अब चूंकि करण के पिता फिरोजाबाद में ही रहते थे, तो इसलिए शायद वो संग्राम को जानते हों......... ये सोचकर विनय उनसे इस बारे मैं बातचीत करने के लिए और साथ ही करण के मिलने की सूचना देने के लिए, करण को साथ लेकर करण के पिता से मिलने के लिए बंगले पर जाता है l
जैसे ही विनय और करण दोनों बंगले पर पहुंचते है तो करण के पिता जो कि बंगले के बाहर एक गहरी चिंता में बैठे हुए थे, अचानक करण को देखकर खुशी से झूम उठते है....l
करण...... बेटा तुम कहां थे इतने दिन........तुम ठीक तो हो न.......उन्होंने तुम्हें मारा पीटा तो नहीं........क्या हुआ था तुम्हारे साथ........तुम्हें पता है मैं कितना परेशान हो रहा था........ एक साथ इतने सारे सवालों की बौछार करते हुए करण से लिपटकर उसके पिताजी फुट फुट कर रोने लगते है......l
मुझे कुछ नहीं हुआ पिताजी......में बिलकुल ठीक हूं..........आप घबराईये मत........ मुझे विनय सर ने अपनी सूझबूझ और दिलेरी से बचाया है.................ये मेरे लिए भगवान बनकर मेरी मदद करने के लिए आए......और मुझे उन दरिंदों से बचाया एसा कहते हुए करण ने अपनी किडनैपिंग के बारे में सारी कहानी अपने पिता को सुना दी, जिस पर करण के पिता हाथ जोड़कर विनय का शुक्रिया अदा करते हैं ...l
सर में आपको अपना गुरु मानता हूं.......ये आप क्या कर रहे हैं.......मुझे शर्मिन्दा मत करिए........कहते हुए विनय करण के पिता को गले लगा लेता है....l
फिर तीनों लोग बैठ कर आपस में बातें करने लगते है....l
फिर विनय करण के पिता से संग्राम सिंह के बारे में पूछता है कि ये कौन है क्या आप इसे जानते है l
क्या नाम बताया तुमने.........संग्राम सिंह.............तुम इसके बारे में क्यों पूछ रहे हो.....करण के पिता बड़े ही आश्चर्य के साथ विनय से पूछते है, जिस पर विनय उन्हें बताता है कि संग्राम सिंह ने ही हिमांशु और करण को मारने की सुपारी दी थी.....l
ओह.... तो........ये बीस साल पुराना बदला अब ले रहा है....
लगता है वो अभी तक उस बात को नहीं भूला........करण के पिता खुद से ही बोल पड़ते है l
कैसा बदला सर........कौन सी बात........ये आप क्या कह रहे है......मेरे समझ में कुछ नहीं आ रहा......एसा कहते हुए विनय, करण के पिता की ओर बड़ी जिज्ञासा से देखता है l
ये संग्राम सिंह वहीं व्यक्ति है जिसके दो जवान बच्चों को मैंने पुलिस एन-काउन्टर में मार डाला था, क्योंकि वो दोनों पुलिस पर हमला कर रहे थे l और संग्राम सिंह को भी मैंने गिरफ्तार कर लिया था जिस पर इसने मुझे धमकी दी थी कि तेरे भी दो बच्चे है जिन्हें में जिंदा नहीं छोड़ूंगा.... एसा कहते हुए करण के पिता बीस वर्ष पुरानी दास्तान विनय को सुनाते हैं l
सर जब आपने उसे गिरफ्तार किया तो उसके बाद क्या हुआ वो कैसे छूट गया......l
जिस पर करण के पिता विनय को बताते है कि वकील को पैसे खिलाकर संग्राम सिंह कोर्ट से बरी हो गया था पर इस घटना के बाद जब तक मेरी पोस्टिंग फिरोजाबाद में रही तब तक तो वो शांत रहा पर जैसे ही में रिटायर्ड हुआ तो उसने धीरे-धीरे फिर से अपने गोरख धंधे चालू कर दिए और वर्तमान मे पूरा फिरोजाबाद उससे डरता है वो वहां का बहुत ही बड़ा बाहुबली है पर मुझे लगा था कि वो ये सब भूल गया होगा पर.........l
मौत से ही मौत का, शुरू जब हिसाब हुआ l
उठ गया पर्दा, कातिल भी बेनक़ाब हुआ ll
उलझनों से जो जीता, जुनून था विनय का l
केस अब ये जैसे, एक खुली किताब हुआ ll
बीस वर्ष पहले भले ही वो बच गया पर अब मैं उसे नहीं छोड़ूंगा........उसने बहुत बड़ी गलती की है.....इसकी सजा तो मैं उसे देकर ही रहूंगा....गुस्से मे विनय वहां से निकला l