता था, और इसी बात का फायदा हिमांशु उठाता था, और अपने अय्याश दोस्तों को बंगले पर बुलाकर नशे किया करता था ये सब बातें बंगले के नौकर बब्बन काका को बिलकुल भी पसंद न थी, पर हिमांशु ने उनको धमका रखा था, कि यदि भैया को कुछ भी बताया तो वो उसे नौकरी से निकाल देगा, इसलिए बब्बन भी इन बातों को करण से छुपाकर रखता था l
एक दिन करण के दिल में अचानक ही बात आई, कि हिमांशु हर दूसरे तीसरे दिन नए नए बहाने से हजारों रुपये माँगा करता है, तो वो इतने पैसों का करता क्या है, फिर दूसरे ही पल करण को लगा कि शायद में हिमांशु को गलत समझ रहा हूं, हो सकता है कि अपने दोस्तों के साथ पार्टी औऱ मूवी वगैरह में पैसे खर्च हो जाते होंगे इसलिए शायद हिमांशु पैसे माँगा करता है और फिर वो सो जाता है l
फिर एक दिन करण हिमांशु को बुलाकर उसे बताता है, कि में बिजनैस के सिलसिले में उत्तराखंड जा रहा हूं, तो तुम अपना ध्यान रखना और उसे कुछ पैसे देते हुए कहता है, कि और जरूरत हो तो मांग लेना और इतना कहकर करण निकल जाता है l तो इधर हिमांशु रात को अपने अय्याश दोस्तों को बंगले पर बुला लेता है, पर किसी वजह से करण का उत्तराखंड जाना केन्सिल हो जाता है, और वो अपने बंगले पर वापस आता है जहां का नज़ारा देखकर तो उसके होश ही उड़ जाते है..... । वो हिमांशु के सभी अय्याश दोस्तों को बंगले से बाहर निकाल देता है, और हिमांशु से बात करता है किन्तु हिमांशु नशे की हालत में होने से, सही तरीके से बात तक नहीं कर पा रहा था, जिस पर करण ने उसे सोने के लिए अकेला छोड़ दिया, और खुद भी अपने कमरे में आकर चिन्तित अवस्था में बैठ गया, और फिर बब्बन काका खाने की थाली लेकर करण के कमरे में आ गए, उन्हें देखकर करण ने उनसे पूछा कि काका मेरे जाने के बाद ये सब क्या और कब से चल रहा है, जिस पर बब्बन ने उसे सारी कहानी सुना दी और ये सच छुपाये रखने की लिए माफी मांगने लगे, पर करण ने उन्हें समझाया कि कोई बात नहीं आप बेफिक्र रहो आप को कोई नौकरी से नहीं निकालेगाl
अगले दिन जिसका करण बेसब्री से इंतजार कर रहा था उसने अपने भाई हिमांशु का नशा उतरने के बाद उससे बात की, और उसे उसकी इस हरकत पर डांटने लगा, जिस पर हिमांशु भी माफी मांगने लगा पर करण ने उसे कुछ दिनों के लिए वापस फिरोजाबाद जाने को कहा, ताकि वहां रहकर शायद घरवालों की नज़रों के सामने रहने से उसकी नशे की लत छुट जाये, और घर पर बात कर, हिमांशु के आने की सूचना भी दे दी, किन्तु कुछ बताया नहीं हिमांशु भी भैया की डांट से बहुत अधिक परेशान हो गया, क्योंकि जीवन में पहली बार भैया ने उसे डाँटा था, और फिर अपने भाई की बात मानकर वो घर जाने को राजी हो गया और करण अपने बिजनैस के काम से एक हफ्ते के लिए बेंगलुरु चला गयाl

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रभा मिश्रा 'नूतन'

प्रथम भाग ही बहुत रोचक लगा बाकी भाग भी पढ़ना दिलचस्प होगा कृपया होम पेज पर मेरी कहानी कचोटती तन्हाइयां पढ़कर सभी भागों पर अपना लाइक और रिव्यू देकर आभारी करें 😊🙏

12 सितम्बर 2024

मीनू द्विवेदी वैदेही

मीनू द्विवेदी वैदेही

बहुत ही सजीव चित्रण किया है आपने 👌 आप मेरी कहानी प्रतिउतर और प्यार का प्रतिशोध पर अपनी समीक्षा जरूर दें 🙏

18 दिसम्बर 2023

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रचनाएँ
कौतूहल
5.0
कौतूहल एक मुश्किल तलाश दास्तान है दिल्ली में रहने वाले दो भाइयों की, जिनमे से छोटे भाई की हत्या कर दी जाती हैं l और फिर कातिल की तलाश में इस कहानी का सृजन होता है, जो कि जोरदार सस्पेंश, एक्शन, थ्रिलर और रोमांच से भरपूर है।
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कौतूहल भाग 1

17 दिसम्बर 2023
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उसने जैसे ही घर का दरवाजा खोला, सामने उसके भाई की लाश जो कि सोफ़े पर थी l कौतूहल (एक मुश्किल तलाश), दास्तान है दिल्ली के करोलबाग की, जहां दो भाई रहा करते थे उनमे से बड़े भाई करण का दिल्ली मे ही

