भाग 1 में आपने देखा कि हिमांशु को कुछ दिनों तक फिरोजाबाद जाने का कहकर करण बिजनेस के काम से बेंगलुरु चला गया था। पर उसे क्या पता था कि दिल्ली में एक नया रहस्य उसका इंतजार कर रहा है l
करण बंगलुरु से लौटा तो उसने देखा, कि उसके भाई की लाश सोफ़े पर पडी हुई थी ये देखकर वो घबरा गया और बब्बन काका को आवाज दी, तो पता लगा कि वो तो खुद ही लापता है ये सब देखकर करण हिमांशु कि लाश से लिपटकर रोने लगता है, और फिर पुलिस को सूचना दे कर अपने घर पर बात करता है जिस पर उसके पिता उसे बताते है कि उसके द्वारा हिमांशु के आने की सूचना मिलने के कुछ देर बाद ही हिमांशु का कॉल आया और उसने बताया कि भईया ने मुझे अभी फिरोजाबाद आने को मना कर दिया है, मैं अगले हफ्ते आऊंगा और इतना कहकर फोन काट दियाl फिर करण अपने पिता को हिमांशु के मौत की सूचना देता है, जिससे उसके पिता बदहवास होकर तत्काल दिल्ली के लिए निकल पड़ते है इतने में पुलिस भी आ जाती है, और लाश का मुआयना कर करण से पूछताछ करती है, जिस पर करण भी पुलिस को सारी बातों से रुबरु करवाता है। इधर काफी पड़ताल करने के बाद पुलिस को ये आत्महत्या प्रतीत होती है, पर करण इसे आत्महत्या मानने से इंकार कर देता है और पुलिस को बताता है कि हिमांशु एसा नहीं कर सकता, उसे जरूर किसी ने मारा है और फिर अपने नौकर बब्बन के लापता होने के बारे मे भी पुलिस को बताता है l
करण की बात सुनकर पुलिस उसके नौकर के बारे मे पूछताछ करती है जिस पर करण उन्हें बताता है, कि पिछले तीन साल से बब्बन उनके साथ ही उनके बंगले में नौकरी करता था, और हिमांशु ने कई बार उसे अपनी नशे की लत के बारे मे मुझे बताने पर उसे नौकरी से निकाल देने की धमकी दी थी, इन सब बातों को सुनकर, साथ ही बब्बन के लापता होने से पुलिस का शक बब्बन पर जाता है, और पुलिस बब्बन की तलाश में लग जाती है और लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज देती हैl इधर करण के पिता भी दिल्ली पहुंच कर करण से मिलते है तो करण भी विस्तार से सारी बातें पिता को बता देता है जिस पर करण के पिता करण को उसकी मां को कुछ भी न बताने की राय देते हैं, क्योंकि वो दिल की मरीज़ है और ये सदमा बर्दाश्त न कर पाएगी, जिस पर करण अपने पिता से लिपटकर रोने लगता है l
अगले दिन करण और उसके पिता को थाने पर बुला कर इंस्पेक्टर द्वारा उन्हें बताया जाता है, कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के अनुसार हिमांशु की मौत तकरीबन पांच-छह दिन पहले ज़हर खाने की वजह से हुई है, जिससे करण का शक भी बब्बन की ओर ही जाता है, कि शायद बब्बन ने ही हिमांशु को खाने में ज़हर मिलाकर खिला दिया होगा, और वो अपने पिताजी को भी इस बारे मे बताता है कि शायद नौकरी से निकाल दिये जाने की धमकी से बब्बन ने ही हिमांशु को ज़हर दे दिया हो, पर करण के पिता ने इस बात पर असहमति व्यक्त करते हुए करण से कहा कि इतनी छोटी सी वजह से बब्बन हिमांशु को नहीं मार सकता इसके पीछे कोई और ही है, जिसके लिए बब्बन का मिलना बहुत जरूरी है। और फिर करण अपने पिता को लेकर बब्बन के घर जाता है जहाँ पहुंच कर उसे पता लगता है कि कुछ दिन पहले बब्बन आया जरूर था पर कुछ देर रुककर वो निकल गया था, जिसके बाद वो अभी तक घर नहीं आया और इतना कहकर बब्बन की पत्नी रोने लगती हैं फिर करण उन्हें सांत्वना देते हुए, बब्बन को जल्दी ही ढूंढ निकालने की हिम्मत देता है l