रोहित ने बताया कि जिस रात में करण से मिलने वाला था उसके कुछ ही दिन बाद मेरे पास करण का फोन आया..... और उसने मुझे उसकी प्रॉपर्टी सेलिंग कागजात बनवाने का बोला जिस पर मैंने उससे कारण जानने की कोशिश भी की पर उसने कुछ नहीं बताया और फिर इसलिए करण के कहने पर मैं वकील से कागजात बनवाने के लिए मिला और उसे ये बात छुपा कर रखने के लिए दो लाख रुपये देने का भी बोला जैसा कि मुझे करण ने कहा था मैंने करण से ये जानने की कोशिश भी की वो इस बात को क्यों छुपा रहा हैं जिस पर उसने मुझसे कहा कि वो मुझसे मिलकर सारी बात बताएगा और जल्द से जल्द कागजात बनवा कर सिग्नेचर करवाने का बोलकर मुझे दोबारा फोन करने का कहकर फोन काट दिया........l
फिर वकील ने मुझे एक काग़ज़ पर करण के उँगलियों के निशान और उसके सिग्नेचर करवाने का कहा....l
और फिर करण ने मुझे दोबारा फोन किया तो उसने मुझे कागजात लेकर साकेत कॉलोनी के पास बुलाया और मैं जब उससे मिलने के लिए वहां तो एक आदमी मुझे लेकर उसी कॉलोनी के एक सुनसान मकान के अंदर ले गया जहां पर दो लोगों ने करण को अगवा कर के रखा हुआ था जिसके बाद करण ने कागजात पर सिग्नेचर कर दिए और मुझसे कहा कि जल्द से जल्द में वो प्रॉपर्टी बेचकर किडनैपर को पैसे दे ताकि वो करण को छोड़ दे..........l
फिर मैं जब वापस आने लगा तो किडनैपर ने मुझे इस बात की धमकी दी कि यदि मैंने किसी को कुछ भी बताया तो वो मेरे परिवार को और मुझे मार डालेगा...l
और उसके बाद मैं वापस आ गया....
पर मैंने किडनैपर की गाड़ी का नंबर नोट कर लिया था....
एसा कहते हुए रोहित ने विनय और पूरे स्टाफ को सब कुछ बता दिया.........l
इधर रोहित की बात खत्म भी नहीं हो पाई थी कि विनय ने फटाफट अपनी गाड़ी स्टार्ट की और इंस्पेक्टर को फोर्स के साथ उसके पीछे आने का बोलकर वो रोहित को गाड़ी में बिठाकर किडनैपर को पकड़ने के लिए एक रॉकेट की भांति गाड़ी चलाकर चल दिया...l
और चलते चलते ही शहर के हर थाने और चौकी पर वायरलेस कर दिया कि ब्लैक स्कॉर्पियो जिसका नंबर DL 5C X5X6 है जहां भी दिखे इसे रोक कर मुझे सूचित करे..........l
इस वायरलेस से पूरी फोर्स शहर के चप्पे चप्पे पर barricads लगा कर इस स्कॉर्पियो की तलाश में लग जाती हैं...............l
इधर विनय जब उस मकान पर पहुंचकर अंदर जाता है तो उसे वहां पर कोई नहीं मिलता.......l
लगता है उन्हें इस बात की सूचना मिल चुकी थी कि रोहित हमारे हाथ लग गया है इसलिए वो करण को लेकर भाग गए होंगे ........बड़े ही निराश शब्दों मे विनय ने कहा.......l
और फिर पल पल विनय वायरलेस पर उस गाड़ी के बारे मैं पूछताछ करने लगा.......l
तभी विनय के फोन की घंटी बजती है और फोन उठाता है........
