विनय ने वेन के मालिक से पूछताछ की, तो उसने बताया कि वो ड्राइवर है और वेन से बच्चों को स्कूल छोड़ने और वापस लाने का काम करता था।
और उस दिन भी उसने शाम को बच्चों को स्कूल से घर छोड़ने के बाद, वेन को घर के सामने पार्क कर दिया, पर जब सुबह बच्चों को स्कूल छोड़ने जाने के लिए लिये निकला, तो वेन चोरी हो चुकी थी और उसने इसकी रिपोर्ट भी थाने में दर्ज की थी l
इधर विनय उस वेन की तलाश में लग जाता है, और
शहर के हर एक चौराहे की उस दिन की सीसीटीवी फुटेज चेक करवाता है जिससे विनय को कुछ भी पता नहीं लग पाता, और विनय भी समझ जाता है कि वेन को चोरी करने के बाद लाश को उठाने के लिए वेन को किसी एसे रास्ते से ले जाया गया ताकि किसी भी चौराहे से न गुजरना पड़े।
वो तो मजबूरन कातिल द्वारा लाश को रेल्वे ट्रैक पर ले जाने के लिए वेन को पगडंडी वाले रास्ते तक पहुंचाने के लिए चौराहे से ले जाना पड़ा l
क्योंकि ये ही एकमात्र रास्ता था जिससे वेन जा सकती थी अन्यथा वो तो चौराहे से वेन को ले ही न जाता l
अब विनय एसी स्थिति में था कि इतना सब कुछ करने के बावजूद भी मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई थीं l
काफी मशक्कतों के बाद विनय को वो वेन एक सुनसान जगह पर खड़ी हुई मिल जाती है, जिसके बाद विनय बड़ी ही बारीकी से वेन का मुआयना करता है l उसके अंदर से लाश की दुर्गंध अभी तक आ रही थी, साथ ही वेन की पीछे वाली सीट पर जुट के बोरे के रेशे और दो तीन बाल भी मिले थे। जिसे विनय ने फॉरेंसिक जांच के लिए भिजवा दिया...l फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट के मुताबिक ये बाल बब्बन के ही थे और विनय ने इस बात की सूचना करण के पिता को भी दी l
विनय के मुताबिक अब ये केस लगभग पचास प्रतिशत साल्व हो चुका था, अब बचा था तो केवल उसे पकडना जिसने ये वेन चुराई थी और विनय भी जुट गया चोर की तलाश में.......l
विनय फिर से उसी स्थान पर जाता है, जहां पर वेन मिली थी और आसपास के स्थान का मुआयना करता है तो उसे एक बोरा मिलता है जिससे वैसी ही दुर्गंध आ रही थी, जैसी वेन से आ रही थी मतलब ये वही बोरा था, जिसमें बब्बन की लाश को लपेटा गया था l
जिसके बाद विनय उस स्थान के आसपास के इलाकों में पूछताछ करता है पर कोई भी जानकारी नहीं मिलती है और देखते ही देखते रात हो जाती है l
रात को खाना खाने के बाद विनय इस केस के सिलसिले में अपने फ्रैंड और सीनियर ऑफिसर कमलेश से फोन पर बात करता है जिस पर कमलेश सारा वृत्तांत सुनने के बाद विनय से ये पूछता हैं कि वेन जिस घर से चोरी हुई वहां से वो रेल्वे ट्रैक के बीच की दूरी लगभग कितनी होगी, औऱ फिर रेल्वे ट्रैक से उस स्थान की दूरी भी पूछता जहाँ पर ये वेन मिली जिस पर विनय द्वारा बताया गया कि दोनों दूरियां जोड़कर तकरीबन बीस से बाईस किलोमीटर होगी, पर विनय को बिलकुल भी समझ नहीं आ रहा था कि कमलेश यह सब कुछ क्यों पूछ रहा है l
फिर कमलेश ने विनय से कहा यदि वेन सीधे रास्ते से न ले जाकर घुमा फिरा कर ले जाइ गई थी तो इसका मतलब ये दूरी लगभग दस किलोमीटर और बढ़ गई होगी जिस पर विनय भी कमलेश से सहमत था।
पर इन सब से क्या होना है ये विनय को बिलकुल भी समझ मे नही आ रहा था l
और फिर कमलेश ने इन्हीं सब जोड़ घटाव के बाद केस को लेकर विनय को एक एसी सलाह दी, कि विनय इतना खुश हुआ जैसे कि उसका हाथ कातिल तक पहुंच हीं गया हो.............l
फिर विनय ने कमलेश को धन्यवाद देते हुए फोन काट दियाl
था करीब पर, हाथ न आया।
जाने कहां, खुद को था छुपाया।।
खैर नहीं, उस जालिम की अब।।
जिसने भी था, ये खेल रचाया।।