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कौतूहल भाग 2

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भाग 1 में आपने देखा कि हिमांशु को कुछ दिनों तक फिरोजाबाद जाने का कहकर करण बिजनेस के काम से बेंगलुरु चला गया था। पर उसे क्या पता था कि दिल्ली में एक नया रहस्य उसका इंतजार कर रहा है lकरण बंगलुरु से लौटा

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कौतूहल भाग 3

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इधर पुलिस हिमांशु की कॉल डिटेल्स चेक करती हैं तो पुलिस को पता चलता है कि, हिमांशु ने लास्ट कॉल उसने पिता को किया था, और साथ ही पिता को कॉल करने से कुछ देर पहले उसके दोस्त रमन को भी कॉल किया गया था। इस

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कौतूहल भाग 4

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अब तक आप लोगों ने पढ़ा कि पुलिस ने उस फार्मूला से बने कीटनाशक के खरीदारों की जानकारी हांसिल कर ली, पर एसा कोई भी व्यक्ति न मिला जो शक के दायरे में आए फिर इसी क्रम में जब पुलिस ने एक लोकल डिस्ट्रीब्यूट

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कौतूहल भाग 5

17 दिसम्बर 2023
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विनय ने देखा कि उस सुनसान इलाके में किसी इंसान को घसीट के ले जाने के निशान थे, जो कि ट्रैक के आसपास की मिट्टी के दरदरी और बालू समान होने के कारण दिखाई दे रहे थे, पर कुछ दिन पुराने हो

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कौतूहल भाग 6

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विनय ने वेन के मालिक से पूछताछ की, तो उसने बताया कि वो ड्राइवर है और वेन से बच्चों को स्कूल छोड़ने और वापस लाने का काम करता था।और उस दिन भी उसने शाम को बच्चों को स्कूल से घर छोड़ने के बाद, वेन को घर क

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कौतुहल भाग 7

17 दिसम्बर 2023
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विनय ने अगले ही दिन शहर के सभी पेट्रोल पंप पर पूछताछ की, और उस दिन की फुटेज चेक की जिस दिन कार चोरी हुई थी। यहां विनय को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगती है जब उसे एक पेट्रोल पंप के फुटेज में एक व्यक्ति

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कौतूहल भाग 8

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अब जहाँ एक ओर विनय उस ड्रग्स के बारे में सोचकर परेशान था, तो वही दूसरी ओर करण के पिता विनय को फोन पर करण के लापता होने की सूचना देते हैं....।जिसे सुनकर विनय के होश उड़ गये, और फिर वो इसे विस्तारपूर्वक

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कौतूहल भाग 9

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ये सब बातें चल ही रही होती हैं, कि विनय अचानक ही करण के पिता को फोन करता है, औऱ उनसे करण की कार के बारे में पूछताछ करता है, फिर करण के पिता विनय को बताते है, कि जब में दिल्ली आया तो कार बंगले पर ही थ

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कौतुहल भाग 10

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फिर विनय उस वकील से मिलने जाता है और उससे पूछता है कि वो रोहित से किस सिलसिले में मिला था जिस पर वकील अपने क्लाइंट के बारे में कोई भी जानकारी देने से स्पष्ट मना कर देता है फिर विनय उस वकील के साथ जोर

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कौतूहल भाग 11

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अब एक और जब विनय उस नंबर पर फोन करता है जिससे करण ने रणवीर को फोन किया था, पर वो नंबर आउट ऑफ कवरेज एरिया बताया गया और फिर विनय इस नंबर को ट्रेस करने के लिए भेज देता है तो वहीं दूसरी ओर इंस्पेक्टर को भ

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कौतूहल भाग 12

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रोहित ने बताया कि जिस रात में करण से मिलने वाला था उसके कुछ ही दिन बाद मेरे पास करण का फोन आया..... और उसने मुझे उसकी प्रॉपर्टी सेलिंग कागजात बनवाने का बोला जिस पर मैंने उससे कारण जानने की कोशिश भी की

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कौतूहल भाग 13

17 दिसम्बर 2023
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सर हमने ही करण को किडनैप किया था.........हमने ही हिमांशु को ज़हर दे कर मारा था.......और बब्बन को भी हमने ही मारा है.........अब हमे मत मारो सर हम सब बताते है......दोनों गिड़गिड़ाते हुए विनय से कह

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कौतूहल भाग 14

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अब चूंकि करण के पिता फिरोजाबाद में ही रहते थे, तो इसलिए शायद वो संग्राम को जानते हों......... ये सोचकर विनय उनसे इस बारे मैं बातचीत करने के लिए और साथ ही करण के मिलने की सूचना देने के लिए, करण क

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कौतूहल भाग 15

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विनय रुको..... तुम कहां जा रहे हो..........मेरी बात तो सुनो..........तुम उसे एसे नहीं गिरफ्तार कर सकते तुम्हें वहां की लोकल पुलिस के साथ की जरूरत पड़ेगी......वो एक बाहुबली है.....चिल्लाते हुए करण के प

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