तुम पागल हो गए हों क्या........ये क्या घड़ी-घड़ी शहर मे बवाल मचाते फिर रहे हो....... पूरे शहर मे हर रोड पर चेकिंग....... तुम्हें पता है पब्लिक कितनी परेशान हो रही है........तुम तत्काल मुझसे मिलने आओ मैं तुम्हारा इंतजार कर रहा हूं......कहते हुए कमिश्नर ने फोन काट दिया........l
फिर विनय इंस्पेक्टर से रोहित को लेकर वापस जाने का कहकर कमिश्नर साहब से मिलने के लिए निकल जाता है.......l
खत्म हुआ अब खेल ये सारा
और कातिल बेनक़ाब हुआ
कौतूहल के अंत से उत्सुक
शहर ये सारा बेताब हुआ
विनय कमिश्नर साहब के ऑफिस पहुंच कर उनसे मिलता है......l
देखो विनय मुझ पर उपर से प्रेशर है में तुम्हें इस केस से हटा रहा हूं........ अब ये केस कोई और देखेगा...... तुम फौरन यहां से निकल जाओ...... क्यों कि अब यहां शायद तुम्हारी जान को खतरा है जिसकी मुझे सूचना मिली है........कमिश्नर बड़े ही इत्मीनान से विनय को समझाता है l
सर में मरने से नहीं डरता........अब तो मैं कातिल के करीब हूं.....और आप.........क्या कातिल ने आपको भी तो नहीं खरीद लिया ......... विनय बड़े ही निराश शब्दों में बोलता है l
तुम पागल हो गए हों......अपने सीनियर ऑफिसर से किस तरह बात करनी चाहिए शायद तुम अपने पागलपन में ये भी भूल गये हों......l
सॉरी सर.....पर मैं आपसे विनती करता हू की मुझे बस 48 घंटे का समय दे दो......अगर मैंने कातिल को बेनक़ाब न किया तो मैं खुद ही ये केस छोड़ दूँगा......l
अच्छा ठीक है बस 48 घंटे.......और ध्यान रहे इस दौरान कोई और नया बखेड़ा मत खड़ा कर देना की मुझे जवाब देना भी मुश्किल पड़ जाये.....l
ओके सर.....थैंक्स.....इतना कहकर विनय वहां से लौट आता है और आते ही इंस्पेक्टर से पूछता है कि क्या हुआ कुछ पता चला जिस पर इंस्पेक्टर उसे बताता है कि अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली. l
इधर विनय कुछ फोर्स इकट्ठी कर उन्हें सात भागों में विभाजित कर शहर के हर एक कोने हर एक सुनसान इलाके में उस गाड़ी की तलाश में भेज देता है....l
और करीब दो घंटे बीत जाने के बाद विनय का फोन बजता हैं फिर विनय फोन उठाता है...............l
सर हमने वो गाड़ी आगरा रोड पर पकड़ ली है............ और करण और किडनैपर दोनों ही हमारी गिरफ्त में है ..........एक कांस्टेबल विनय को सूचना देता है.......l
शाबाश शेरों.......मुझे तुमसे यही उम्मीद थी........मुझे अभी तुम्हारी लोकेशन भेजो में तत्काल वहीं पहुंचता हूं........और ध्यान रहे इस बार कोई गलती नहीं होना चाहिए........l
खुशी से पागल विनय बिजली की रफ्तार से उस लोकेशन पर पहुंच गया और करण से मिला और फिर करण डर से सहमा हुआ विनय से लिपट जाता है..l
विनय उन दोनों को थाने पर लाकर ताबड़तोड़ पिटाई करता है उन्हें इस कदर मारता है कि उनकी रूह कांप जाती हैं और दोनों बड़े ही दर्दनाक स्वर में चिल्लाते है हमे मत मारो हम सब सच बता देंगे फिर विनय उन्हें हवालात में ही बैठाकर उनसे सारा वृत्तांत पूछता है..
गीदड़ों से डरकर शेर
कभी जिया नहीं करते
नाकामी का अलाप वो
बेवजह किया नहीं करते
मुश्किलें भी लाख आती है
राह में बेशक, पर कभी
भयभीत हो मंज़िल को
दरकिनार किया नहीं करते